अफ़रोज़ आलम साहिल, BeyondHeadlines
अप्रैल 2016 से बिहार में अल्कोहल पूरी तरह से प्रतिबंधित है, लेकिन सड़क हादसों के आंकड़े बताते हैं कि यहां अल्कोहल की वजह से अब भी हादसे हो रहे हैं.
आंकड़ों के मुताबिक़ साल 2016 में यहां 8 हज़ार 222 सड़क हादसों के मामले सामने आएं, जिनमें नेशनल क्राईम रिकार्ड ब्यूरो के अनुसार 593 हादसे अल्कोहल पीकर गाड़ी चलाने की वजह से हुआ. हालांकि यहां शराब पीकर गाड़ी चलाने वाले लोगों की मौत के आंकड़ें में कमी ज़रूर आई है.
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि साल 2015 में शराब पीकर गाड़ी चलाने की वजह से 867 लोगों ने अपनी जान गंवाई, वहीं 2016 में यह संख्या कम होकर 326 हो गई है.
मिजोरम और नागालैंड में भी शराब पूरी तरह से प्रतिबंधित है, लेकिन सड़क हादसों के आंकड़े बताते हैं कि प्रतिशत के लिहाज़ से ये दोनों राज्य अल्कोहल की वजह से होने वाले सड़क हादसों में पहले व दूसरे स्थान पर हैं.
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के आंकड़ें बताते हैं कि अगर प्रतिशत के लिहाज़ से बात की जाए तो सड़क दुर्घटना की कुल संख्या की तुलना में अल्कोहल लेने की वजह से भारत में सबसे अधिक सड़क हादसे मिजोरम में हुए हैं. यहां 32.53 फ़ीसद हादसे अल्कोहल लेने की वजह से हुए है. उसके बाद नगालैंड का नाम आता है. यहां ये प्रतिशत 17.33 है.
संख्या के लिहाज़ से इस मामले में उत्तर प्रदेश नंबर वन है. यहां 4 हज़ार 633 सड़क हादसे अल्कोहल लेकर गाड़ी चलाने की वजह से हुए हैं.
TOTAL NUMBER OF ROAD ACCIDENTS AND ROAD ACCIDENTS DUE TO INTAKE OF ALCOHOL – 2016 | ||||||
Sl. No. | States/UTs | Total Number of Road Accidents | Percentage Share in total number of road accidents | Road accidents due to intake of alcohol | Road accidents due to intake of alcohol as percentage of total accidents in the States | |
1 | Andhra Pradesh | 24888 | 5.18 | 128 | 0.51 | |
2 | Arunachal Pradesh | 249 | 0.05 | 15 | 6.02 | |
3 | Assam | 7435 | 1.55 | 352 | 4.73 | |
4 | Bihar | 8222 | 1.71 | 593 | 7.21 | |
5 | Chhattisgarh | 13580 | 2.83 | 145 | 1.07 | |
6 | Goa | 4304 | 0.90 | 3 | 0.07 | |
7 | Gujarat | 21859 | 4.55 | 64 | 0.29 | |
8 | Haryana | 11234 | 2.34 | 529 | 4.71 | |
9 | Himachal Pradesh | 3168 | 0.66 | 72 | 2.27 | |
10 | Jammu & Kashmir | 5501 | 1.14 | 47 | 0.85 | |
11 | Jharkhand | 4932 | 1.03 | 543 | 11.01 | |
12 | Karnataka | 44403 | 9.24 | 396 | 0.89 | |
13 | Kerala | 39420 | 8.20 | 133 | 0.34 | |
14 | Madhya Pradesh | 53972 | 11.23 | 3083 | 5.71 | |
15 | Maharashtra | 39878 | 8.30 | 226 | 0.57 | |
16 | Manipur | 538 | 0.11 | 71 | 13.20 | |
17 | Meghalaya | 620 | 0.13 | 35 | 5.65 | |
18 | Mizoram | 83 | 0.02 | 27 | 32.53 | |
19 | Nagaland | 75 | 0.02 | 13 | 17.33 | |
20 | Odisha | 10532 | 2.19 | 1255 | 11.92 | |
21 | Punjab | 6952 | 1.45 | 317 | 4.56 | |
22 | Rajasthan | 23066 | 4.80 | 673 | 2.92 | |
23 | Sikkim | 210 | 0.04 | 12 | 5.71 | |
24 | Tamil Nadu | 71431 | 14.86 | 531 | 0.74 | |
25 | Telangana | 22811 | 4.75 | 202 | 0.89 | |
26 | Tripura | 557 | 0.12 | 5 | 0.90 | |
27 | Uttarakhand | 1591 | 0.33 | 40 | 2.51 | |
28 | Uttar Pradesh | 35612 | 7.41 | 4633 | 13.01 | |
29 | West Bengal | 13580 | 2.83 | 462 | 3.40 | |
