India

दो साल पहले जब नोटबंदी ने ली थी 120 से अधिक लोगों की जान, जानिए कौन थे मरने वाले

BeyondHeadlines News Desk

नई दिल्ली : आज से ठीक दो साल पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ज़रिए की गई नोटबंदी ने जहां देश के लाखों लोगों की ज़िन्दगी पलट दी, वहीं सिर्फ़ एक महीने में 120 से अधिक लोगों ने अपनी जान गंवाई.    

नोटबंदी की दूसरी बरसी पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक संदेश जारी कर कहा है कि नोटबंदी जैसे विचारहीन और तर्करहित फैसले देश को आर्थिक अस्थिरता के गर्त में पहुंचा देते हैं. उन्होंने इस दिन को कभी न भरने वाले ज़ख्म की संज्ञा दी है.

BeyondHeadlines के अफ़रोज़ आलम साहिल ने विभिन्न बेवसाईटों पर प्रकाशित मौत की ख़बरों के आधार पर अपनी एक सूची तैयार की थी. ये सूची कुछ इस प्रकार है:—

1. सउद-उर-रहमान : पुरानी दिल्ली इलाक़े में रहने वाले 48 साल के सउद की मौत जब वो लाल कुंआ के एक बैंक के बाहर क़तार में 8 घंटों से अधिक खड़े थे. इसके पहले दो दिन क़तार पूरे दिन खड़े रहकर वापस जा चुके थे. 16 नवम्बर को 8 घंटे से अधिक खड़े रहने के बाद जब उनका नंबर आया था तो बैंक में कैश ख़त्म हो गई. यह सुनते ही उनको हार्ट-अटैक आ गया. उन्हें जल्द ही लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल में ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

2. रिज़वाना : दिल्ली के ख़जूरी ख़ास इलाक़े में रहने वाली 24 साल की रिज़वाना ने फांसी लगा लिया. उसके घर वालों के मुताबिक़ वो तीन दिन से नोट बदलने के लिए बैंक की क़तार में लग रही थी, लेकिन इसके बावजूद वह अपने नोट नहीं बदल पाई. इस बात से दुखी होकर खुद को फांसी लगा लिया.

3. विरेन्द्र बसोया : दिल्ली के नेब-सराय इलाक़े में रहने वाले 26 साल विरेन्द्र 17 नवम्बर को अपने कमरे में पंखे से लटके मिले. उनके पत्नी के मुताबिक़ विरेन्द्र के पास 12 लाख रूपये के पुराने नोट थे, जिसे बदलने को लेकर वो काफी परेशान था. लेकिन नेब-सराय पुलिस का कहना है कि यह मौत नोटबंदी की वजह से नहीं, बल्कि उसने पारिवारिक कलह के चलते आत्म-हत्या की है.

4. सुखदेव सिंह : पंजाब के तरन-तारन के रहने वाले सुखदेव सिंह (50) के घर 18 नवम्बर को उनकी बेटी की शादी थी. नोटबंदी के कारण वो शादी के लिए ज़रूरत के सामानों को नहीं ख़रीद पा रहे थे. जिसे लेकर वो काफी तनाव में आ गए. शादी से ठीक चार दिन पहले अचानक आए हार्ट-अटैक के कारण इनकी मौत हो गई.

5. रत्न पिल्लई : आंध्र प्रदेश के चित्तूर में रहने वाले 70 साल के रत्न पिल्लई की मौत एक बैंक के क़तार में खड़े रहने के दौरान हार्ट-अटैक आ जाने के कारण उनकी मौत हो गई. वो काफी लंबे समय से क़तार में लगे थे. उन्होंने बैंक मैनेजर से भी संपर्क कर कैश देने की विनती की थी, पर बैंक मैनेजर ने उनकी एक न सुनी.

6. मोहम्मद शहज़ाद : उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक बैंक के बाहर क़तार में इंतजार कर रहे मोहम्मद शहजाद की मौत हो गई. शहज़ाद लगातार चौथे दिन क़तार में खड़े थे. शहज़ाद मेरठ में मजदूरी करते थे.

7. अज़ीज़ अंसारी : उत्तर प्रदेश के मेरठ में ही 60 साल के अज़ीज़ अंसारी की मौत तब हो गई जब वो गोला कुंआ इलाक़े में एक बैंक के बाहर क़तार में खड़े थे और दिल का दौरा पड़ने के कारण गिर गए. वो तीन दिन से अपने पैसों को बदलने के लिए बैंको के चक्कर काट रहे थे. अंसारी पावरलूम फैक्ट्री में मजदूरी करते थे.

8. जगदीश पंवार : राजस्थान के सीकर ज़िले में 62 साल चाय बेचने वाले जगदीश पंवार की मौत दिल का दौरा पड़ने के कारण हो गया. वो अपनी बेटी की शादी के लिए पैसे को लेकर परेशान थे. बैंकों का कई बार चक्कर लगा चुके थे. सीकर प्रशासन का कहना था कि स्थानीय बैंकों को दो दिनों से भारतीय रिजर्व बैंक से कैश नहीं मिला है, जिसकी वजह से स्थानीय बैंकों में पैसा नहीं आया.

9. नवजात शिशु : राजस्थान के पाली ज़िले में चंपालाल मेघवाल के नवजात को एंबुलेंस ने अस्पताल ले जाने से इसलिए मना कर दिया क्यूंकि उनके पास 500 और 1000 के पुराने नोट थे. जब चंपालाल 100 के नोट लाए तो बहुत देर हो चुकी थी और नवजात दम तोड़ चुका था.

10. रत्न राम : राजस्थान के पिलानी में 75 साल के रत्न राम की मौत बैंक के बाहर क़तार में लगने की वजह से हो गई. वो सरकारी नौकरी से रिटायर्ड हुए थे.

11. प्रहलाद सिंह : राजस्थान के नागौर के लादनू शहर में 70 साल के प्रहलाद सिंह की मौत स्टेट बैंक ऑफ़ बीकानेर एंड जयपुर के बाहर क़तार में लगने की वजह से हो गई. वो भारतीय सेना से रिटायर्ड हुए थे.

12. मुन्ना उर्फ मोहन लाल : राजस्थान के रायगढ़ में 80 साल के मोहन लाल की मौत स्टेट बैंक ऑफ़ बीकानेर एंड जयपुर के बाहर क़तार में लगने की वजह से हो गई. मोहन लाल बैंक से कैश मिलने के साथ ही गिर पड़े.

13. दीपक शाह : मुंबई के भायंदर इलाक़े में 60 साल के दीपक शाह की मौत एक कोऑपरेटिव बैंक के बाहर लगे क़तार में गिर जाने के बाद हो गई. दीपक दिल के मरीज़ थे और पिछले तीन साल से लगातार पूरे दिन बैंक के क़तार में लग रहे थे.

14. विश्वास वर्तक : मुंबई के मुलुंद इलाक़े में 72 साल के विश्वास वर्तक की मौत बैंक में पुराने नोटों को जमा करने के दौरान हार्ट-अटैक आने के कारण हो गई. पब्लिक वर्क्स डिपार्मेंट से रिटायर्ड वर्तक ने बैंक के अंदर ही दम तोड़ दिया.

