BeyondHeadlinesBeyondHeadlines
  • Home
  • India
    • Economy
    • Politics
    • Society
  • Exclusive
  • Edit/Op-Ed
    • Edit
    • Op-Ed
  • Health
  • Mango Man
  • Real Heroes
  • बियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी
Reading: क्या विधायक प्रेम कुमार हैं बीजेपी के सीएम पद के उम्मीदवार?
Share
Font ResizerAa
BeyondHeadlinesBeyondHeadlines
Font ResizerAa
  • Home
  • India
  • Exclusive
  • Edit/Op-Ed
  • Health
  • Mango Man
  • Real Heroes
  • बियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी
Search
  • Home
  • India
    • Economy
    • Politics
    • Society
  • Exclusive
  • Edit/Op-Ed
    • Edit
    • Op-Ed
  • Health
  • Mango Man
  • Real Heroes
  • बियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी
Follow US
BeyondHeadlines > India > क्या विधायक प्रेम कुमार हैं बीजेपी के सीएम पद के उम्मीदवार?
Indiaबियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी

क्या विधायक प्रेम कुमार हैं बीजेपी के सीएम पद के उम्मीदवार?

Beyond Headlines
Beyond Headlines Published October 13, 2015 1 View
Share
16 Min Read
SHARE

By Afroz Alam Sahil

बिहार में अब मुख्यमंत्री बनने के लिए पीएम नरेन्द्र मोदी के पद-चिन्हों पर चहल-क़दमी करने की होड़ लग गई है. गया के नेता प्रेम कुमार इस अघोषित रेस में सबसे आगे हैं. उन्होंने न सिर्फ़ खुद को बिहार का भावी मुख्यमंत्री घोषित कर दिया है, बल्कि धार्मिक आधार पर वोटों की फ़सल काटना भी शुरू कर दिया है.

उनका घोषित एजेंडा पीएम मोदी की नक़ल करने का है. ये भी बेहद दिलचस्प  संयोग है कि पीएम मोदी पिछले कुछ वक़्त में जब-जब गया आएं, गया में साम्प्रदायिक तनाव सिर उठाता हुआ दिखाई दिया. अब इसी रास्ते पर क़दम बढ़ाकर विधायक प्रेम कुमार भी मोदी की परंपरा का उत्तराधिकारी होने का दावा ठोंक रहे हैं.

गया का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है. पित्रों से ऋण से अवऋण होने के लिए लाखों की संख्या में प्रतिबद्ध हिन्दू यहां दूर-दूर के प्रदेशों से आते हैं. भगवान बुद्ध को भी इसी धरती पर ज्ञान प्राप्त हुआ. ऐसे में ये धरती बौध धर्म का तीर्थ स्थल है. इस महान विरासत को महज़ राजनीत के ख़ातिर साम्प्रदायिक आग में झोंकने की तैयारियां मुकम्मल हो चुकी है.

गया शहर के नवागढ़ी मुहल्ले के निवासी अता फ़ैसल बताते हैं कि –‘आरएसएस की टीम हिन्दुत्व के मुद्दे को लेकर गांव-गांव कैम्पेन कर रही है. लोगों को बताया जा रहा है कि कैसे मुसलमानों ने हम पर अत्याचार किया है. कैसे हमारी हमारी बहनों को अपनी जाल में फंसाकर ‘लव जिहाद’ करते हैं. आदि-अनादि…’

फ़ैसल के मुताबिक़ आरएसएस का यह कैम्पेन विशेष रूप से दलित बस्तियों में चल रहा है. और वैसे भी गया में दलितों की जनसंख्या भी अधिक है. फ़ैसल बताते हैं कि –‘वैसे भी दलित अपना वोट किसे देना है, ये तय नहीं कर पाते. दबंग जहां चाहते हैं, ये वहीं अपना वोट डालकर चले आते हैं.’

