India

यूपीएससी रिज़ल्ट : पढ़िए 9 मुस्लिम होनहारों की शानदार कहानी

Afroz Alam Sahil, BeyondHeadlines

नई दिल्ली : ‘कहते हैं कि अगर किसी चीज़ को दिल से चाहो तो पूरी क़ायनात उसे तुमसे मिलाने की कोशिश में लग जाती है.’

शायद यही चाहत व कोशिश हसीन ज़ाहेरा रिज़वी की भी थी. पिछले साल ये 509 रैंक लाकर यूपीएससी में कामयाब रहीं, लेकिन इन्हें इस रैंक से संतुष्टि नहीं थी, क्योंकि इन्हें सिर्फ़ और सिर्फ़ आईएएस ही बनना था.

बस फिर क्या था इन्होंने ठान लिया कि आईएएस बनकर रहुंगी और इस बार इन्होंने ये कारनामा कर दिखाया है. हसीन ज़ाहेरा रिज़वी की इस बार के यूपीएससी रिज़ल्ट में  87वीं  रैंक आई है.

ऐसी ही कहानी एजाज़ अहमद की भी है. 2016 यूपीएससी रिज़ल्ट में 697 रैंक हासिल किया था. लेकिन इन्होंने भी फिर से एग्ज़ाम देने की ठानी. साल 2017 यूपीएससी रिज़ल्ट में इनकी 282वीं रैंक आई है. 

2016 में इनाबत ख़ालिक की रैंक 604 थी. लेकिन 2017 यूपीएससी रिज़ल्ट में इन्हें 378वीं रैंक हासिल हुई है.

वहीं इहजास असलम एस की 2016 में 704 रैंक थी. लेकिन इस बार इन्हें 536वीं रैंक हासिल हुई है. 

रेहाना आर की भी ऐसी ही कहानी है. 2016 में इन्हें 735 रैंक हासिल हुई थी, लेकिन इस बार इनकी 651 रैंक आई है.

मुहम्मद शब्बीर की 2016 में 805वीं रैंक थी, लेकिन इस बार इनकी ये रैंक 602 है.

आमिर बशीर को 2016 में 1087वीं रैंक आई थी, लेकिन अब इन्हें 2017 में 843वीं रैंक हासिल हुई है. 

सबकी कहानी एक जैसी नहीं होती है. हर इंसान की परिस्थियां और हालात बहुत अलग होते हैं. ज़रूरी नहीं, कि सबकी मेहनत भी हर बार रंग लाती है, कुछ खेल क़िस्मत का भी होता है. शायद इसीलिए कुछ ऐसे भी हैं, जो पूरे हौसले के साथ दोबारा इस कम्पीटिशन में शामिल तो हुए लेकिन रैंक का फ़ायदा नहीं हो सका. बल्कि ये नुक़सान में ही रहें.

इन्हीं लोगों में गौस आलम भी रहें. 2016 में गौस को 206 रैंक हासिल हुई थी, लेकिन अब 2017 के रिज़ल्ट में उनकी 485वीं रैंक है.

यही कहानी अनम सिद्दीक़ी की भी है. इन्हें 2016 में 538वीं रैंक हासिल हुई थी, पर अब इनकी रैंक 2017 में 539 पर आ गई हैं.

बता दें कि शुक्रवार को जारी 2017 के यूपीएससी नतीजे में 990 उम्मीदवारों के नाम सरकारी सेवा के लिए भेजे गए हैं. इनमें 52 मुस्लिम नाम भी शामिल हैं. और इन 52 में 9 उम्मीदवार ऐसे हैं, जिनका चयन पिछले साल भी हुआ था.

 

Loading...

Most Popular

To Top

Enable BeyondHeadlines to raise the voice of marginalized

 

Donate now to support more ground reports and real journalism.

Donate Now

Subscribe to email alerts from BeyondHeadlines to recieve regular updates

[jetpack_subscription_form]