BeyondHeadlines News Desk
लखनऊ : ख़बर है कि आज़मगढ़ के संजरपुर का रहने वाला इंडियन मुजाहिद्दीन से जुड़ा बड़ा साजिद सीरिया में आईएसआईएस के लिए लड़ते हुए मारा गया है. यह दावा आईएसआईएस द्वारा छेड़े गए युद्ध की जानकारी देने वाले कुछ ट्विटर हैंडल के ज़रिये भारतीय खुफिया एजेंसियों को मिली है.
लेकिन लखनऊ की सामाजिक संस्था रिहाई मंच ने आतंकवाद के आरोपी संजरपुर आज़मगढ़ के बड़ा साजिद के सीरिया में आईएसआईएस की तरफ़ से लड़ते हुए मारे जाने की ख़बरों को खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों की फिर से मुस्लिम युवकों को आतंकवाद के नाम पर फंसाने और मारने की बड़ी योजना का हिस्सा बताया है.
मंच ने कहा खुफिया एजेंसियां अब आईएम, सिमी के बाद आईएसआईएस के नाम पर मुस्लिम युवकों को फंसाने के लिए माहौल बना रही हैं.
रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब ने कहा कि संजरपुर के जिस युवक बड़ा साजिद के सीरिया में मारे जाने की ख़बरें खुफिया विभाग फैला रहा है, उसके बारे में पहले भी एक बार अफ़गानिस्तान में तालिबान की तरफ से लड़ते हुए मारे जाने और दूसरी बार एक और विदेशी ज़मीन पर मारे जाने की ख़बर इसी तरह सुर्खिर्यों में खुफिया विभाग फैला चुका है.
उन्होंने सवाल किया कि एक ही आदमी हर चार-पांच महीने पर कैसे मारा जा सकता है, इसे खुफिया एजेंसियों को ज़रूर बताना चाहिए.
मंच के अध्यक्ष ने कहा कि देश के अंदर फ़र्जी एंकाउंटरों पर उठने वाले सवालों के कारण खुफिया एजेंसियां ऐसे कथित तौर पर फ़रार बताए जाने वाले युवकों जो दरअसल इन्हीं एजेंसियों के पास हैं, को आईएसआईएस के नाम पर किसी दूसरे देश में मारे जाने की ख़बर फैलाकर सवालों से बचना चाहती है.
उन्होंने कहा कि इस पूरी योजना का एक पहलू बिहार और उत्तर प्रदेश में होने वाले चुनावों से पहले फिर से खुफिया विभाग के ज़रिए आईएसआईएस के नाम पर धर पकड़ करना भी है क्योंकि इंडियन मुजाहिदीन के नाम पर अब कार्रवाई मुश्किल हो गई है. क्योंकि समाज जान चुका है कि यह भारतीय खुफिया विभागों का ही कागजी संगठन है.