ज्ञान प्रकाश कॉलेज से जुड़े उदय कुमार का कहना है कि –‘हमारे विधायक ने पिछले 25 सालों में कोई काम ही नहीं किया. बरसात के दिनों में हमें चार-चार दिन तक घर के अंदर ही रहना पड़ता है. इसके लिए हम किसी सरकार को दोषी नहीं बता सकते, क्योंकि विधायक का अपना फंड होता है, अगर वही खर्च कर देते तो इलाक़े की सूरत बदल जाती. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.’

उदय बताते हैं कि –‘गया की हवा में ऐसी तासीर है कि रातों-रात लोगों के फ़ैसले बदल जाते हैं. लोग विकास के बजाए धर्म के आधार पर सोचने लगते हैं. साम्प्रदायिक तनाव वाले छोटी-छोटी घटनाओं के अब हम अभ्यस्त हो चुके हैं.’

गया शहर के स्थानीय लोग बताते हैं कि –‘बीजेपी सांसद गिरीराज सिंह का बिहार में सबसे अधिक दौरा गया ज़िला में ही हुआ है. साध्वी प्राची का भी टेकारी में सभा हो चुका है. इनके अनाप-शनाप बयान से यहां के मुसलमान डरे हुए हैं.’

हम बताते चलें कि एक अख़बार के ख़बर के मुताबिक़ 26 जुलाई को गया के संत समागम के समापन कार्यक्रम में केंद्रीय लघु सूक्ष्म उद्योग राज्यमंत्री गिरिराज सिंह ने मीडिया के कैमरों को बंद कराकर बंद कमरे में संतो को साम्प्रदायिक टिप्स दिए. वहीं ‘समागम’ को सम्बोधित करते हुए कहा कि सनातन धर्म खतरे में है. हिन्दुओं की जनसंख्या गिरती जा रही है और क्रिश्चन और मुसलमानों का बढ़ता जा रहा है. मेरे उम्र में भी लोगों के 6 से 8 बच्चे हैं और  उनके तो 6 से शुरू होते हैं और 16  से 20 तक जाता है. गिरिराज सिंह ने दूसरे राजनीतिक दलों को भी निशाने पर लिया था.

गया शहर के इंक़लाब अख़बार से जुड़े सीनियर पत्रकार सरताज अहमद बताते हैं कि  –‘पीएम बनने के बाद मोदी जब पहली बार 9 अगस्त को गया के गांधी मैदान आएं, तो नौरंगा व अंगरा में साम्प्रदायिक तनाव फैला. वहीं जब दूसरी बार 5 सितंबर को बोध गया पहुंचे तो करमौनी व चाकंद में साम्प्रदायिक तनाव का मामला प्रकाश में आया.’

स्पष्ट रहे कि गया ज़िला के मानपुर के नौरंगा गांव में दो पक्ष आपस में उस वक़्त भिड़ गए, जब एक व्यक्ति की एक अल्पसंख्यक समुदाय से संबंध रखने वाले डॉक्टर के यहां मौत हो गई. इस मौत की घटना को साम्प्रदायिक रंग देकर खूब उत्पात मचाया गया. दोनों तरफ़ से जमकर फायरिंग भी हुई. इस घटना के बाद इस गांव व उसके आस-पास के गांव में कई दिनों तक तनाव का माहौल कायम रहा. इस घटना के दो दिन बाद ही फिर से एक लड़की के छेड़छाड़ के मामले को लेकर फिर से हालात खराब कर दिए गए.

वहीं डोभी थाना क्षेत्र का करमौनी बाजार साम्प्रदायिकता के आग में खूब सुलगा. उपद्रवियों ने खूब उत्पात मचाया और कई दुकानों को क्षतिग्रस्त कर डाला. सड़क जाम कर वाहनों के शीशे तोड़े गए.  कई राउंड फायरिंग की गई. इस घटनाक्रम में 6 लोग घायल भी हुए. हैरानी की बात यह है कि यह सारा विवाद सिर्फ मोटरसाईकिल से एक मामूली धक्का के बहाने हुआ था.

