Pravin Singh for BeyondHeadlines
राधे-राधे… ब्रज की होली टीवी पर देखते-देखते हम भी मथुरा पहुंचे… होली देखने के लिए…
होली को लेकर मन में बहुत उमंग था. काहे कि होली मेरा सबसे पसन्दीदा त्योहार था. यहां लोगों ने राधे-राधे बोल के स्वागत किया तो मन बहुत प्रसन्न हुआ.
लेकिन हुआ ये कि होली तो बाद की थी. साथियों से पता चला कि –यहां के एक युवा किसान ने क़र्ज़ से दबकर आत्महत्या कर लिया है. अब साथियों के संग गोबर्धन ब्लॉक के बोरपा गांव पहुचें. जहां के 35 साल के युवा किसान गोबिन्द सिंह रहने वाले थे. घर वालों ने ओवरसीज बैंक का नोटिस दिखाया. जिस पर किसान क्रेडिट कार्ड का लगभग डेढ़ लाख क़र्ज़ था. क़र्ज़ न देने पर खेत कुर्क-नीलाम करने और जेल भेजने के बारे में लिखा था.
किसान गोबिन्द सिंह ये बर्दास्त नहीं कर पाये. बीते 18 मार्च को फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिये. अपने पीछे 2 लड़की, 1 लड़का और पत्नी का भरा-पूरा परिवार छोड़ गये.
गांव वालों ने बताया कि साहब गांव के 95 प्रतिशत लोग क़र्ज़ में डूबे हुए हैं. का… करें? जवाब मेरे पास भी नहीं है. वैसे एक क़र्ज़दार माल्या साहब भी हैं! जिन्हें ऐसी कोई नोटिस मिली कि नहीं, ये नहीं मालूम… पर 9 हजार करोड़ रूपया लेकर शान से रफू-चक्कर हो गये. ये सबको मालूम है.
अपने माल्या साहब रईस उद्योगपति हैं और बेचारा गोबिन्द सिंह एक किसान. शायद फर्क ये है?
देश की राजधानी दिल्ली से 150 किमी दूर भगवान कृष्ण और राधा की नगरी का ये हाल है. जो हृदय विदारक है.
शायद यहां आने वाले देशी-विदेशी भक्तों को इस घटना का पता न चले. वे भगवान कृष्ण और राधा-रानी के दर्शन से अभिभूत हो कर चले जाय.
यहां से जाने के बाद उन तमाम भक्तों के दिल दिमाग में राधा-कृष्ण की रासलीला और होली की याद रहेंगी. लेकिन एक किसान जो भगवान कृष्ण के पावन भूमि मथुरा में जन्म लेने के बाद भी देश के दूसरे किसानों की तरह आत्महत्या करना पड़ा… उसकी किस्मत भी दूसरे किसानों जैसी ही रही.
जहां पूरा देश होली के खुशी में सराबोर होगा. हम एक दूसरे को रंग गुलाल-अबीर लगाकर खुश होंगे. बधाई देगें. हैप्पी होली बोलेगें और हैप्पी होली का मोबाईल से मैसेज भेजेंगे. वहीं देश के एक अन्नदाता का परिवार गम मना रहा होगा.
(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं. इन से 9968599320 पर सम्पर्क किया जा सकता है)
