BeyondHeadlines News Desk
गाय के नाम पर देश में बढ़ती लिंचिंग के घटनाओं को लेकर जमीअत-ए-उलेमा हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने एक बार फिर से गाय को राष्ट्रीय पशु बनाने की मांग की है.
वहीं उन्होंने मुसलमानों से इस बात की भी अपील की है कि वो गाय को पालना और उसके दूध का इस्तेमाल बंद कर दें क्योंकि ये जो कुछ हो रहा है वो गाय की मुहब्बत में नहीं, सियासी फ़ायदे के लिए हो रहा है.
बता दें कि इससे पहले मौलाना अरशद मदनी ने 2017 के मई महीने में नई दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में भी गाय को राष्ट्रीय पशु बनाने की मांग कर चुके हैं.
उन्होंने उस समय भी कहा था —‘गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित कर देना चाहिए. आख़िर केन्द्र सरकार इसके लिए एक क़ानून क्यों नहीं बना रही है?’
उन्होंने यह भी कहा था — पिछले 50 सालों से गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग सरकार से की जा रही है, लेकिन सरकार ने इस ओर कभी भी ध्यान नहीं दिया. जबकि इस गाय के नाम तथाकथित गौ-रक्षक न सिर्फ़ लोगों को लूट रहे हैं, बल्कि लोगों का क़त्ल तक कर रहे हैं. अब ये खेल बंद होना चाहिए.
इसके बाद वो लगातार गाय को राष्ट्रीय पशु बनाने की मांग करते आए हैं. अब उन्होंने एक बार फिर से अपनी ये मांग दोहराई है. एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चैलेंज करते हुए कहा है कि — अगर मोदी वाक़ई गाय से मुहब्बत करते हैं तो फिर उन्हें चाहिए कि वो गाय की हिफ़ाज़त के लिए उसको राष्ट्रीय पशु का दर्जा दें और फिर गाय को जो भी नुक़सान पहुंचाए, चाहे वो मुसलमान हो या हिन्दू , सबको सख्त से सख्त सज़ा दी जाए, इस पर हमें कोई एहतराज नहीं होगा.
उन्होंने कहा कि, ये जो कुछ हो रहा है वो गाय की मुहब्बत में नहीं, बल्कि एक सियासत के तहत हो रहा है, जिसको हमें समझना होगा.
उन्होंने यह भी कहा कि, ये बहुत इत्मीनान की बात है कि सुप्रीम कोर्ट का रूख लिंचिंग को लेकर बहुत सही है और वो इस अमल को ख़तरनाक समझ रहे हैं, लेकिन मैं ये समझता हूं कि नफ़रत की सियासत करने वाले जिन्होंने इसको शुरू किया है, जब तक इस पर रोक नहीं लगाएंगे, अपने नेताओं को नहीं पकड़ेंगे, उन्हें नहीं बांधेंगे, ये रूकने वाला नहीं है.