जब गांधी जी पीर मुहम्मद मूनिस के घर पहुंचे…

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BeyondHeadlines News Desk

बेतिया (बिहार) : ‘आज देश में सत्याग्रह शताब्दी वर्ष मनाया जा रहा है. गांधी के चम्पारण सत्याग्रह को याद किया जा रहा है. लेकिन मैं मानता हूं कि इस अवसर पर उन लोगों को याद किए जाने की ज़रूरत है, जिन्होंने चम्पारण में गांधी के सत्याग्रह की ज़मीन तैयार की. इनमें सबसे महत्वपूर्ण नाम पत्रकार पीर मुहम्मद मूनिस का है.’

ये बातें आज पीर मुहम्मद मूनिस के घर उनकी याद में ‘मूनिस परिवार’ की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में पुणे के डीआईजी अब्दूर रहमान (आईपीएस) ने कहीं.

उन्होंने कहा कि –‘महात्मा गांधी को गांधी बनाने वाले चम्पारण के लोग थे. पीर मुहम्मद मूनिस जैसे लोगों ने गांधी को महात्मा बनाया.’

इस अवसर पर आईपीएस अब्दुर रहमान ने पीर मुहम्मद मूनिस को सच्चा देशभक्त पत्रकार बताते हुए कहा कि -‘चम्पारण के किसानों की पीड़ा को देशभर में उठाकर गांधी को चम्पारण आने के लिए मजबूर करने वाले इस पत्रकार को भारत रत्न दिये जाने की ज़रूरत है. हमें इसके लिए चम्पारण से एक मुहिम छेड़नी चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि उनके नाम पर शहर में एक लाईब्रेरी भी स्थापित किया जाए या फिर कम से कम बेतिया मेडिकल कॉलेज का नाम पीर मुहम्मद मूनिस के नाम पर रखा जाए. शहर का कोई चौक उनके नाम पर हो.’

अब्दूर रहमान के इस वक्तव्य के बाद इस कार्यक्रम में उपस्थित शहर के वर्तमान नगर अध्यक्ष कुमार गौरव (रिंकी गुप्ता) ने उन्हें यक़ीन दिलाया है कि वो जैसे ही स्थाई तौर पर नगर अध्यक्ष बनेंगे, शहर के नाज़नीन चौक का नाम पीर मुहम्मद मूनिस के नाम कर देंगे. उनके इस ऐलान पर वहां मौजूद सभी लोगों ने काफी प्रशंसा की.

इस कार्यक्रम में पीर मुहम्मद मूनिस पर शोध करने वाले पत्रकार अफ़रोज़ आलम साहिल भी मौजूद थे. उन्होंने इस कार्यक्रम की अहमियत को बताया और लोगों को पीर मुहम्मद मूनिस के कारनामों से रूबरू कराया.

उन्होंने बताया है कि –‘आज से ठीक 99 साल पहले 22 अप्रैल, 1917 को गांधी पहली बार बेतिया के हज़ारीमल धर्मशाला आएं. फिर वहां से उसी समय क़रीब 5 बजे पैदल ही वो पीर मुहम्मद मूनिस के घर पहुंचे. मूनिस के घर हज़ारों मित्र पहले से ही मौजूद थे. द्वार पर जाकर कुछ देर बैठे रहे. बाद में उनकी माता जी से मिलने उनके घर के अंदर चले गए. कुछ देर उनकी मां से बातचीत की और फिर द्वार पर चले आए. यहां मूनिस के मित्रों ने महात्मा गांधी को एक अभिनन्दन-पत्र दिया. गांधी जी यह अभिनन्दन पत्र सेवक समिति की ओर से दिया गया था. इस अभिनन्दन पत्र को मुहम्मद जान नामक एक व्यक्ति ने पढ़ा. अभिनन्दन पत्र लेकर गांधी जी राजकुमार शुक्ल जी के डेरे पर गए. वहां कुछ देर ठहर कर वे फिर से वापस धर्मशाला में चले आएं.’

आगे उन्होंने बताया कि –‘अगले दिन भी सुबह गांधी जी मूनिस के घर आएं और वहीं से मूनिस के साथ बेतिया के सब-डिविज़नल मजिस्ट्रेट से मुलाक़ात के लिए गए.’

इस कार्यक्रम में पीर मुहम्मद मूनिस परिवार सदस्यों के अलावा सुबोध कुमार वर्मा, एडवोकेट नुरैन, जेपी आन्दोलनकारी ठाकुर प्रसाद त्यागी विशेष रूप से शामिल रहें. इस अवसर पर इस कार्यक्रम के विशष्ट अतिथी आईपीएस अब्दुर रहमान ने गांधी जी व पीर मुहम्मद मूनिस के फोटो पर माल्यार्पन किया.

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