BeyondHeadlinesBeyondHeadlines
  • Home
  • India
    • Economy
    • Politics
    • Society
  • Exclusive
  • Edit/Op-Ed
    • Edit
    • Op-Ed
  • Health
  • Mango Man
  • Real Heroes
  • बियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी
Reading: ‘अगर मालूम रहत कि हमरे बचवा के पैर में गोली मार दिहैं त ज़रुर जाइत…’
Share
Font ResizerAa
BeyondHeadlinesBeyondHeadlines
Font ResizerAa
  • Home
  • India
  • Exclusive
  • Edit/Op-Ed
  • Health
  • Mango Man
  • Real Heroes
  • बियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी
Search
  • Home
  • India
    • Economy
    • Politics
    • Society
  • Exclusive
  • Edit/Op-Ed
    • Edit
    • Op-Ed
  • Health
  • Mango Man
  • Real Heroes
  • बियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी
Follow US
BeyondHeadlines > बियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी > ‘अगर मालूम रहत कि हमरे बचवा के पैर में गोली मार दिहैं त ज़रुर जाइत…’
बियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी

‘अगर मालूम रहत कि हमरे बचवा के पैर में गोली मार दिहैं त ज़रुर जाइत…’

Beyond Headlines
Beyond Headlines Published June 1, 2018 3 Views
Share
5 Min Read
SHARE

BeyondHeadlines News Desk

लखनऊ : बेलगाम पुलिस लगातार फ़र्ज़ी मुठभेड़ में युवाओं के पैर में गोली मारकर उनका जीवन बर्बाद कर रही है. आज आज़मगढ़ के मेंहनगर के पिलखुआं गांव के समीप मेंहनगर रोड पर फिर फ़र्ज़ी मुठभेड़ के नाम पर दो नौजवानों के पैर में गोली मारी गई और तीन को पुलिस द्वारा ग़ायब कर देने की बात सामने आ रही है.

लखनऊ की सामाजिक व राजनीतिक संगठन रिहाई मंच ने आज एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि, सरायमीर आज़मगढ़ के पास पवई लाडपुर गांव के रहने वाले अजय यादव जिन्हें पिछले दिनों फ़र्ज़ी मुठभेड़ में पैर में गोली मारी गई थी, के परिजनों से रिहाई मंच के शरद जायसवाल और राजीव यादव ने मुलाक़ात की.

इनसे बातचीत में अजय की मां ने बताया कि वह बंबई में कमाता था. एक-डेढ़ साल पहले उसको गिरफ्तार किया गया था तो उस पर एक साथ 7 केस लाद दिए गए थे. 6 महीने के तक़रीबन वो जेल में था.

केसों के बारे में पूछने पर बताती हैं कि दसमी के मेले में लड़की के चक्कर में कोई मारपीट हुई थी. 10 मई की शाम ख़बर आई कि उनके बेटे को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, पर बूढ़े पिता सतिराम यादव में इतनी हिम्मत न हुई कि वो थाने जाएं. एक तो वह सेहत से भी लाचार दूसरे जेब से भी, ऐसे में वो कहते हैं कि क्या करता वहां इस हालत में जाकर.

आगे मां कहती हैं ‘अगर मालूम रहत कि हमरे बचवा के पैर में गोली मार दिहैं त ज़रुर जाइत.’

उनके मुताबिक़ शाम 7 के क़रीब बेटे की थाने में गिरफ्तारी की सूचना उन्हें मिली.

सतिराम यादव के दो और बेटे हैं. एक अमित यादव जो वाराणसी में लकड़ी के सामान बनाते हैं, तो दूसरा पंकज यादव जो ड्राइवर हैं. बहुत मुश्किल से घर चलता है. इतने दिनों में मां एक बार जेल गईं, पिता वो भी नहीं जा पाए.

पिता कहते हैं कि हाथ खाली है. ऐसे में कैसे जाएं. वहां उसका ईलाज कराना होगा. बाहर से दवाई लेनी होगी, कहां से लाउंगा.

वे कहते हैं कि उसको 25 हज़ार का ईनामी बताया जा रहा है, जबकि हमें मालूम ही नहीं कि कब उस पर ईनाम घोषित किया गया. इस मामले में खानपुर के एक लड़के विशाल और एक और व्यक्ति तो फ़रार बताया जा रहा है.