15. नवजात शिशु : मुंबई में गोवंडी इलाक़े में एक नवजात शिशु की मौत इसलिए हो गई क्योंकि प्राइवेट अस्पताल वालों ने उसे एडमिट नहीं करने से मना कर दिया. दरअसल उस बच्चे के पिता के पास हजार-हजार के नोट थे और अस्पताल वोलों ने उसे लेने से इंकार कर दिया, जिसके कारण नवजात की मौक़े पर मौत हो गई.

16. दिगांम्बर कास्बे : महाराष्ट्र के नांदेड़ ज़िले में 60 साल दिगांम्बर कास्बे कई घंटों से बैंक के बाहर क़तार में लगे थे, अचानक गिर पड़े. लोगों ने उन्हें पास के अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया.

17. तुकाराम तानपुरे : महाराष्ट्र के पुणे-नाशिक हाईवे पर राजगुरू नगर के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में 53 साल के तुकाराम की मौत अचानक दिल का दौरा पड़ जाने के कारण हो गई. पिंपरी के रहने वाले तुकाराम इस बैंक में चपरासी थे. उनके सहयोगियों ने बताया कि वो कुछ दिनों से काफी परेशान थें. बैंक में भारी भीड़ से निपटने लिए उन्हें लगातार 12 घंटे तक काम करना पड़ता था. उन पर काफी दबाव था जिसको वो सहन नहीं कर पाए और हर्ट हटैक से उनकी मौत हो गई.

18. रामचंद्र पासवान : झारखंड के पलामू के रहने वाले 70 साल के बुजुर्ग की मौत लंबे समय तक बैंक के बाहर लंबी क़तार में लगने के दौरान हो गई. गढ़वा ज़िले में रागबंध गांव के रहने वाले रामचंद्र अपने पेंशन की रक़म निकालने के लिए 8 घंटे से अधिक क़तार में खड़े थे.

19. लवकुश : झारखंड के बोकारो के रहने वाले 20 साल के लवकुश की मौत आर्थिक तनाव के चलते हुआ. नोटबंदी के चलते उनके पिता को काम नहीं मिल रहा था.

20. लक्ष्मी : झारखंड के बोकारो के रहने वाले 20 साल के लवकुश की मौत की ख़बर सुनकर सदमे में अगली सुबह दादी लक्ष्मी की भी मौत हो गई. वो 70 साल की थीं.

21. सुरेंद्र शर्मा : बिहार के औरंगाबाद ज़िले में एक बुजुर्ग सुरेंद्र शर्मा की मौत हो गई जब वो स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के बाहर क़तार में अपनी बारी आने का इंतज़ार कर रहे थे और अचानक हार्ट-अटैक आ गया और बैंक के गेट पर ही दम तोड़ दिया. अरई गांव के रहने वाले सुरेंद्र शर्मा रिटायर्ड फौजी थे.

22. राम अवध साह : बिहार के कैमूर ज़िला में राम अवध साह (45) के घर बेटी की शादी थी. पिता राम अवध को इस बात का डर था कि दहेज़ में बेटी के ससुराल वाले पुराने नोट नहीं लेगें. इसी फ़िक्र में दिल का दौरा पड़ा और उनकी मौत हो गई. राम अवध साह की चार बेटियां हैं. वो अपने परिवार की जीविका के लिए एक छोटी सी किराने की दुकान चलाते थे और उनके पास बेटी की शादी के लिए पुराने नोट की शक्ल में सिर्फ़ 35 हज़ार रूपये थे.

23. लालमुनी देवी : बिहार के गया ज़िले के सापनेरी गांव की महिला लालमुनी देवी की मौत तब हो गई जब वो नई बाज़ार (खिजरसराय) स्थित पंजाब नेशनल बैंक के बाहर पैसा बदलने के लिए क़तार में खड़ी थीं.

24. हैदर अली : बिहार के गया ज़िले के शेरघाटी इलाक़े में शफ़ीचक गांव के हैदर अली मौत एटीएम की क़तार में खड़े होने दौरान हार्ट-अटैक आ जाने की वजह हुई. हैदर गांव में सिलाई का काम करते थे.

25. मंजू मांझी : बिहार के गया ज़िला के चाकंद थाना अंतर्गत ओरमा गांव निवासी गोरा मांझी की पत्नी मंजू देवी का एक अस्पताल ने डायलेसिस करने से इंकार कर दिया जिसके बाद उनकी मौत हो गई.

26. मो. अहमद : बिहार के मुज़फ़्फ़पुर के धीरनपट्टी गांव में एक बुजुर्ग के बेटी की शादी थी. उन्होंने शादी के लिए दस लाख रूपये जमा किए थे. अचानक नोट बंद होने से वो सदमे में आ गएं और जब टेन्ट वाले ने पेमेंट में हज़ार व पांच सौ रुपये का नोट लेने से मना कर दिया तो उन्हें अचानक हार्ट अटैक आ गया, जिसके कारण उनकी मौत हो गई.

27. अशोक गौतम : हरियाणा के बल्लभगढ़ से दस किलोमीटर दूर गांव सागरपुर में हरियाणा लोकसंपर्क विभाग से सेवानिवृत्त सहायक लोकसंपर्क अधिकारी अशोक गौतम की भी बेटी की शादी थी. नोट के बंद किए जाने के ऐलान के बाद गौतम सदमे में आ गए. परिवार वालों ने पास के मेट्रो अस्पताल में भर्ती कराया, जहां हृदय गति रुक जाने के कारण उनकी मौत हो गई.

28. शेख़ बसीर : तेलंगाना के निज़ामाबाद ज़िले 35 साल के एक ऑटो-ड्राइवर शेख़ बसीर ने आत्महत्या कर ली. बसीर को अपने फाइनेंसर को क़र्ज़ चुकाना था. फाइनेंसर ने पुराने नोट लेने से मना कर दिया था, जिसके चलते उन्होंने आत्महत्या कर लिया.

29. कंदुकूरी विनोदा : तेलंगाना के महुबाबाद ज़िले के रहने वाले 55 साल के कंदुकूरी विनोदा नाम की महिला की तब मौत हो गई जब उन्हें पता चला कि अब पुराने नोट नहीं चलेंगे. उन्होंने 54 लाख रूपये ज़मीन बेचकर जमा की थी. यह पैसा उन्होंने अपने पति के इलाज के लिए और बेटी की दहेज़ के लिए देने के लिए जमा की थी. नोटबंदी के की ख़बर आने के बाद उन्होंने आत्महत्या कर ली.

30. बलैह : तेलंगाना के सिद्दीपेट ज़िले के रहने वाले 45 साल के किसान बलैह ने अपने भोजन में कीटनाशक मिलाकर खा लिया जिसके चलते उनकी मौत हो गई. वे कुछ दिनों से अपनी कृषि भूमि को बेचने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन नोटबंदी के चलते 6-7 लाख की ज़मीन की क़ीमत 2-3 लाख ही मिल रहा था. उन पर भारी क़र्ज़ था और वो डिप्रेसन से गुजर रहे थे.

