BeyondHeadlines History Desk
‘इस समय गौ-रक्षा का सवाल देश के लिए उतना ही आवश्यक है, जितना कि अन्य दूसरे सवाल, और अर्थ-शास्त्र की दृष्टि से गौ-रक्षा की बड़ी ज़रूरत है. यह बिल्कुल साफ़ है कि मुसलमानों को उनके धार्मिक सिद्धांत गौ-रक्षा की मनाही नहीं करते, बल्कि नैतिक दृष्टि से यह समझकर कि यह हिन्दुओं का धर्म है, हमको उनका साथ देना चाहिए. देश की दो बड़ी जातियों में सहयोग का बढ़ना बहुत आवश्यक है, और मुसलमानों के लिए इससे बढ़ कर और कोई उपाय नहीं है कि वे गौ-वध के रोकने में हिन्दुओं का साथ दें.’
ये अपील 1920 में ख़िलाफ़त कमेटी के कार्यकर्ताओं की ओर से मिस्टर आसफ़ अली बैरिस्टर ने गो-रक्षा के संबंध में जारी की थी.
मिस्टर आसफ़ अली बैरिस्टर की ये अपील गणेश शंकर विद्यार्थी के संपादन में कानपुर से निकलने वाले अख़बार ‘प्रताप’ के 23 अगस्त, 1920 के अंक में पेज नंबर—7 पर छपी है.
कौन थे बैरिस्टर आसिफ़ अली?
बैरिस्टर आसफ़ अली अमेरिका में भारत के पहले राजदूत थे. स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रिया और वैटिकन में भी भारत के राजदूत रहे.
अली ओडिशा के गवर्नर भी रह चुके हैं. लेजिस्लेटिव असेंबली में शहीद भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त के बम फेंकने के केस में भी अली ने उनका बचाव कोर्ट में किया था. 1935 में इनका चुनाव सेंट्रल लेजिस्लेटिव असेंबली में मुस्लिम नेशनलिस्ट पार्टी के सदस्य के रूप में हुआ.
(नोट : ‘प्रताप’ अख़बार की कॉपी अफ़रोज़ आलम साहिल को उनके शोध के दौरान मिली है.)