BeyondHeadlinesBeyondHeadlines
  • Home
  • India
    • Economy
    • Politics
    • Society
  • Exclusive
  • Edit/Op-Ed
    • Edit
    • Op-Ed
  • Health
  • Mango Man
  • Real Heroes
  • बियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी
Reading: कब तक जुल्म सहते रहेंगे अटाली गांव के मुसलमान
Share
Font ResizerAa
BeyondHeadlinesBeyondHeadlines
Font ResizerAa
  • Home
  • India
  • Exclusive
  • Edit/Op-Ed
  • Health
  • Mango Man
  • Real Heroes
  • बियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी
Search
  • Home
  • India
    • Economy
    • Politics
    • Society
  • Exclusive
  • Edit/Op-Ed
    • Edit
    • Op-Ed
  • Health
  • Mango Man
  • Real Heroes
  • बियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी
Follow US
BeyondHeadlines > Mango Man > कब तक जुल्म सहते रहेंगे अटाली गांव के मुसलमान
Mango Man

कब तक जुल्म सहते रहेंगे अटाली गांव के मुसलमान

Beyond Headlines
Beyond Headlines Published July 4, 2015
Share
3 Min Read
SHARE

शारिक़ अंसर अटाली से लौटकर

बल्लभगढ़ के निकट अटाली गांव में हुए ताज़ा हमले में कई लोग फिर हिंसा के शिकार हुए हैं. हमले में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग गांव छोड़ कर चले गए हैं. घायल लोगों से मिलने और स्थिति का जायज़ा लेने जब सर्वोदय अस्पताल पहुंचा तो इलाज करा रहे घायल परिवार के लोगों से मिलकर उनका हाल चाल पूछते ही दिल सहम गया.

वहीद (उम्र 50 साल), अब्दुल (55 साल), चंदू (55 साल), खातून (40 साल), इख्लास (45 साल), मोहम्मद आसिफ-इमाम साहब 20 साल) आदि कई ऐसे लोग हैं जो ताज़ा हमला के शिकार हुए हैं. जिनके शरीर पर गहरे ज़ख्म के निशान हैं, जिनको आँखों में अब भी खौफ़ और भय को आसानी से देखा जा सकता है.

पिछले 2 महीने से अटाली के मुसलमान खौफ़ के साये में जी रहे हैं. 25 मई की हिंसा के बाद पूरा गांव बल्लभगढ़ थाने में बुरे हाल में रहा. किसी तरह समझा-बुझा कर जब उन्हें वापस भेजा गया, तब से हर दिन वे लोग खौफ़ के साये में ज़िन्दगी जी रहे हैं.

सवाल यह है कि क्या हमारे समाज में चाहे हिन्दू हो या मुस्लिम अच्छे लोगों की जुबाने बंद हो गयी हैं? क्या बहुसंख्यक समाज का कोई भी व्यक्ति हिम्मत जुटा कर इस नाइंसाफी और ज़ुल्म के खिलाफ़ आवाज़ नहीं बुलंद कर सकता? अगर समाज से इंसानियत मर रही है तो कहीं न कहीं हम सब इसके लिए ज़िम्मेदार हैं.

इस पूरे प्रकरण पर पुलिस की कार्यशैली पर कई गंभीर प्रश्न खड़े होते हैं. सैकड़ों की संख्या में पुलिस बलों की तैनाती के बावजूद भी अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर हिंसा होती है और पुलिस पिछली बार की तरह भी कुछ नहीं करती है.

 अटाली गावं में फिर से हुए हिंसा से ये बात ज़ाहिर होती है कि हरियाणा सरकार किस क़द्र लापरवाह और असंवेदनशील हो गई है. पिछले दो महीने से अटाली गाँव के लोग भय और डर के साये में जी रहे और सरकार अब तक दोषी आरोपियों (जिन पर मामला दर्ज किया गया है) की गिरफ़्तारी नहीं की है. ये बड़ी शर्म की बात है कि पुलिस बल की तैनाती के बावजूद भी एक समुदाय विशेष पर हमला होता है. मस्जिद और घरों में बूढ़े और औरतों को निशाना बना कर मारा जाता है, और पुलिस खामोश तमाशाई बन कर कुछ नहीं करती है. सारे लोग डर कर पूरा गाँव खाली करके चले गए हैं और सरकार के सर अब तक जूं तक नहीं रेंगा है.

क्या अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को मस्जिद में रोज़ा और नमाज़ पढ़ने का भी अधिकार नहीं है? जबकि मस्जिद हरियाणा वक़्फ़ बोर्ड की है और ये मामला अदालत में विचारधीन है. ये घटना न सिर्फ सरकार की असंवेदनशीलता को दर्शाता है बल्कि देश की लोकतान्त्रिक मूल्यों पर भी एक प्रश्न खड़ी करती है.

TAGGED:Atali
Share This Article
Facebook Copy Link Print
What do you think?
Love0
Sad0
Happy0
Sleepy0
Angry0
Dead0
Wink0
Waqf at Risk: Why the Better-Off Must Step Up to Stop the Loot of an Invaluable and Sacred Legacy
India Waqf Facts
“PM Modi Pursuing Economic Genocide of Indian Muslims with Waqf (Amendment) Act”
India Waqf Facts
Waqf Under Siege: “Our Leaders Failed Us—Now It’s Time for the Youth to Rise”
India Waqf Facts
World Heritage Day Spotlight: Waqf Relics in Delhi Caught in Crossfire
Waqf Facts Young Indian

You Might Also Like

LeadMango ManYoung Indian

Why we Need Affirmative Nationalism

August 19, 2020

Can Defunding Police decrease Violence against African-Americans in US?

June 22, 2020

MY EXPERIENCE WITH TABLIGHI JAMAAT

April 16, 2020
IndiaLeadMango ManYoung Indian

Decoding Sharjeel Imam: Is India Silencing the Dissenting Minority Voices?

February 12, 2020
Copyright © 2025
  • Campaign
  • Entertainment
  • Events
  • Literature
  • Mango Man
  • Privacy Policy
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?