31. गलैह : तेलंगाना के सिद्दीपेट ज़िले के रहने वाले बलैह ने जब आत्महत्या की, तो इस ख़बर को सुनकर उनके 65 वर्षीय पिता गलैह का भी निधन हो गया. बलैह की पत्नी और बेटा को भी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा.

32. लक्ष्मी नारायण : तेलंगाना के सिकंदराबाद निवासी 75 साल के लक्ष्मीनारायण की उस दौरान दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई जब वह करेंसी एक्सचेंज करने के लिए पिछले 2 घंटों से बैंक के बाहर क़तार में लगे हुए थें.

33. मनसुख दर्जी : गुजरात में सुरेंद्रनगर ज़िले के लिम्बडी शहर में एक 69 साल के बुजूर्ग मनसुख दर्जी की मौत तब हुई जब वो बैंक ऑफ इंडिया के बाहर नोट चेंज करने के लिए क़तार में खड़े थे. उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उनकी मौत हो गई.

34. शेख़ चंदा खातुन : गुजरात के सूरत ज़िला में चंदा खातुन (50) ने तब आत्महत्या कर लिया, जब उसके पास अपने तीन बच्चों को खिलाने के लिए राशन नहीं था और आस-पास के दुकानदारों ने पुराने नोटों लेने से इंकार कर दिया.

35. बरकात शेख़ : गुजरात के तारापुर में एक 47 साल के किसान बरकात शेख़ की मौत तब हुई जब वो बैंक में पुराने नोटों को बदलने के लिए बैंक के बाहर क़तार में खड़े थे. इसी दौरान दिल का दौरा पड़ा और वो सदा के लिए अल्लाह के लिए प्यारे हो गए. उन्हें पैसों की ज़रूरत थी ताकि खेत मज़दूरों का भुगतान कर सकें.

36. जीलूभाई खचर : गुजरात के रानपुर में 70 साल के जीलूभाई खचर की मौत तब हो गई जब वो नोट बदलने के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा के बाहर क़तार खड़े थे और अचानक हार्ट-अटैक आ गया.

37. के. के. उन्नी : केरल के थालास्सेरी में राज्य के बिजली विभाग के एक कर्मचारी 45 साल के के.के. उन्नी की मौत हो गई. वो नोटबंदी के बाद अपने 5 लाख रुपये जमा करने के लिए बैंक गए थे. वह नोटों को बदलने में पहले दिन सफल नहीं हो सके थे और दूसरे दिन जमा करने पहुंचे तो दूसरे फ्लोर के लिए सीढ़ी पर चढ़ते समय पैर फिसल गया और उनके गिरते ही मौत हो गई.

38. कार्तिकेयन : केरल के अलाप्पुझा में 75 साल के कार्तिकेयन की मौत बैंक लाइन में खड़ा रहने के दौरान हो गई. वो लंबे समय से बैंक के बाहर क़तार में खड़े थे.

39. ओमानाकुत्तन पिल्लई : केरल के कालाकेट्टी में 73 साल के पिल्लई ने आत्महत्या कर ली, जब बैंक ने उनके खुद के पैसे को देने से मना कर दिया. वो अपने अकाउंट से पांच लाख रूपये निकालना चाह रहे थे.

40. गोपाला शेट्टी : कर्नाटक के उडुपी में 96 साल के एक गोपाला शेट्टी की मौत बैंक के क़तार में खड़े होने दौरान हो गई. वो बैंक अपने पुराने नोट बदलने गए थे. उनके पास अपना बैंक अकाउंट नहीं था.

41. ईश्वराम्मा : कर्नाटक के चिक्कबल्लपुर की रहने वाली 40 साल की इस महिला ने आत्महत्या कर लिया, क्योंकि उसने अपने शराबी पति की नज़रों से बचाकर बड़ी मुश्किल से 15 हज़ार रूपये जमा किए थे. ये पैसे उसके पास पुराने नोट की शक्ल में थे, जिसे वो बैंक बदलने के लिए गई थी, लेकिन यह पैसा क़तार में लगने के दौरान चोरी या गायब हो गया. ऐसे में वो सदमे में आकर आत्महत्या कर ली.

42. पुर्षोत्तम व्यास : मध्य प्रदेश के भोपाल में स्टेट बैंक के एक कैशियर पुर्षोत्तम व्यास (45) की बैंक में रविवार के दिन शाम के 6 बजे ज़बरदस्त भीड़ को देखकर अचानक आए हार्ट अटैक से मौत हो गई.

43. उत्तर प्रदेश के फैज़ाबाद में एक व्यापारी की तब मौत हो गई जब उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 8 नवंबर को नोट बंद करने की घोषणा करते हुए सुना. सीने में दर्द महसूस हुआ और डॉक्टर के पास ले जाते समय उनकी मौत हो गई.

44. विनय कुमार पांडेय : मध्य प्रदेश के मकरोनिया में 69 साल के विनय की मौत तब हो गई, जब रूपये चेंज करने बैंक गए थे और वहां बैंक के बाहर क़तार में लगे हुए थे. इसी दौरान हार्ट अटैक के कारण विनय इस दुनिया को छोड़कर चले गए. वे एक सेवानिवृत्त बीएसएनएल कर्मचारी थे.

45. मधु तिवारी : पश्चिम बंगाल के हावड़ा में ब्रजेश तिवारी नामक एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी मधु को सिर्फ़ इसलिए जान से मार दिया क्योंकि वह एटीएम से नए नोट निकालने के लिए घंटों खड़ी रही और आख़िर में पैसे निकालने में नाकाम हो रही और खाली हाथ घर पहुंची.

46. तीर्थराजी : उत्तर प्रदेश के कुशीनगर ज़िले में एक कपड़ा धोने वाली 40 साल की एक महिला की मौत हो गई. वह बैंक में अपने एक-एक हज़ार के दो नोटों को लेकर जमा करने गई थी. लेकिन जब किसी ने बताया कि यह रूपया अब नहीं चलेगा तो सदमे में उसकी मौत हो गई.

47. कुश : उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में डॉक्टरों ने कुश नाम के एक साल के बच्चे का इलाज करने से मना कर दिया, क्योंकि बच्चे के माता-पिता के पास पुराने नोट थे. उनके पास फीस जमा करने के लिए 100 रूपये के नोट नहीं थे. बच्चे को तेज़ बुखार था. बावजूद इसके माता-पिता मजबूरन बच्चे को लेकर घर गए जहां उसकी मौत हो गई.

48. कोमाली : आंध्र प्रदेश के विशाखापटनम ज़िले के गजुवाका इलाक़े में एक 18 महीने की बच्ची की मौत हो गई, क्योंकि उसके माता-पिता के पास दवा खरीदने के लिए पैसे नहीं थे. साथ ही अस्पताल वालों ने 500 और हज़ार पुराने नोट लेने से इंकार कर दिया.

49. सन्नो : उत्तर प्रदेश के कानपुर के जूही थानाक्षेत्र स्थित परम पुरवा इलाक़े में एक बुजुर्ग महिला नोटबंदी के बाद अपने पैसे को गिन रही थी, इसी दौरान दिल का दौरा पड़ा और मौत हो गई. पुलि‍स को शव के पास से 1000 और 500 रुपए के नोटों की 2 लाख 69 हज़ार रुपए मि‍ले हैं. ये महि‍ला 20 साल से अकेले रह रही थी.

