पहले प्रोफ़ेसर संजय की पिटाई, और अब उन्हें मोतिहारी से वापस भेजने के लिए कैंडल मार्च

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BeyondHeadlines News Desk

मोतिहारी : स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के ख़िलाफ़ फेसबुक पर पोस्ट करने वाले महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफ़ेसर संजय कुमार के ख़िलाफ़ शनिवार शाम को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और अन्य संस्थाओं के युवाओं ने मोतिहारी शहर में मेन रोड पर कैंडल मार्च किया.

हाथों में कैंडल लिए ये युवा ‘भारत के महापुरूषों के सम्मान में, चम्पारण के युवा मैदान में.’ ‘प्रोफेसर संजय कुमार वापस जाओ’ के नारे लगा रहे थे. इन युवाओं का ये भी कहना था कि हम संजय कुमार को चम्पारण की धरती पर रहने नहीं देंगे. उन्हें हर हाल में यहां से वापस जाना होगा.

ये कैंडल मार्च गांधी स्मारक से गांधी चौक होते हुए फिर चरखा घर के पास समाप्त हुआ. इसमें क़रीब तीन दर्जन युवा हाथ में बैनर लिए नारेबाज़ी कर रहे थे.

इधर प्रोफ़ेसर संजय कुमार के साथियों का आरोप है कि बिहार सरकार व पुलिस इस मामले को दबाने में लगी है. इनकी मंशा उन गुंडों को बचाने की है, जिन्होंने संजय कुमार को न सिर्फ़ घर से खींचकर सड़क पर सरेआम बेरहमी से पिटा, बल्कि उन्हें जलाने की भी कोशिश की. 

बता दें कि इस मामले में मोतिहारी पुलिस ने अभी तक आरोपित जितेन्द्र गिरी को गिरफ़्तार किया है. बाक़ी आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ़्त से बाहर हैं, जबकि स्थानीय लोगों का मानना है कि खुलेआम घूम रहे हैं. आरोप है कि एक आरोपी इस कैंडल मार्च में भी शामिल था. 

वहीं इस मामले में आरोपित प्रोफ़ेसर डॉ. दिनेश ब्यास ने नगर थाने में आवेदन देकर कहा है कि उसे झूठे मुक़दमें में फंसाकर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया है. वे विश्वविद्यालय में प्रशासनिक सचिव के पद पर कार्यरत हैं. उन्होंने एससी-एसटी एक्ट के तहत संजय कुमार पर एफ़आईआर दर्ज करने के लिए आवेदन दिया है.

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