चाकंद की भी कुछ ऐसी ही कहानी है. कांवड़ियों के नए रास्ते से जाने को लेकर विवाद हुआ. जिसको लेकर जमकर उत्पात मचाया गया. बताया जाता है कि इस घटना में बीजेपी के कई नेता भी शामिल थे. इस घटना को लेकर गिरिराज सिंह ने भी धमकी दिया था कि वो अपने कार्यकर्ताओं के साथ चाकंद गांव जाएंगे.

17 अगस्त को बाराचट्टी के बहीलगढ़ा गांव में कोचिंग से पढ़कर लौट रही लड़की से छेड़छाड़ के मामले को लेकर दो समुदाय में तनाव फैलाया गया. हालात इतने ख़राब हो गए कि प्रशासन को गांव ने सीआरपीएफ के जवानों के हवाले कर दिया.

5 जुलाई, 2015 को शेरघाटी थाना क्षेत्र में व्यवसाय करने को लेकर दो समुदायों के बीच तनाव उत्पन्न किया गया. पुलिस ने इस मामले को शांत करने के लिए दोनों समुदायों के कुल 9 लोगों को गिरफ्तार किया. इस घटना के बाद कई दिनों तक पुलिस लगातार वहां कैंप करती रही.

इससे पूर्व फरवरी में भी इसी शेरघाटी शहर के रंगलाल उच्च विद्यालय के मैदान में शरारती और असामाजिक तत्वों ने प्रेम और भाईचारा के प्रतीक खेल का माहौल को बिगाड़ा था. ये विवाद एक क्रिकेट मैच को लेकर हुआ था, जिसे साम्प्रदायिक रंग दे दिया गया.

लेकिन इन सबके विपरित विकास की बात कीजाए तो गया इस मामले काफी पीछे नज़र आता है. गया टाउन के विधायक प्रेम कुमार लगातार 6 चुनावों में जीत हासिल की है, सातवीं बार जीत के लिए चुनाव के मैदान में हैं. कई बार राज्य सरकार में मंत्री रहे. लेकिन विकास की जब बात आती है, तो सारे वादे व दावे धूमिल नज़र आते हैं.

गया की छात्रा अमृता कुमारी बताती हैं कि –‘हमारे विधायक, जो अब सीएम के रेस में हैं, जल व सिंचाई मंत्री भी रह चुके हैं लेकिन इसके बावजूद गया के लोगों की सबसे बड़ी समस्या शुद्ध पेयजल है. नदी किनारे बसे लोग गंदा पानी पीने को मजबूर हैं.’ अमृता का यह भी कहना है कि –‘गया में सिर्फ़ एक ही आयुर्वेदिक कॉलेज है, जो अब ख़त्म होने के कगार पर है.’

अमृता की दोस्त नाज़िया बताती हैं कि –‘गया में एक इंजीनियरिंग व एक मेडिकल कॉलेज हैं. लेकिन इसमें सीटों की संख्या काफी कम है. एक तरफ़ तो हमारे पीएम साहब अपने भाषणों में शिक्षा के बढ़ावे की बात करते हैं, लेकिन दूसरी तरफ़ उनके ही सरकार के मंत्रालयों में सीट बढ़ाने की अर्ज़ी वाली फ़ाईल पड़ी हुई है.’

छात्रा नेहा कुमारी का कहना है कि  -‘गया दुनिया भर में मशहूर है, दुनिया के तमाम देशों से लोग यहां आते हैं. उस हिसाब से इसको बिहार का सबसे विकसित ज़िला होना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं है. यहां के युवा दूसरे राज्यों में पलायन करने को मजबूर हैं, जबिक सरकार चाहे तो बिहार के दूसरे ज़िलों के युवाओं के लिए भी यहां रोज़गार उत्पन्न कर सकती है.’

विकास के मामले में कुछ ऐसी ही कहानी बोध गया की भी है. दुनिया में शायद ही कोई ऐसा देश होगा, जहां के  सैलानी बोध गया नहीं आते होंगे. 2002 में यूनेस्को ने बोधगया के महाबोधि मंदिर को विश्व-धरोहर घोषित किया. मोदी इसे दुनिया का आध्यात्मिक राजधानी बनाने की बात करते हैं. लेकिन कुछ एरिया को छोड़कर यहां के ज़्यादातर इलाक़ों में विकास नाम की कोई भी चीज़ नहीं पहुंच सकी है. जबकि यहां भी बीजेपी के श्यामदेव पासवान विधायक हैं.

