BeyondHeadlines News Desk
नई दिल्ली : बदलाव प्रकृति का नियम है. बदलाव हमें आधुनिता की तरफ़ ले जाते हैं, चाहे वो किसी भी क्षेत्र में हो.
सामाजिक स्तर पर होने वाली तब्दीलियां ख़ासतौर से किसी भी समाज की जब युवा पीढ़ी के दिलो दिमाग़ को असरअंदाज़ करती हैं तो उनकी सृजन शक्ति अपने बहाव का रास्ता खुद ही तलाश लेती हैं.
पिछले दो शतकों में जश्न-ए-बहार ट्रस्ट ने मुशायरे की साहित्यक परंपरा की बुलंदियों को छुआ है. अपने बा ज़ौक़ सामईन और युवा पीढ़ी की अभिरुचि के मद्देनज़र ट्रस्ट ने अंतर्राष्ट्रीय मुशायरा जश्न-ए-बहार की बीसवीं सालगिरह के मौक़े पर युवा तख़लीक़कारों की शायराना अभिव्यक्ति को आप तक पहुंचाने के लिए जश्न-ए-नौबहार का आयोजन किया है.
ट्रस्ट की संस्थापक कामना प्रसाद के मुताबिक़ आधुनिक युवा ज़ेहनों की नई सोच पंख लगाकर किस दिशा में उड़ान भर रही है और उनकी कल्पना में नए आधुनिक संसार जगत की क्या रूपरेखा है, इसे मंज़र-ए-आम पे लाना बहुत ज़रुरी है.
इसीलिए परंपरा के झरोखे से नए क्षितिज की ओर जश्न-ए-नौबहार के प्लेटफॉम पर युवा पीढ़ी अपनी रचनाओं की बानगी पेश करने वाली है.
कामना प्रसाद का मानना है कि अपनी ज़बान और साहित्यिक परंपरा को क़ायम रखने की दिशा में जश्न-ए-नौबहार एक साहसिक पहल है जहां आधुनिक भारत की युवा पीढ़ी को अपने शायराना जौहर दिखाने का भरपूर मौक़ा मिलेगा.
जश्न-ए-नौबहार शुक्रवार, 20 जुलाई 2018 को शाम 6.00 बजे बी.एस. अब्दुर्रहमान ऑडीटोरियम, इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर, लोधी रोड, दिल्ली में सपन्न होने जा रहा है. हिंदी-उर्दू के 10 नौजवान कवि सामाजिक परिपक्वता और अपनी सृजन क्षमता का परिचय अपने श्रोताओं से कराएंगे.
शो’अरा की फ़ेहरिस्त में हुसैन हैदरी, अज़हर इक़बाल, अभिषेक शुक्ला, गौरव त्रिपाठी, विपुल कुमार, सबिका अब्बास नक़वी, क़ैस जौनपुरी, मुदिता रस्तोगी, रमणीक सिंह और आतिरा तहूर के नाम शामिल हैं. इस प्रोग्राम का संचालन डा. सैफ़ महमूद करेंगे.