मांस के बाद सेक्स और शराब पर पाबंदी

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मीरा भयंदर नगर निगम ने जैन पर्व के दौरान आठ दिनों के लिए मांस की बिक्री पर रोक लगा दी है.

नगर पालिका के इस फ़ैसले की सामाजिक और राजनीतिक जगत के लोग खुलकर आलोचना कर रहे हैं.

फ़िल्म अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा ने भारत को बैनिस्तान क़रार दिया है. अभिनेत्री सोनम कपूर ने भी इस प्रतिबंध की खुलकर आलोचना की है.

मीरा भयंदर की साढ़े आठ लाख की आबादी में दस प्रतिशत से अधिक जैन रहते हैं.

जैन समुदाय की धार्मिक भावनाओं का ख़्याल रखने के लिए ही ये पाबंदी लगाई गई है.

नगर निगम का कहना है कि ये पाबंदी धार्मिक भावनाओं का ख़्याल रखने के लिए लगाई गई है.

लेकिन ये पाबंदी धार्मिक भावनाओं का ख़्याल रखने से ज़्यादा राजनीतिक भावनाओं का ख़्याल रखती है.

साथ ही कई संवैधानिक सवाल भी खड़े करती है.

सबसे पहले तो यह कि क्या किसी एक ख़ास धर्म की भावनाओं का ख़्याल रखने के लिए दूसरे धर्म की मान्यताओं या उस धर्म को मानने  वालों के खान-पान की आदतों पर पाबंदी लगाई जा सकती है.

यदि ऐसा हो तो कल अगर हिंदू बहुल वाली नगर पालिकाएं अगर नवरात्र के दौरान सेक्स करने पर पाबंदी लगा दे तो क्या उसे भी माना जाएगा.

और अगर मुस्लिम बहुल आबादी वाले शहर रमज़ान के दौरान शराब की बिक्री पर पाबंदी लगा दें तो क्या उसे भी स्वीकार कर लिया जाएगा.

इस प्रतिबंध को स्वीकार करना नए प्रतिबंधों को निमंत्रण देने जैसा है.

भविष्य में सेक्स या शराब पर प्रतिबंधों जैसे प्रस्ताव देने  के लिए स्थानीय प्रशासनिक इकाइयों के पास मीरा भयंदर नगर निगम का उदाहरण होगा.

इस प्रतिबंध का समर्थन भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए बेहद ख़तरनाक़ है.

लोकतंत्र में सभी को बराबर आज़ादी होती है. अपना धर्म अपनाने और अपना पेशा चुनने की आज़ादी. अपने तौर-तरीक़ों से अपने पर्व-त्यौहार मनाने की आज़ादी.

लेकिन किसी एक वर्ग की आज़ादी किसी दूसरे वर्ग पर प्रतिबंध की वजह हो जाए तो लोकतंत्र में लोगों का दम घुटने लगेगा.

आज़ादी से मतलब ये की आप अपनी बाहें फैलाएं तो किसी दूसरे की नाक न टूटे.

लेकिन यहाँ तो बाहें फैलाना क्या बाहें काटने की ही शुरुआत हो गई है.

सबसे गंभीर चिंता की बात ये है कि सिर्फ़ एक ख़ास धर्म के लोगों को, उनकी मान्यताओं को, उनसे जुड़े प्रतीकों को, उनके खान-पान की आदतों को ही निशाना बनाया जा रहा है.

लेकिन जब मौजूदा राजनीति का आधार ही धार्मिक द्वेष हो तो फिर इसकी परवाह किसे हो.

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