50. कानपुर में एक नौजवान को 8 दिसंबर को दिल का दौरा पड़ा जब वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टी.वी पर नोटबंदी का घोषणा करते सुना. दिल का दौरा पड़ा और उसकी मौत हो गई. परिजनों के मुताबिक़ कुछ ही दिनों पहले उसने अपनी ज़मीन के ग्राहकों से 70 लाख रूपये एडवांस लिए थेा. वह महीनों से अपनी ज़मीन को बेचने की कोशिश कर रहा था.

51. नवजात शिशु : उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री महेश शर्मा के अस्पताल में एक नवजात बच्चे की मौत हो गई, क्योंकि माता-पिता के पास पुराने नोट थे. उन्हें 10 हज़ार रूपये अस्पताल वालों को देने थे, मगर अस्पताल प्रशासन ने 100-100 के नोट मांगे, जिसे पिता नहीं जुटा पाए. पिता अभिषेक के मुताबिक़ उसने अस्पताल वालों से मिन्नतें कीं, लेकिन अस्पताल वालों ने एक नहीं सुनी. दूसरा बंदोबस्त करने में उसे देरी हुई. तब तक उसकी पत्नी में दर्द से कराहती रही. डिलीवरी में देरी की वजह से उसकी नवजात बच्ची की मौत हो गई.

52. सुमित : उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में एक बीएसएफ़ के 17 साल के जवान बेटे सुमित ने आत्महत्या कर ली. क्योंकि उसने अपनी मां से कुछ छुट्टे पैसे मांगे थे पर उसकी मां के पास उसे देने के लिए पैसे नहीं थे.

53. खलीक़ हसन : उत्तर प्रदेश के बरेली में 56 साल के खलीक़ हसन की मौत बैंक की कतार में लगने को दौरान हो गया. खलीक़ के घर वालों ने बताया कि वो नोटबंदी की वजह से काफी तनाव में थे. बताते चलें कि ख़लीक़ एक ऑटो ड्राईवर थे.

54. इश्तेयाक़ अहमद : उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ ज़िला के महाराजगंज इलाक़े में रिटार्यड शिक्षक इश्तेयाक़ अहमद (70) की मौत तब हुई जब वो बैंक के बाहर क़तार में खड़े थे. क़तार में अचानक गिर पड़े, वहां के लोग उन्हें तुरंत अस्पताल लेकर गए लेकिन डॉक्टरों ने इन्हें मृत घोषित कर दिया.

55. बाबूलाल वाल्मीकि : मध्य प्रदेश के भिण्ड ज़िले में 70 साल के एक भूतपूर्व सैनिक बाबूलाल वाल्मीकि की मौत दिल का दौरा पड़ने से हो गई. उन्हें बैंक आने पर दिल का दौरा पड़ा और गिर पड़े. उन्हें अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. वो अपने 12,000 पुराने नोट बदलने के लिए बैंक आए थे.

56. हल्के लोधी : मध्य प्रदेश के छतरपुर ज़िले में हल्के लोधी (70) नाम के किसान ने आत्महत्या कर लिया. वह पैसों के कारण परेशान थे. उन्हें रबी की बुआई के लिए खाद और बीज खरीदनी थी. उसके एक रिश्तेदार भूपेंद्र लोधी ने बताया कि वह अपने पुराने नोटों को बदलने के लिए कई बार बैंक जा चुका था, लेकिन नोट नहीं बदला जा सका.

57. सुरेश सोनार : उत्तर प्रदेश के बलिया के रहने वाले 40 साल के सुरेश सोनार की मौत दिल का दौरा पड़ने के कारण हो गई. वो घंटों बैंक की क़तार में लगे रहे लेकिन उनका नोट नहीं बदला जा सका, जिसके चलते उन्हें दिल का दौरा पड़ा और मौत हो गई. उनके परिवार वालो ने कहा कि घर में बेटी का तिलक समारोह है, इसी को लेकर वे पैसों के लिए काफी परेशान थे.

58. संजय प्रजापत : मध्य प्रदेश के रतलाम ज़िला में 23 साल के नौजवान संजय प्रजापत की मौत तब हो गई जब वो बैंक अपने पुराने नोट बदलने गया था. बैंक अधिकारियों ने उससे आधार कार्ड मांगा, जिसे वो लाने के लिए जल्दी में बैंक से घर जा रहा था. रास्ते में ही उसे हार्ट-अटैक आया और गिर पड़ा. कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई.

59. के. विज्या लक्ष्मी : आंध्र प्रदेश में 70 साल की विज्या लक्ष्मी की मौत तब हो गई जब वो अपने 500 के दो पुराने नोट को बदलवाने के लिए बैंक में प्रवेश कर रही थी. अचानक हार्ट अटैक आया जिसे लोग तुरंत अस्पताल लेकर गए जहां डॉक्टरों ने उसे मृत बताया.

60. धरानी कांता भौमिक : पश्चिम बंगाल के कूच बेहर ज़िले में एक 56 साल की शिक्षिका धरानी कांता भौमिक की निधन हो गया. वो लगातार तीन दिन से अपने पैसे को बदलवाने के लिए परेशान थीं.

61. सुरीन : ओडिशा के संबलपुर में बीमार बच्चे की मृत्यु हो गई, क्योंकि ऑटोरिक्शा चालक उसे अस्पताल नहीं ले गए. माता-पिता के पास 500 रूपये का पुराना नोट था. इसलिए ऑटोरिक्शा वाले ने उसे ले जाने से इंकार कर दिया.

62. रघुनाथ वर्मा : उत्तर प्रदेश के जलौन के रहने वाले 70 साल एक रिटायर्ड स्कूल शिक्षक की मौत हो गई. उनके बेटे रवि ने बताया कि उनके पिता रघुनाथ वर्मा को हमारे शादी के खर्च के लिए 2 लाख रुपये की ज़रूरत थी. उनके पिता तीन दिनों से बैंक जा रहे थे. उनके पिता ने बैंक मैनेजर से कई बार मदद के लिए कहा. नोट बदलने के लिए कहा पर मैनेजर ने उनकी एक न सुनी. यहां तक कि शनिवार को मैनेजर के पैरों पर गिर गए.

63. शबाना : उत्तर प्रदेश के शामली ज़िला में एक 20 साल की लड़की ने आत्महत्या कर लिया. क्योंकि आज भी उसका भाई पुराने नोट को बैंक से नहीं बदल पाया था. शबाना बीमार थी और उसके इलाज के लिए पैसों की सख़्त ज़रूरत थी.

64. रवि प्रधान : छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में 45 साल के एक किसान रवि प्रधान ने आत्महत्या कर लिया, क्योंकि तीन दिनों तक बैंकों का चक्कर लगाने के बाद भी उसका 3,000 रूपया नहीं बदला जा सका. उसे तमिलनाडू में फंसे बच्चों को पैसे भेजना था. बच्चों का पैसा एक ठेकेदार लेकर भाग गया था और घर आने को उनके पास पैसे नहीं थे.

65. उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर का महुआ-माफी गांव की एक 8 साल का बच्ची काफी बीमार थी. उसके पिता उसे लेकर अस्पताल जा रहे थे. रास्ते में पेट्रोल ख़त्म हो गया. पेट्रोल डलाने गए तो जेब में 1000 का नोट था. पंप वाले ने लेने से मना कर दिया. समय पर अस्पताल न पहुंच पाने के इसी अफ़रा तफ़री में बच्ची की जान चली गई.

66. राजेश कुमार : हरियाणा के रोहतक ज़िले में एक को-ऑपरेटिव बैंक के मैनेजर को तीन तनावपूर्ण तरीक़े से काम करने के कारण अचानक हार्ट आ गया. वो 56 साल के थे.

67. देशराज सिंह : उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर ज़िले के मुरादपुर गांव के 55 साल के एक किसान देशराज सिंह ने आत्महत्या कर लिया क्योंकि उसके घर में उसके बेटी की शादी थी और हर कोई पुराने नोट लेने से मना कर रहा था.

68. अभिजीत पॉल : असम के तिनसुकिया ज़िले में एक चाय बागान के कर्मचारियों के वेतन भुगतान के लिए नए नोट ले जा रहे वाहन पर अज्ञात बदमाशों ने गोलियां चलाईं, जिससे अभिजीत पॉल की मौत हो गई और एक सुरक्षाकर्मी सहित दो लोग घायल हो गए. पॉल इस वाहन के ड्राईवर थे.

69. दीनबंधु दास : असम गुवाहाटी के कुमारपारा इलाक़े के 52 साल के दीनबंधु ने अपनी बेटी की शादी के लिए नोटबंदी के पहले ज़मीन बेचकर पैसे घर में रखे हुए था. लेकिन अचानक नोटबंदी की ख़बर सुनकर बेहोश हो गया. उसने उसी रात कई एटीएम में पैसे जमा कराने की कोशिश की लेकिन विफल रहा. पुरी रात गहरे सदमें में रहने के बाद सुबह को अचानक आए हार्ट-अटैक से इस दुनिया को सदा के लिए छोड़कर चला गया.

70. जीतू रहमान : असम के शिवसागर ज़िले के जीतू रहमान को दिल का दौरा पडने से मौत हो गई. रहमान ने अपने भाई की शादी के लिए विभिन्न स्रोतों से तीन लाख रुपए घर में जमा कर रखे थे.

71. असम के जोरहाट में एक व्यापारी की मौत इन्हीं हालात में हुई. नोटबंदी के फैसले के ऐलान के बाद वह अवसाद में चला गया था.

72. सियाराम : उत्तर प्रदेश के हाथरस में तीन दिनों तक सियाराम नोट बदलने को लेकर लाइन में खड़े थे लेकिन नोट न बदल पाने के सदमें की वजह से उनको मौत हो गई. दरअसल 70 साल के सियाराम हाथरस शहर में एक बैंक पर लगी लाइन में चक्कर खाकर गिर गएं और उनकी मौत हो गई. शहर की खोंडा हज़ारी बस्ती के रहने वाले सियाराम एक मकान में चौकीदारी का काम करते थे.

73. मो. इदरीस : उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के जमालपुर इलाक़े में मोहम्मद इदरीस (45) की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. इदरीस का बैंक खाता नहीं था, लेकिन चार दिन से वह एक स्थानीय बैंक के चक्कर इस उम्मीद में काट रहे थें कि उसके पुराने नोट बदल जाएंगे. भारी भीड़ के कारण वह नोट बदल नहीं पा रहा था.

74. बाबू लाल : उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में नागला मानसिंह इलाक़े के निवासी बाबू लाल (50) की मौत दिल का दौरा पड़ने से हो गई. परिवार वालों का कहना है कि वह तीन दिन से बैंकों के चक्कर काट रहे थे लेकिन पुराने नोट नहीं बदल पाये. बाबू लाल की बेटी की 26 नवंबर को शादी तय थी. उन्होंने इसके लिए धन जमा किया था. नोटबंदी के फैसले के बाद से ही वह तनाव में रहते थे. शुक्रवार को बैंक से लौटने के बाद उन्होंने सीने में दर्द की शिकायत की. अस्पताल ले जाने पर डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

75. कौशल्या : हरियाणा के करनाल के चौड़ा बाजार में स्थित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में पैसे लेने आई बुजुर्ग महिला कौशल्या (80) की क़तार में खड़े-खड़े चक्कर खाकर गिरने से मौत हो गई.

76. जयदेव : हरियाणा के हिसार ज़िला में साइकिल में पंक्चर लगाकर गुज़र-बसर करने वाले मंडी आदमपुर निवासी जयदेव (50) एटीएम के सामने तीन घंटे क़तार में लगे रहे, लेकिन रुपए नहीं निकले. घर पहुंचे तो उन्हें दिल का दौरा पड़ गया. परिवार वाले उन्हें लेकर निजी अस्पताल पहुंचे. अस्पताल ने पुराने नोट होने के कारण इलाज से इंकार कर दिया. हालांकि सिविल सर्जन के हस्तक्षेप के बाद अस्पताल ने इलाज किया, लेकिन वो जयदेव को नहीं बचा पाएं.

77. श्यामल शर्मा : त्रिपुरा के अगरतला में पुलिस विभाग के एक दिवंगत कर्मी के परिजनों ने बिल भुगतान के वास्ते पुराने नोटों को स्वीकार नहीं करने को मौत की वजह क़रार देते हुए निजी अस्पताल को इसके लिए दोषी ठहराया. पुलिस के वायरलेस विभाग में कार्यरत श्यामल शर्मा (56) की बेटी शाती शर्मा का कहना है कि मेरे पिता को तीन दिन पहले नाजुक स्थिति में आईएलएस अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्हें किडनी में ख़राबी की बीमारी का पता चला. डॉक्टरों ने पहले दिन उन्हें डायलिसिस पर रखने के बाद तुरंत इलाज के लिए कोलकाता रेफ़र कर दिया लेकिन बिल के भुगतान के लिए 500 और एक हज़ार रुपये लेने से इनकार कर दिया. पैसे के इंतज़ाम में देरी के कारण पिता ने दम तोड़ दिया.

78. नाज़िर : उत्तर प्रदेश के मोदीनगर में भोजपुर थाना क्षेत्र के त्योड़ी गांव के पास 48 साल के नाज़िर की हृदय गति रुकने से मौत हो गई. परिजनों का कहना है कि बैंक से रुपए नहीं बदले जाने के चलते सदमे में उन्हें हार्ट अटैक हुआ. नाज़िर किल्हौड़ा गांव स्थित सिंडीकेट बैंक की शाखा में पुराने नोट बदलने गए थे. लेकिन वहां वो नोट बदलने में कामयाब नहीं हो सके. जैसे ही वह त्योड़ी गांव के पास पहुंचे हार्टअटैक से उनकी मौत हो गई.

