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अब इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में छात्रों पर पुलिस की बर्बरतापूर्ण कार्रवाई

BeyondHeadlines News Desk

इलाहाबाद : अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के बाद इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के मामले में भी मीडिया द्वारा ग़लत रिपोर्टिंग किए जाने की बात सामने आ रही है. यहां के छात्र मीडिया द्वारा एकतरफ़ा रिपोर्टिंग करने का आरोप लगा रहे हैं.

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्रों का कहना है कि मीडिया के ज़रिए जो रिपोर्टिंग की जा रही है, वो पूरा सच नहीं है. सच यह है कि छात्र लोकतांत्रिक तरीक़े से छात्रावास खाली कराने के आदेश का विरोध कर रहे थे, लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन व पुलिस द्वारा बर्बरतापूर्ण कार्रवाई की गई.

इस मामले में ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेन्ट्स ऑर्गनाईज़ेशन का कहना है कि, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रावासों को अचानक खाली कराए जाने का विरोध कर रहे विश्वविद्यालय के छात्रों पर पुलिस द्वारा बर्बर लाठी चार्ज किया गया, जिसका हम पुरज़ोर विरोध करते हैं.

ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेन्ट्स ऑर्गनाईज़ेशन के राज्य सचिव दिलीप कुमार ने छात्रों पर बेरहमी से किए गए पुलिसिया ज़ुल्म को अमानवीय कृत्य बताया.

उन्होंने कहा कि, यह घटना लोकतंत्र की जर्जरता को साबित करती है. बात-बात पर पुलिस द्वारा लाठी चार्ज व तानाशाही फ़रमान जनवादी प्रक्रिया को ध्वस्त कर रहा है और प्रशासनिक फ़ासीवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है. बातचीत व चर्चा-बहस का माहौल ख़त्म होता जा रहा है. कुलपति, प्रशासनिक अधिकारी व शासन-प्रशासन छात्रों की आवाज़ को नहीं सुन रहे हैं,  उल्टे छात्रों के हक़ व अधिकार को लाठी-गोली से दबाने की कोशिश की जा रही है.

उनका कहना है कि, जब इस भीषण गर्मी में टेस्ट व कई प्रतियोगी परीक्षाओं की ज़िम्मेदारी छात्रों पर हो तो ऐसे समय में हॉस्टल खाली कराने का तुग़लकी फ़रमान जारी कर छात्रों को न सिर्फ़ बेघर किया जा रहा है, बल्कि छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है, जो एकदम अलोकतांत्रिक और तानाशाहीपूर्ण है.

ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेन्ट्स ऑर्गनाईज़ेशन की मांग है कि इस घटना की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए, दोषी पुलिस-कर्मियों को दंडित किया जाए, निर्दोष छात्रों को तुरंत रिहा किया जाए एवं छात्रों पर किए गए मुक़दमों को वापस लिया जाए.

इसके अलावा अन्य छात्र संगठनों ने भी ये मांग की है कि मीडिया इस पूरे मामले में छात्रों को विलेन बनाना बंद करे. एकतरफ़ा रिपोर्टिंग के बजाए छात्रों के पक्ष को भी सामने रखा जाए. छात्रों को हिंसक होने पर यहां के पुलिस-प्रशासन ने ही विवश किया था.   

बता दें कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने होस्टल में रह रहे छात्रों को 11 जून तक छात्रावास खाली करने का आदेश दिया है. एक जानकारी के अनुसार छात्रसंघ अध्यक्ष अवनीश यादव, उपाध्यक्ष चंद्रशेखर चौधरी समेत कई छात्रों को गिरफ्तार किया गया है.

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