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जानिए! बाबा रामदेव की झूठ और किसने इंकार किया ‘पद्म अवार्ड-2015’ लेने से?

BeyondHeadlines News Desk

सूचना के अधिकार से हासिल महत्वपूर्ण दस्तावेज़ बताते हैं कि इस साल जाने माने फिल्म कथाकार सलीम ख़ान, पूर्व राजनयिक के.एस. बाजपेई और आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रवि शंकर, मोहम्मद बुराहनुद्दीन और माता अमृतानंदमयी ने पद्म अवार्ड स्वीकार करने से इनकार कर दिया था, जबकि बाबा रामदेव पर इस पुरस्कार के लिए कोई विचार ही नहीं किया गया था.

यह जानकारी प्रसिद्ध आरटीआई कार्यकर्ता सुभाष अग्रवाल को गृह मंत्रालय एक आरटीआई के जवाब में दिया है. आवेदन के ज़रिए श्री अग्रवाल उन लोगों के नाम मांगे थे, जिनका चुनाव नागरिक पुरस्कार के लिए किया गया था, लेकिन उन्होंने इसे लेने से मना कर दिया था. इस तरह इस आरटीआई में पद्म अवार्ड  के संबंध में 28 सवाल पूछे गए थे.

गौरलतब है कि 26 जनवरी 2015 को अवार्ड दिए जाने से दो दिन पहले रामदेव ने दावा किया था कि उन्होंने पुरस्कार स्वीकार करने से मना करने के लिए गृह मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखा है, क्योंकि उन्हें जानकारी मिली थी कि उनके नाम पर विचार किया गया है. लेकिन सच्चाई कुछ और है. क्योंकि इस आरटीआई जवाब में मंत्रालय ने सुभाष अग्रवाल को वो वेबसाइट भी रेफर किया है, जिस पर उन लोगों की सूची है, जिनके नामों पर पद्म अवार्ड के लिए विचार किया गया था और जिन्हें अंतिम सूची में शामिल किया गया था, लेकिन इसमें योग गुरू बाबा रामदेव का नाम नहीं है.

मंत्रालय ने अपने जवाब में कहा है -‘पद्म पुरस्कार समिति की बैठक 31 अक्तूबर, पांच दिसंबर और 13-14 दिसंबर 2014 को दो दिन के लिए आयोजित हुई थी. बैठक के मिनटों को संभाल कर नहीं रखा गया है.’ मंत्रालय ने उन लोगों के बारे में जानकारी देने से इनकार कर दिया जिनके नामों की सिफारिश की गई थी, लेकिन सीबीआई, आईबी और कर प्राधिकारियों जैसी एजेंसियों की आपत्ति की वजह से उन पर चर्चा नहीं की गई. मंत्रालय ने कहा कि ऐसी एजेंसियों से प्राप्त जानकारियां गुप्त प्रकृति की होती हैं और आरटीआई के तहत नहीं दी जा सकती हैं.

इसमें कहा गया है कि खोज समिति की बैठक 21 अगस्त 2014 और आठ सिंतबर 2014 को हुई थी. रामदेव ने हाल ही में यह कहकर विवाद पैदा कर दिया था कि पद्म पुरस्कार के लिए लाबिंग होती है.

इस बीच पद्म पुरस्कार-2016 के लिए सुझाव और नामांकन प्राप्त करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. एक संक्षिप्त संस्तुति (अधिकतम 800 शब्द) के साथ निर्धारित प्रपत्र में नामांकन भेजे जा सकते हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार, पद्म पुरस्कार-2016 के लिए नामांकनों की प्राप्ति की अंतिम तिथि 15 सितंबर, 2016 है.

इसमें कहा गया है कि निर्धारित प्रपत्र और संस्तुति के बिना प्राप्त किए गए नामांकनों पर विचार नहीं किया जाएगा. नामांकन गृह मंत्री/गृह सचिव, भारत सरकार, गृह मंत्रालय, नॉर्थ ब्लॉक, नई दिल्ली-110001 के नाम भेजने हैं.

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