79. अखिलेश त्रिपाठी : उत्तर प्रदेश के कानपुर में नए नोट न देने पर एक अस्पताल के इलाज करने से इनकार करने के बाद सड़क दुर्घटना में घायल 45 साल के अखिलेश त्रिपाठी की मौत हो गई. घायल के परिजन पुराने नोट दे रहे थे जिसके बाद गुरुतेग बहादुर अस्पताल, लाजपत नगर ने घायल को आईसीयू से बाहर कर दिया, नतीजतन कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई.

80. कामता प्रसाद : उत्तर प्रदेश के हरदोई के गोड़वा में अतरौली थाना क्षेत्र अतंर्गत गांव ढिकुन्नी स्थित एसबीआई की शाखा में इलाज के लिए रुपए निकालने गए 75 साल के ग्राम बम्हनौआ, पेंग निवासी कामता की दम घुटने से मौत हो गई. लोगों का कहना है कि वह क़तार में लगे थे, लेकिन इस दौरान उन्हें कुछ असहज महसूस हुआ तो वह वहीं एक पेड़ के नीचे बैठ गए. जहां उनकी मौत हो गई.

81. रामपंटुला वेंकटेश राजेश : महाराष्ट्र के नागपुर शहर के भारतीय स्टेट बैंक, गांधी नगर शाखा में नक़दी काउंटर संभालने वाले 51 साल के कर्मचारी राजेश की मौत बैंक में ही तब हुई जब नोटों के बदलने वालों की भीड़ बहुत अधिक बढ़ गई.

82. एस.के. शेरीफ़ : आंध्र प्रदेश के नेल्लोर में 46 साल के एस.के. शरीफ़ स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के डिप्टी मैनेजर की मौत बैंक में नोट बदलने व जमा करने वालों की भीड़ के तनाव के कारण हो गई.

83. मुनीर हुसैन : जम्मू के सांबा ज़िले में मानसर तहसील के गांव चड़ावा के रहने वाले एक आठ साल के बच्चे की मौत हो गई. मुनीर के पिता हारून ने कहा कि मुनीर बीमार था और उसे जम्मू लाने के लिए गाड़ी की ज़रूरत थी. वह सांबा में एक बैंक में नोट बदलवाने के लिए गए, लेकिन उनके नोट नहीं बदले जा सके. वह बेटे को अपनी पीठ पर उठाकर अस्पताल में ला रहे थे, लेकिन उसकी रास्ते में ही मौत हो गई.

84. अंकिता : उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले के तिंदवारी थाना क्षेत्र के बेंदा गांव में पैसे के अभाव में ईलाज से महरूम 3 साल की बच्ची ने दम तोड़ दिया. बीमार बच्ची के इलाज के लिए पैसा निकालने के लिए पिता धमेन्द्र रैदास कई दिनों तक इलाहाबाद यूपी ग्रामीण बैंक का चक्कर काटता रहा, लेकिन उसे टोकन नहीं दिया गया. आखिर में उसकी मजबूर मां भी पूरे दिन बैंक के क़तार में खड़ी रही, लेकिन पैसा नहीं मिल सका. शाम में गोद में ही बच्ची की मौत हो गई.

85. सुरेश प्रजापति : उत्तर प्रदेश के बांदा में शहर कोतवाली के मवई गांव का रहने वाला 19 साल के सुरेश ने फांसी लगाकर जान दे दी. सुरेश केसीएनआईटी का छात्र था. कॉलेज की फीस जमा करने की अंतिम तिथि थी. दो दिन पहले उसने गांव में स्थित इलाहाबाद यूपी ग्रामीण बैंक की शाखा में 30 हज़ार के पुराने नोट जमा किए थे. उसे निकलाने के लिए बैंक के चक्कर लगा रहा था. घर वालों का आरोप है कि रुपये निकालने को लेकर मैनेजर से कहासुनी हो गई थी. इस वजह से फांसी लगाकर जान दे दी.

86. अनीसा खातून : उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले की नसेनी गांव की महिला अनीसा खातून (50) पिछले डेढ़ साल से क्षय रोग से पीड़ित थीं. उनका नौगांव-छतरपुर में इलाज चल रहा था. नोटबंदी के बाद उनके घर में किसी के पास पैसा नहीं था. लेकिन उनके खाते में 80 हजार रुपये जमा थे. इलाज के वास्ते पैसे निकालने के लिए वो रोज़ाना नरैनी की इलाहाबाद बैंक जाती रहीं, लेकिन उसकी बारी आने तक बैंक में नक़दी खत्म हो जाती थी. एक दिन शाम में घर वापस आने पर तबीयत बिगड़ गई और तड़के उनकी मौत हो गई.

87. फुलझार : उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले के मर्का थाना क्षेत्र के सांड़ा गांव में एक बीमार किसान फुलझार (45) ने पास के इलाहाबाद बैंक की शाखा में पुराने नोट जमा करा दिए थे. नक़दी के लिए वह कई दिनों तक बैंक की क़तार में लगा रहा, मगर नक़दी नहीं मिली. ऐसे में इलाज के अभाव में फुलझार की मौत हो गई.

88. घसीटा कुशवाहा : उत्तर प्रदेश के हमीरपुर ज़िले के टेड़ा गांव में किसान घसीटा कुशवाहा (55) एक हफ्ते से खाद-बीज के लिए इलाहाबाद बैंक स्थानीय शाखा का चक्कर काट रहे थे. एक दिन काफी देर तक बैंक के बाहर क़तार में लगे रहे. लेकिन जब बारी आई, तब नक़दी ही ख़त्म हो गई. यहीं उन्हें दिल का दौरा पड़ा से उनकी मौत हो गई.

89. रोशनी देवी : पंजाब के मोहाली में 57 साल को रोशनी देवी एसबीआई के बाहर क़तार में खड़ी होकर अपनी बारी का इंतज़ार कर रही थीं. वह अपनी भतीजी की शादी के लिए पैसा निकालने आई थीं. क़तार में खड़ी रोशनी ने शॉल ओढ़ रखा था जिसका एक छोर बैंक के जेनरेटर में फंस गया और दम घुटने से इनकी दर्दनाक मौत हो गई.

90. चंद्रशेखरन : केरल के कोल्लम में रिटायर्ड बीएसएनएल कर्मी 68 साल के चंद्रशेखरन पैसा निकालने के लिए स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर की ब्रांच में क़तार में खड़े थे. अचानक वह गिर गए और उनकी मौत हो गई.

91. त्रिभुवन सोलंकी : गुजरात के राजकोट में 45 साल के त्रिभुवन सोलंकी ने कैश नहीं होने की वजह से फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. वह बेटी की शादी के लिए पैसों का इंतज़ाम करने में लगे थे. उनके बेटे के अनुसार नोटबंदी के बाद वो तनाव में जी रहे थे. इस वजह से उन्होंने आत्महत्या की है.