दूसरी तरफ़ गया के रहने वाले गुलाम मोईन बताते हैं कि –‘हमारे विधायक जी पूरे 4 साल 9 महीने एसी कमरों में बंद रहते हैं, लेकिन आख़िर के 3 महीनों में सक्रिय हो जाते हैं.’ मोईन विधायक प्रेम कुमार पर आरोप लगाते हैं कि –‘विधायक के घर के सामने ही एक मस्जिद थी, जिसके कुछ हिस्सों पर विधायक के रिश्तेदारों ने क़ब्ज़ा करके अपना घर बना लिया है. जबकि अभी भी मस्जिद का ढांचा नज़र आता है.’ इस आरोप की पुष्टि के लिए हमने विधायक प्रेम कुमार से मिलने की कोशिश की, लेकिन कामयाबी नहीं मिल सकी.

गुलाम मोईन बताते हैं कि –‘गया में धार्मिक सक्रियता काफी तेज़ी से बढ़ी है. पिछले 5-6 महीनों में लगभग 5-6 नए मंदिर बने हैं और कुछ बन रहे हैं.’

मज़दूर यूनियन से जुड़े शंकर सिंह का कहना है कि  –‘यहां लोगों में यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि यदि यहां बीजेपी की सरकार नहीं बनी तो बीजेपी शासित तमाम राज्यों से बिहार के मज़दूरों को खदेड़ दिया जाएगा.’ शंकर बताते हैं कि –‘कई बार यहां खुद ही इन लोगों ने मंदिर तोड़कर तनाम फैलाने की कोशिश की. कुछ दिनों पहले ही एक गाड़ी से कुछ लोगों ने एक मंदिर के सामने एक बोरे में गोश्त भरकर फेंक कर फ़रार हो गए. शुक्र हैं कि वहां करीब में ही एक चाय की दुकान पर बैठे कुछ लोगों ने देख लिया. तुरंत प्रशासन को बुलाकर इसकी सूचना दी. इन लोगों के सुझबूझ से एक बड़ा हादसा होने से टल गया.’

जदयू से जुड़े नेता अरूण कुमार बताते हैं कि –विधायक प्रेम कुमार यहां हिन्दू-मुसलमान करके ही चुनाव जीतते हैं. खुद को उन्होंने इस बार सीएम उम्मीदवार भी घोषित कर लिया है. शहर में कुछ जगह बैनर व पोस्टर भी लगाया गया था, जिसे बाद में उन्होंने खुद ही हटवा दिया.’

स्थानीय लोग आरोप लगाते हैं कि जैसे-जैसे चुनाव की तारीख करीब आ रही है, वैसे-वैसे गया ज़िला में बाहर से आए आरएसएस, विश्व हिन्दू परिषद व बजरंग के कार्यकर्ताओं की सक्रियता बढ़ती जा रही है. गौ-रक्षा के नाम एक खास समुदाय के लोगों को परेशान करना व उनके साथ मार-पीट करना एक आम बात है.

Surendra Singh

वहीं विश्व हिन्दू परिषद के बिहार-झारखंड प्रांत के पूर्व संयोजक व इन दिनों बिहार-झारखंड में गौ –रक्षा आन्दोलन समिति के महामंत्री सुरेन्द्र सिंह इन तमाम आरोपों को ख़ारिज कर देते हैं. उनका कहना है कि –‘हम लोग तो सालों भर सक्रिय रहते हैं. त्रिशुल दीक्षा कार्यक्रम तो एक रूटिंग कार्यक्रम है, इससे हिन्दू युवाओं में शौर्य आता है. बल्कि यूं कहिए ये हमारा स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम है.’

