BeyondHeadlines News Desk
जब देश के प्रधानमंत्री नेरन्द्र मोदी भारत को ‘डिजीटल इंडिया’ बनाने का ख़्वाब देख रहे हैं, ऐसे समय में एक चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है.
अमेरिकी शोध संस्था पीयू रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार भारत में अभी भी महज़ एक चौथाई भारतीय वयस्क इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं.
इस रिपोर्ट के आंकड़ों के मुताबिक़, देश में 80 फ़ीसदी को ये नहीं पता कि फेसबुक, ट्विटर क्या होता है. वहीं 78 फ़ीसदी भारतीयों के पास स्मार्टफोन भी नहीं है.
हालांकि ये रिपोर्ट यह भी बताती है कि 2013 में 12 फ़ीसदी भारतीयों के पास स्मार्टफोन था, जो 2017 में बढ़कर 22 फ़ीसदी हो गया है. वहीं 2013 में केवल 8 फ़ीसदी भारतीय सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते थे, जो बढ़कर 20 फ़ीसद हो चुके हैं.
इस रिपोर्ट के आंकड़ों के मुताबिक़, 2013 में केवल 16 फ़ीसदी भारतीय इंटरनेट इस्तेमाल करते थे, 2017 में संख्या 25 फ़ीसद तक पहुंच गई है.
भारत के अलावा दूसरे देशों की बात की जाए तो दक्षिण कोरिया इस मामले में सबसे आगे है. 94 फ़ीसदी दक्षिण कोरियाई मोबाइल उपयोगकर्ताओं के पास स्मार्टफोन है.
आंकड़ों के मुताबिक़, 83 फ़ीसदी इज़रायली उपयोगकर्ता स्मार्टफोन से लैस हैं. 82 फ़ीसद ऑस्ट्रेलियाई यूजर्स के पास भी स्मार्टफोन मौजूद है. यानी ऑस्ट्रेलिया, स्वीडन, नीदरलैंड, लेबनान, स्पेन और अमेरिका की तीन चौथाई उपयोगकर्ता स्मार्टफोन से लैस हैं.
इस तरह हम पाते हैं कि 17 विकसित देशों की 87 फ़ीसदी आबादी इंटरनेट का इस्तेमाल करती है. वहीं 19 विकासशील देशों की 64 फ़ीसदी आबादी की पहुंच में इंटरनेट की सुविधा है.
भारत में जहां एक तरफ़ इंटरनेट का इस्तेमाल बढ़ा है, तो वहीं साईबर क्राईम के आंकड़ों में भी इज़ाफ़ा हुआ है.
एनसीआरबी की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक़ साल 2015 की तुलना में 2016 में साइबर क्राइम काफ़ी बढ़ा है. साल 2016 में उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 2 हज़ार 639 मामले सामने आए थे. वहीं महाराष्ट्र में 2 हज़ार 380 मामले निकल कर आए हैं.
एनसीआरबी की रिपोर्ट में कहा गया था कि साइबर क्राइम के लिहाज़ से मुंबई देश का सबसे असुरक्षित शहर है. नोटबंदी के बाद से साइबर क्राइम में काफ़ी तेजी आई है. जहां साल 2014 में साइबर क्राइम के कुल 9 हजार 622 मामले दर्ज किए गए. वहीं 2015 में यह आंकड़ा बढ़कर 11 हजार 592 तक पहुंच गया. साल 2016 में साइबर क्राइम का यह आंकड़ा 12 हजार 317 तक पहुंच चुका है.
जानकारों का मानना है कि जब साल 2017-18 का क्राइम रिपोर्ट का डाटा एनसीआरबी लेकर आएगा तो साइबर क्राइम में पहले से कहीं ज्यादा बढ़ोतरी देखने को मिलेगी. क्योंकि, नोटबंदी के बाद से सबसे ज्यादा साइबर क्राइम की शिकायत मिल रही है. देश में डिजिटलाइजेशन के सामने साइबर क्राइम एक सबसे बड़ी बाधा बनकर खड़ा है.