92. सतीश शर्मा : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक 49 साल के सब्जी विक्रेता की सोमवार को बैंक की क़तार में खड़े रहने के दौरान मौत हो गई. यह घटना पश्चिमी दिल्ली के नज़फ़गढ़ इलाक़े में ओरियंटल बैंक ऑफ कामर्स बैंक शाखा के बाहर हुई. सतीश सब्जी विक्रेता था और पुराने नोट जमा कराने के लिए क़तार में खड़ा था. शर्मा को पुलिस वाहन से माता चनन देवी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

93. रज़िया : उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में रहने वाली 35 साल की रजिया को मजदूरी में पुराने नोट मिले थे, जिन्हें बदलने को रज़िया बैंकों में कई दिन चक्कर काटती रही. पुराने नोट नहीं बदले जा सके तो घर में खाने-पीने का सामान ख़त्म हो जाने से भुखमरी के हालात बन गए. पड़ोसी व जानकारों से भी मदद मांगी लेकिन नहीं मिली. कई दिन घर में खाना न बनने से रज़िया के चार मासूम बच्चे भूख से तड़पने लगे. रज़िया से यह सब नहीं देखा गया. 20 नवंबर की रात में अपने नसीब को कोसते हुए खुद के ऊपर केरोसिन छिड़ककर आग लगा ली. हालत गंभीर होने पर परिजन व अन्य रिश्तेदार उपचार को उसे दिल्ली के सफ़दरगंज अस्पताल ले आए. यहां रज़िया ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया.

94. रामनाथ कुशवाहा : उत्तर प्रदेश के देवरिया ज़िले के तरकुलवा भारतीय स्टेट बैंक ब्रांच में पुराने नोट बदलने के लिए बैंक के बाहर लगी क़तार में भीड़ बढ़ने पर भगदड़ मच गई. और इस भगदड़ में कनकपुरा गांव निवासी 65 साल के रामनाथ कुशवाहा की दबने से मौत हो गई. रामनाथ के बहू की एक दिन पहले ज़िला अस्पताल में डिलेवरी हुई थी. वह ज़रूरी खर्चे के लिए रुपये निकालने के लिए वो सात बजे से ही बैंक के क़तार में खड़े थे.

95. अनिल कुमार सदाना : पंजाब के लुधियाना शहर में 45 साल के एक कपड़ा विक्रेता नोटबंदी से परेशान होकर खुद को फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली. वह शिवपुरी इलाक़े में किराए के घर में अपने परिवार सहित रहता था और कपड़े की फेरी लगाता था. पिछले कुछ दिनों से उसका काम-धंधा चौपट हो गया था.

96. आशा रानी : पंजाब के लुधियाना में एक बैंक गार्ड द्वारा धक्का मारने के बाद हार्ट-अटैक के चलते एक 48 साल की महिला की मौत हो गई. ये अपनी बेटी की शादी के वास्ते पैसे निकालने के लिए पिछले 5 दिन से बैंक के क़तार में खड़ी हो रही थी. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आशा का लंबे इंतज़ार के बाद नंबर आया तो वह पैसे निकालने जा रही थी, इसी दौरान गार्ड ने उन्हें धक्का दिया. इससे वह नीचे गिर गईं और उन्हें दिल का दौरा पड़ गया. हालांकि उन्हें तुरंत हॉस्पिटल ले जाया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बच सकी.

97. जोगिंदर सिंह : पंजाब के अमृतसर में फाजिल्का के जलालाबाद बस स्टैंड के नज़दीक स्थित स्टेट बैंक ऑफ पटियाला में अपने खाते से रुपये निकलवाने आए गांव घुबाया निवासी 42 साल के जोगिंदर सिंह की साढ़े पांच घंटे लाइन में खड़े रहने से मौत हो गई. लोगों के मुताबिक़ दोपहर क़रीब डेढ़ बजे उसे घबराहट महसूस हुई और लड़खड़ा के गिर गया. बैंक स्टाफ ने एंबुलेंस बुलाई, लेकिन तब तक उसकी मौत हो गई थी.

98. टहल सिंह : पंजाब के अमृतसर के अजनाला में डेरा रोड पर स्थित पंजाब नेशनल बैंक की शाखा तलवंडी राय दादू में अपने पुराने नोट जमा करवाने आए गांव जगदेव खुर्द निवासी 65 साल के टहल सिंह की बैंक के बाहर भीड़ में दम घुटने से मौत हो गई.

99. पियारा सिंह : पंजाब के लुधियाना के जबलपुर में रहने वाले 84 साल के पियारा सिंह की मौत पोस्ट ऑफिस के बाहर खड़े रहने के कारण हो गई. वो अचानक क़तार में ही गिर पड़े. उन्हें जल्दी से घर पहुंचाया गया, लेकिन घर पहुंचते ही उन्होंने दम तोड़ दिया. वो पिछले कई दिनों से इस पोस्ट ऑफिस का चक्कर लगा रहे थे.

100. रविन्द्र सिंह : पंजाब के अमृतसर के माजूपुर गांव में 42 साल का एक किसान रविन्द्र सिंह ने आत्महत्या कर ली. वो कई दिनोम से बैंक का चक्कर लगा रहा था, लेकिन पैसे निकालने में वो नाकाम रहा. उसके घर में उसकी बेटी की शादी थी.

101. इन्द्रसानी देवी : उत्तर प्रदेश के बलिया में इंद्रसानी देवी सेन्ट्रल बैंक के बाहर अपने पैसे निकालने के लिए खड़ी थी. अचानक आए हार्ट-अटैक से उनकी मौत हो गई. चिंता की बात यह है कि उनके अंतिम संस्कार के लिए उनके घर में पैसे नहीं थे.

102. मूर्ति देवी : उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर के हनुमान चौक पर पंजाब नेशनल बैंक से पैसे निकालने के लिए बैंक के बाहर खड़ी 85 साल की मूर्ति देवी की मौत अचानक गिर जाने से हुई. वो पिछले कई घंटों से क़तार में खड़ी होकर अपने बारी का इंतज़ार कर रही थी.

103. सलेख : उत्तर प्रदेश के बागपत ज़िले के बड़ौत कोतवाली इलाक़े में 55 साल के एक किसान की मौत हार्ट-अटैक से हो गई. वो सुबह 5 बजे से ही बैंक के क़तार में लगे थे. उनके परिवार वालों के मुताबिक़ उन पर कई लाख रुपये गन्ना सोसायटी का लोन है, जिसे चुकाने के लिए पैसे की ज़रूरत थी.

104. अकबर : उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के खुजरा में एक 27 साल का रिक्शाचालक अकबर ने खुदकुशी कर ली. वो कई दिनों से 500 रूपये के चार पुराने नोट बदलने की कोशिश कर रहा था.

105. मोडू सिंह गुर्जर : राजस्थान के जयपुर में बैंक से पैसा निकालने गए एक 46 साल के एक व्यक्ति की हार्ट अटैक से मौत हो गई. मोडू सिंह गुर्जर राजस्थान टूरिस्ट डिवेलपमेंट कॉर्पोरेशन में काम करते थे और चंदवाजी के एक बैंक में पैसा निकालने गए थे. लगभग दोपहर 2.30 बजे उन्होंने सीने में तेज़ दर्द की शिकायत की जिसके बाद वह बेहोश हो गए. गुर्जर को तुरंत ही नज़दीकी अस्पताल में जाया गया लेकिन वहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.

