Chitra Chetri for BeyondHeadlines
इस बार मौनसून की मूसलाधार बारिश ने जगह-जगह तबाही मचा रखी है. पहले असम में बाढ़, फिर मुंबई, गुजरात और अब उत्तराखंड… इस बारिश ने तो मुंबई और गुजरात का नक़्शा ही बदल दिया. कई लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ी. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक सिर्फ गुजरात में 70 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.
इंसानों के साथ-साथ इस बार बारिश से जानवर भी परेशान हैं. अब तक गुजरात में 9 एशियाई शेरों की मौत हो गई है. तो वहीं एक कालाहिरण, दो चित्तीदार हिरण और 70 नीलगाय भी मृत मिले हैं. इसके अलावा और भी कई जानवरों ने अपना दम तोड़ दिया. उनकी लाशें धीरे-धीरे अब मिल रही हैं. कई जानवर चिड़िया घर से निकल कर सड़कों पर घूम रहे हैं.
उत्तराखंड में भी हालात कुछ ज्यादा अच्छे नहीं हैं. लोगों का कहना है कि कहीं यह बाढ़ 2 साल पहले आई बाढ़ की तरह सब कुछ तबाह व बर्बाद न कर दे. हालांकि उत्तराखंड में बारिश फिलहाल रुकी हुई है, लेकिन आसमान में छाए बादल लोगों को अभी भी डरा रहे हैं. चारधाम यात्रा पर गए लोग अभी भी रास्तों में फंसे हुए हैं. रुक-रुककर हो रही बारिश से रास्ते में फंसे लोगों के बचाव के काम में बाधा आ रही है.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक उत्तराखंड के केदारनाथ में 15000 लोगों के फंसने की ख़बर है. जबकि बारिश के कारण बाढ़ में फंसे 9000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा चुका है. एनडीआरएफ (नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स) की टीम अपने 14 हेलिकॉप्टर के साथ फंसे हुए लोगों को निकालने में लगी हुई है.
असम की हालत तो और भी भयावह है. मुंबई, गुजरात व उत्तराखंड की ख़बर तो मीडिया में खूब आ रही है, लेकिन असम की ख़बर को ज़्यादातर चैनलों ने अब तक नज़रअंदाज़ ही किया है. जबकि वहां अब तक बाढ़ से करीब तीन लाख लोग प्रभावित हो चुके हैं.
ख़ैर, जहां एक तरफ बारिश के कारण बाढ़ आ रही हैं तो वहीं दूसरी ओर दिल्ली जैसा शहर बारिश के लिए तरस रहा है. लेकिन बार-बार ये सवाल मेरे ज़ेहन उठ रहा है कि क्या दिल्ली ऐसे सैलाब के लिए तैयार है?
ख़ैर, अभी-अभी दिल्ली की झमाझम बारिश ने सबको खुश कर दिया है. इस बारिश ने बढ़ी हुई तापमान को फिर से नीचे ला दिया है. मौसम विभाग ने रुक-रुककर तेज़ बारिश होने का अनुमान जताया है.