गौरतलब हैं कि इस मामले में पुलिस का दावा है कि अजय यादव को उस वक़्त गिरफ्तार किया गया, जब वो अपने दो साथियों के साथ किसी घटना को अंजाम देने के लिए जा रहा था. मीडिया में आया है कि 25 हज़ार के ईनामी अजय यादव पर जब कागज़ी कार्रवाई की जा रही थी तो अजय ने अपने मोजे से तमंचा निकाला और थाने की दीवार फांद पुलिस पर फायरिंग करने लगा, जिसमें पुलिस ने जवाबी गोली चलाई जो उसके पैर में लगी जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया.

रिहाई मंच ने सवाल उठाया कि पुलिस का पैर में बोरा बांधकर पैर में गोली मारने की कार्रवाई से सब परिचित हैं. पर 25 हज़ार के ईनामी बताकर जिसे गिरफ्तार किया गया, घटनास्थल पर उससे कोई बरामदगी नहीं की गई. हालांकि पुलिस जब किसी को गिरफ्तार करती है तो तलाशी लेती है. अगर ऐसा किया होता तो वह तमंचा उसे मिल जाता. ऐसे में सवाल यह उठता है कि पुलिस ने क्या उसे अपने पास रखे किसी तमंचे के साथ पैर में गोली मारकर गिरफ्तार करने का झूठा दावा किया. वहीं अगर पुलिस की थ्योरी को सही मान लिया जाए तो उसकी गैर-पेशेवराना हरकत के लिए उस पूरी पुलिस पार्टी के ख़िलाफ़ कार्रवाई होनी चाहिए. क्या ज़िला प्रशासन ने ऐसा किया.

रिहाई मंच ने इसके अलावा भारत बंद के दौरान आज़मगढ़ के अज़मगतगढ़ और जीयनपुर क्षेत्रों में हुए पुलिसिया दमन पर घटना के लिए बताए जा रहे मुख्य आरोपी अज़मतगढ़ के चेयरमैन पारस सोनकर के परिजनों से मुलाक़ात की.

63 नामज़द और 150 अज्ञात के नाम से दर्ज हुए मुक़दमें में अब तक जिन 24 की गिरफ्तारी हुई थी, उनको ज़मानत मिल चुकी है. एससी-एसटी एक्ट को कमज़ोर किए जाने के ख़िलाफ़ भारत बंद में जिस तरह 307 तक के मुक़दमें पंजीकृत किए गए वो साफ़ बताता है कि यह राजनीतिक द्वेष से लगाए गए हैं.

रिहाई मंच ने मांग की है कि भारत बंद के नाम पर दर्ज मुक़दमों को तत्काल वापस लिया जाए.

Share This Article
Facebook Copy Link Print
What do you think?
Love0
Sad0
Happy0
Sleepy0
Angry0
Dead0
Wink0
“Gen Z Muslims, Rise Up! Save Waqf from Exploitation & Mismanagement”
India Waqf Facts Young Indian
Waqf at Risk: Why the Better-Off Must Step Up to Stop the Loot of an Invaluable and Sacred Legacy
India Waqf Facts
“PM Modi Pursuing Economic Genocide of Indian Muslims with Waqf (Amendment) Act”
India Waqf Facts
Waqf Under Siege: “Our Leaders Failed Us—Now It’s Time for the Youth to Rise”
India Waqf Facts

You Might Also Like

IndiaLeadबियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी

क्या आज एएमयू अपने संस्थापक के नज़रिए से विपरीत दिशा में खड़ा है?

November 5, 2024
LeadWorldबियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी

इसराइल की सेना आधुनिक काल का फ़िरौन है: एर्दोआन

May 8, 2024
ExclusiveWorldबियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी

तुर्किये भूकंप: मैंने ऐसा मंज़र ज़िन्दगी में कभी नहीं देखा…

June 7, 2025
Worldबियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी

फ़िलिस्तीन के समर्थन में अमेरिकी उप राष्ट्रपति कमला हैरिस के ख़िलाफ़ मिशिगन यूनिवर्सिटी के छात्रों का विरोध-प्रदर्शन

January 16, 2023
Copyright © 2025
  • Campaign
  • Entertainment
  • Events
  • Literature
  • Mango Man
  • Privacy Policy
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?