India

इंसाफ़ से वंचित मुज़फ्फ़रनगर : दो साल बाद भी सरकार फेल

BeyondHeadlines News Desk

लखनऊ : रिहाई मंच ने मुज़फ्फ़रनगर-शामली सांप्रदायिक हिंसा के दो साल पूरे होने पर वहां के सामाजिक और राजनैतिक हालातों का जायजा लेती एक रिपोर्ट जारी की है.

मंच ने इस रिपोर्ट को जारी करते हुए कहा है कि मुज़फ्फ़रनगर सांप्रदायिक हिंसा पर गठित ‘विष्णु सहाय न्याययिक जांच आयोग’ को छह महीने में रिपोर्ट देनी थी, लेकिन आज उस घटना के दो साल पूरे हो जाने के बावजूद रिपोर्ट पूरी नहीं हो सकी है. आयोग का कार्यकाल लगातार बढ़ाया जाता रहा है. यह स्थिति मुज़फ्फ़नगर समेत देश की इंसाफ़-पसंद अवाम को राजनैतिक साज़िश लग रही है.

रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब ने कहा कि मुज़फ्फ़रनगर सांप्रदायिक हिंसा को जिस तरीक़े से राज्य सरकार द्वारा भड़कने दिया गया और उसके क़सूरवारों को जिस तरीक़े से राजनैतिक संरक्षण दिया गया, उसका परिणाम यह रहा कि देश में फासीवादी शक्तियां मज़बूत हुईं और केन्द्र में नरेन्द्र मोदी की जीत के रूप में सामने आयी.

उन्होंने कहा कि आज जब हाशिमपुरा जनसंहार के दोषियों को उत्तर प्रदेश की इंसाफ़ विरोधी सरकारों की वजह से बरी कर दिया गया है तो ऐसे समय में देश की इंसाफ़ पसंद अवाम के सामने यह चुनौती है कि वह देश में इंसाफ़ का राज कैसे क़ायम करे. जिस तरह से प्रदेश में जांच आयोगों के नाम पर नाइंसाफी का खेल खेला जाता रहा है, उसके खिलाफ़ रिहाई मंच ने जिस तरीके से आरडी निमेष जांच आयोग को न सिर्फ कैबिनेट द्वारा मंजूर करवाया और रिपोर्ट को सरकार को सदन में सार्वजनिक करने पर मजबूर किया और उस पर दोषियों के खिलाफ़ कार्रवाई करने की लड़ाई जारी है. वैसी ही लड़ाई की ज़रूरत आज मुज़फ्फ़रनगर के इंसाफ़ के लिए ‘विष्णु सहाय कमीशन’ की रिपोर्ट को लेकर है.

मोहम्मद शुऐब ने सरकार से मांग की कि वह शीतकालीन सत्र तक ‘विष्णु सहाय कमीशन’ रिपोर्ट पूरी होने और उसे सार्वजनिक करने की गारंटी करे.

Loading...

Most Popular

To Top

Enable BeyondHeadlines to raise the voice of marginalized

 

Donate now to support more ground reports and real journalism.

Donate Now

Subscribe to email alerts from BeyondHeadlines to recieve regular updates

[jetpack_subscription_form]