30 | Andaman & Nicobar Islands | 238 | 0.05 | 27 | 11.34 | |
31 | Chandigarh | 428 | 0.09 | 9 | 2.10 | |
32 | Dadra & Nagar Haveli | 70 | 0.01 | 0 | 0.00 | |
33 | Daman & Diu | 71 | 0.01 | 7 | 9.86 | |
34 | Delhi | 7375 | 1.53 | 164 | 2.22 | |
35 | Lakshadweep | 1 | 0.00 | 0 | 0.00 | |
36 | Puducherry | 1766 | 0.37 | 82 | 4.64 | |
Total | 480652 | 100.00 | 14894 | 3.10 |
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय का मानना है कि अल्कोहल की वजह से होने वाले सड़क हादसों में कमी आई है. इनके आंकड़ों के मुताबिक़ भारत में 2015 में सड़क दुर्घटना के कुल 5 लाख 01 हज़ार 423 हादसे दर्ज किए गए, जिनमें से 16 हज़ार 298 हादसे शराब पीकर वाहन चलाने के चलते हुईं. इन हादसों में कुल 6 हज़ार 755 लोगों की मौत हुई, जबकि 18 हज़ार 813 लोग घायल हुए. वहीं साल 2016 में कुल 4 लाख 80 हज़ार 652 सड़क हादसे दर्ज किए गए. इसमें सिर्फ़ 14 हज़ार 894 हादसे अल्कोहल के कारण हुए हैं और इसमें 6 हज़ार 131 लोगों की मौत हो गई. यानी सिर्फ़ 5.10 फ़ीसदी सड़क हादसे शराब पीकर वाहन चलाने के कारण हुए है.
लेकिन रोड सेफ्टी पर काम करने वालों का मानना है कि एनसीआरबी का ये आंकड़ा पूरा सच नहीं है. सड़क हादसों की बड़ी वजह शराब पीकर गाड़ी चलाना है.
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाईज़ेशन (डब्ल्यूएचओ) से जुड़े डॉ. फिकरू टुल्लू का मानना है कि शराब पीकर गाड़ी चलाना सड़क हादसे की संभावनाओं को बढ़ा देता है. अगर अल्कोहल की मात्रा ब्लड अल्कोहल कंसन्ट्रेशन (BAC) के 0.50g/dl से अधिक है तो ये बहुत घातक है.
इनका मानना है कि शराब पीकर गाड़ी चलाने से होने वाली दुर्घटनाओं को कम करके आंका जाता है. अगर पुलिस दुर्घटना स्थल पर पहुंचने में देरी करती है, तो यह पता लगाने में मुश्किल होती है कि हादसा शराब पीकर वाहन चलाने के चलते हुआ था या नहीं.
अगर आंकड़ों की मानें तो शराब पीकर गाड़ी चलाने से हुए हादसों के पीड़ितों में 42 फ़ीसदी की मौत हो जाती है. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय का भी मानना है कि साल 2016 में सड़क दुर्घटना में मरने वालों की मृत्यु दर में 41.16 फ़ीसद लोगों की मौत अल्कोहल के कारण हुई है.
वहीं एक सर्वे के मुताबिक़ देश में हर रोज़ 19 लोगों की मौत शराब पीकर गाड़ी चलाने की वजह से होती है. डब्लूएचओ की मानें तो भारत में सड़क हादसों में होने वाली सभी मौतें अप्रत्यक्ष तौर पर शराब से जुड़ी हुई होती हैं.
बता दें कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने पिछले दिनों लोकसभा में मोटर यान (संशोधन) विधेयक प्रस्तुत किया है जिसमें ड्रंकन ड्राइविंग सहित सड़क सुरक्षा के समस्त पहलू शामिल हैं. विधेयक में अन्य बातों के साथ–साथ मोटर यान अधिनियम की धारा 185 के तहत ड्रंक और ड्राइविंग के लिए जुर्माने की रक़म को बढ़ाने की सिफ़ारिश की गई है. अब तक जुर्माने की रक़म 2 हज़ार रूपये थी, अब इसे 10 हज़ार रूपये और दोबारा ग़लती दोहराने पर 15 हज़ार रुपये तक का जुर्माना करने की सिफ़ारिश की गई है.
यही नहीं, अगर आप शराब पीकर गाड़ी चलाते हुए पकड़े जाते हैं और किसी की मौत हो जाती है तो आपको 7 साल तक की सज़ा हो सकती है.
बता दें कि पहले यह नियम तोड़ने पर सिर्फ़ 2 साल की जेल होती थी. लेकिन अभी हाल ही के दिनों में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि शराब पीकर चलाने से मौत के लिए सज़ा बिल्कुल अपर्याप्त है. इसीलिए इस सज़ा को 2 साल से बढ़ाकर 7 साल किया जाए.