BeyondHeadlines News Desk
लखनऊ : रिहाई मंच ने सपा सरकार पर हाशिमपुरा जनसंहार के इंसाफ़ के मुद्दे को भटकाने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस मामले में सरकार अपने कुछ बिचौलिए मुस्लिम नेताओं के ज़रिए लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है. मंच हाशिमपुरा, मलियाना के सवाल पर प्रदेश व्यापी मुहिम चलाकर सपा सरकार के गुमराह करने की कोशिश को असफल करेगा.
रिहाई मंच के अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब ने कहा कि हाशिमपुरा को इंसाफ़ सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआईटी जांच से मिल सकता है, जिसके लिए प्रदेश सरकार ने अब तक कोई पहल नहीं की है. वह बार-बार अपील करने की बात करती है, जबकि जिस तरीके से हाशिमपुरा मामले में विवेचना अधिकारी ने दोषी पुलिस वालों को बचाने के लिए न सिर्फ झूठी विवेचना की बल्कि सबूतों को भी मिटाया, ऐसे में यह मामला जब ऊपरी अदालत में जाएगा तो वह दोषियों को ही बचाएगा, जैसा की सरकार भी चाह रही है.
उन्होंने कहा कि हाशिमपुरा ही नहीं मलियाना, मुरादाबाद, कानपुर सांप्रदायिक हिंसा पर गठित जांच आयोगों की रिपोर्टें सरकार के तहखानों में कैद हैं. इन रिपोर्टों को सरकार इसलिए सार्वजनिक नहीं कर रही है, क्योंकि इन रिपोर्टों में बेगुनाहों के हत्यारे पुलिस वालों के खिलाफ़ सबूत है, जैसा कि निमेष आयोग में था.
अगर अखिलेश इंसाफ करना चाहते हैं तो वह इन आयोगों की रिपोर्टों को जारी कर दें. न कि कुछ बिचैलिए नेताओं, जिन्होंने मेरठ के होने के बावजूद कभी भी हाशिमपुरा के सवाल को नहीं उठाया और फैसला आने के बाद जब हाशिमपुरा की गलियों में काले झंडे बांधकर विरोध हो रहे थे, तब सरकारी पदों की रेवड़िया पाकर मेरठ में मिठाई बांट रहे थे, को आगे कर ऊपरी अदालत में अपील करने का नाटक करें.
उन्होंने कहा कि हाशिमपुरा जनसंहार के आरोपी पुलिसकमिर्यों को मुलायम सिंह यादव की पिछली सरकारों ने किस तरह बचाया और उन्हें प्रमोशन तक दिया यह पूरा प्रदेश जानता है. लिहाजा सपा सरकार द्वारा इस मसले पर गुमराह करने की कोशिशें सफल नहीं होने जा रही हैं.
रिहाई मंच इस सवाल पर पूरे प्रदेश में अभियान चलाकर इस तरह की कोशिशों और उसके पीछे सपा के मुस्लिम नेताओं की भूमिका को उजागर करेगा.