सुरेन्द्र सिंह बताते हैं कि –‘जो हिन्दू हित की बात करेगा का नारा अब पुराना पड़ चुका है, बल्कि अब तो हमारा नारा –जो हिन्दू हित में काम करेगा, वही इस देश पर राज करेगा.’  सुरेन्द्र मानते हैं कि –‘इस बार की लड़ाई धर्म व अधर्म के बीच है.’ आख़िर कैसे? इसके जवाब में उनका कहना है कि –‘भारत माता कभी विश्व-गुरू के पद पर आसीन थी, पर आज जो दुर्दशा है, वो आप देख ही रहे हैं. कांग्रेस व उन जैसी दूसरी पार्टियां अंग्रेज़ो की नीति ‘बांटो और राज करो’ के तहत देश में काम कर रही हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा. देश को लूटा जा रहा है. देश क़र्ज़ में है, ये उन्हीं की देन है.’

वो बताते हैं कि –‘कांग्रेस व दूसरी सेक्यूलर पार्टियां समाज बांटने का काम करती हैं.’ समाज बांटने का काम कैसे? इस सवाल पर उनका कहना है कि –‘जाति के नाम पर आरक्षण ये समाज बांटना ही तो है.’

खैर, गया दरअसल एक प्रतीक है. प्रतीक इस बात का कि जब भी चाहें शांति व अमन के किसी भी ठिकाने से साम्प्रदायवाद की ज्वाला भड़का दी जाए और राजनीतिक लाभ हासिल कर लिए जाएं. बिहार के चुनावी राजनीत के बाज़ार में अनेकों खिलाड़ी हैं, जो साम्प्रदायिक आधार पर सत्ता की मलाई का मज़ा लेते आए हैं. प्रेम कुमार भी इन्हीं तत्वों की रहनुमाई करते हुए बिहार का मुख्यमंत्री बनने का ख़्वाब देख रहे हैं तो क्या बुरा है?

fb screnshot

आख़िर में हम यहां बताते चलें कि बीजेपी बिहार में भले ही अपने सीएम पद के उम्मीदवार की घोषणा करने से कतरा रही हो, लेकिन गया टाउन में विधायक प्रेम कुमार ने खुद को सीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया है. शहर में इसके लिए बैनर व पोस्टर भी लगा दिए गए थे, जिसे बाद में किसी कारणवश हटा लिया गया. इसके बावजूद फेसबुक पर अन्य सोशल मीडिया पर इन्हें सीएम पद के उम्मीदवार के तौर पर ही पेश किया जा रहा है. फेसबुक पर प्रेम कुमार के समर्थकों ने ‘डॉ. प्रेम कुमार फॉर सीएम ऑफ बिहार’ के नाम से बाक़ायदा फेसबुक पेज़ भी बना रखा है. (Courtesy : TwoCircles.net)

Share This Article
Facebook Copy Link Print
What do you think?
Love0
Sad0
Happy0
Sleepy0
Angry0
Dead0
Wink0
“Gen Z Muslims, Rise Up! Save Waqf from Exploitation & Mismanagement”
India Waqf Facts Young Indian
Waqf at Risk: Why the Better-Off Must Step Up to Stop the Loot of an Invaluable and Sacred Legacy
India Waqf Facts
“PM Modi Pursuing Economic Genocide of Indian Muslims with Waqf (Amendment) Act”
India Waqf Facts
Waqf Under Siege: “Our Leaders Failed Us—Now It’s Time for the Youth to Rise”
India Waqf Facts

You Might Also Like

ExclusiveHaj FactsIndiaYoung Indian

The Truth About Haj and Government Funding: A Manufactured Controversy

June 7, 2025
EducationIndiaYoung Indian

30 Muslim Candidates Selected in UPSC, List is here…

May 8, 2025
IndiaLatest NewsLeadYoung Indian

OLX Seller Makes Communal Remarks on Buyer’s Religion, Shows Hatred Towards Muslims; Police Complaint Filed

May 13, 2025
IndiaLatest NewsLeadYoung Indian

Shiv Bhakts Make Mahashivratri Night of Horror for Muslims Across India!

March 4, 2025
Copyright © 2025
  • Campaign
  • Entertainment
  • Events
  • Literature
  • Mango Man
  • Privacy Policy
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?