106. कपिल मेघवाल : राजस्थान के झुंझुनूं ज़िले के बुहाना क़स्बे के कलवा रोड निवासी 22 साल का कपिल मेघवाल 17 नवम्बर को दो हज़ार रुपए बदलवाने के लिए एसबीबीजे शाखा के बाहर सुबह पांच बजे से क़तार में खड़ा था. 11 बजे वह बेहोश होकर लाइन में गिर गया. आस-पास खड़े लोगों ने उसे सरकारी अस्पताल में पहुंचाया. 23 नवम्बर को उसने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया. मृतक के परिजनों का कहना है कि उसकी मौत नोटबंदी के लिए क़तार में लगने से हुई है.

107. चिरंजी लाल : रास्थान के जयपुर के कालेदरा इलाक़े में 70 साल के चिरंजी लाल बैंक के क़तार में लगे थे. काफी देर खड़े रहने के बाद वो अचानक गिर पड़े. लोगों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया, लेकिन उन्होंने वहां दम तोड़ दिया.

108. सिद्दपा : कर्नाटक के टुमकुर में एक 70 साल के बुजुर्ग की दिल का दौरा पड़ने से उस समय मौत हो गई, जब वो अपने पुराने नोट बदलने के लिए बैंक के बाहर लगी लाइन में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे. सिद्दपा स्टेट बैंक ऑफ मैसूर में की छेलुरु शाखा पर अपने नोट बदलवाने गए थे. वो सुबह से ही लाइन में खड़े थे. 12:30 बजे उनके सीने में दर्द हुआ और वो ज़मीन पर गिर गए. उनको तुरंत ही क़रीब के अस्पताल में ले जाया गया लेकिन वो पहले ही दम तोड़ चुके थे.

109. संदेश राय : कनार्टक के बंग्लूरू में एक अस्पताल में काम करने वाले 27 साल के फार्मासिस्ट संदेश राय ने खुदकुशी कर ली. उनके भाई का आरोप है कि अस्पताल का मैनेजर संदेश से कमीशन के आधार पर पुराने नोट बदलवाने के लिए कह रहा था, जिससे संदेश ने इंकार कर दिया. बाद में मैनेजर से पूरे स्टाफ को बुलाकर संदेश पर पैसे चोरी करने का आरोप लगा. इस आरोप को संदेश बर्दाश्त नहीं कर सका और खुदकुशी कर ली.

110. लक्की : पंजाब के लुधियाना में रहने वाले 19 साल के लक्की ने इसलिए आत्महत्या कर लिया, क्योंकि उसे लगा कि उसके पास जितने पैसे बचे हैं, सब बेकार हो गए. वो कचरा बीनने का व्यापार करता था.

111. दर्शन सिंह : मध्य प्रदेश के ग्वालियर में नोटबंदी के खिलाफ़ कांग्रेस की जन आक्रोश रैली में शामिल हुए ग्वालियर शहर कांग्रेस अध्यक्ष दर्शन सिंह का दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. मोदी सरकार के खिलाफ़ ज्ञापन देने के तुरंत बाद उन्हें दिल का दौरा पड़ा. जिसके बाद आनन-फानन में उन्हें अस्पताल ले जाया गया लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले उनकी मौत हो गई.

112. प्रभाती : ओडिशा के गंजम ज़िले के रंगीपुर में नोटबंदी के बाद प्रभाती की मौत हो गई. प्रभाती की शादी नोटबंदी के ऐलान के बाद 9 नवम्बर को हुई थी. आरोप है कि उसे ससुराल वालों ने इसलिए मार दिया क्योंकि दहेज में 1.7 लाख रूपये देने की बात हुई थी लेकिन प्रभाती के घर वाले 28 नवम्बर तक नहीं दे सके थे.

113. रेशम लाल : पंजाब के जालंधर में आदर्श नगर चौक के पास स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा की ब्रांच के बाहर लाइन में लगे रेशम लाल की तबीयत ख़राब हुई और वह बेहोश होकर ज़मीन पर गिर गए. लोगों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया अस्पताल में कुछ समय इलाज के बाद डॉक्टरों ने रेशम लाल को मृत घोषित कर दिया.

114. शीबू नंदी : पश्चिम बंगाल के बर्धमान के कालना में एक आदिवासी किसान शिबू नंदी ने आत्महत्या कर ली. उसके परिवार वालों का आरोप है कि नोटबंदी के कारण वह मजदूरों को भुगतान नहीं कर पा रहा था.

115. मनोरमा देवी : बिहार के सीवान ज़िले में इलाज के अभाव में गर्भवती महिला की मौत हो गई. उसके पति के मुताबिक़ उसके पास पुराने नोट थे, लेकिन अस्पताल के डॉक्टरों ने 12 हज़ार रुपये के छोटे नोट मांगे थे, जिसकी तत्काल व्यवस्था नहीं हो सकी.

116. गोनू महतो : बिहार के पूर्वी चम्पारण ज़िले ढाका स्टेट बैंक में रुपये निकालने आये गोनू महतो (50) की हार्ट अटैक से मौत हो गयी.

117. किशन राम : बिहार के दरभंगा के ननकार गांव में बैंक से पैसे निकालने के दौरान धक्का-मुक्की के कारण उनके मुंह पर चोट लगी तो वो बेहोश हो गए. किशन राम की अगले सुबह मौत हो गयी. वे बैंक में हज़ार के 13 नोट बदलने के लिए क़तार में लगे थे. उनके बेहोश होने के तुरंत बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन इलाज के अगले दिन उन्होंने दम तोड़ दिया.

118. छेदी प्रसाद : उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के गगहा क्षेत्र के रियाव गांव के छेदी प्रसाद की पुराने नोट जमा न होने के सदमे में जान चली गई. वो पूरे दिन बैंक पर लाइन में लगे रहे. शाम तक रुपये नहीं जमा हुए तो उन्हें ऐसा सदमा लगा कि घर पहुंचते ही उनकी हार्टअटैक से मौत हो गई.

119. मनोज : हरियाणा के रोहतक में 52 साल के मनोज के घर 23 नवम्बर को बेटी की शादी थी. घर में काफी कैश रखा हुआ था. मनोज उन्हें बदलवाने के लिए कई दिनों से बैंक का चक्कर लगा रहे थे. कई लोगों से भी विनती की, लेकिन सभी ने पुराने नोट लेने से मना कर दिया. इसके बाद परेशान मनोज सदमें में आ गए. अचानक उनके सीने में दर्द हुआ, उन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन अस्पताल में उनकी मौत हो गई.

120. इसराईल मियां : बिहार के पूर्वी चम्पारण ज़िले के केसरिया थाना के एक गांव में पंजाब नेशनल बैंक से रूपये निकालने आए एक बुढ़े इसराईल मियां की मौत हो गई. वो 5 बजे सुबह से ही बैंक के बाहर क़तार में खड़े थे, जब बैंक दस बजे खुला तो वो किसी तरह से बैंक के अंदर दाखिल हुए और दाखिल होते ही गिर पड़े. बैंक के लोगों ने एम्बुलेंस मंगाकर उन्हें अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत बताया.

नोट : 120 लोगों की सूची BeyondHeadlines ने विभिन्न बेवसाईटों पर प्रकाशित मौत की ख़बरों के आधार पर तैयार की है. असल में नोटबंदी से मरने वालों की संख्या इससे अधिक भी हो सकती है.

Most Popular

To Top