BeyondHeadlines Correspondent
नई दिल्ली : सिविल सेवा परीक्षा 2018 के नतीजे घोषित कर दिए गए हैं. इस बार टॉपरों में जुनैद अहमद का नाम भी शामिल है. जुनैद का रैंक तीसरा है.
बता दें कि जुनैद ने पांचवी कोशिश में ये कामयाबी हासिल की है. पिछले साल चौथी कोशिश में इन्होंने 352 रैंक हासिल किया था.
जामिया मिल्लिया इस्लामिया के रेजिडेंशियल कोचिंग से तैयारी करने वाले जुनैद का ताल्लुक़ उत्तर प्रदेश के बिजनौर ज़िला के नगीना क़स्बा से है. इनके पिता जावेद हुसैन पेशे से वकील हैं और मां आयशा रज़ा होम मेकर हैं. इनकी दो बहनों में एक बड़ी महविश की शादी हो गई है और छोटी बहन हादिया प्राइवेट जॉब कर रही हैं. वहीं छोटा भाई अरहान 12वीं में है, वो अभी नगीना में पढ़ता है.
जुनैद एक मध्यम वर्गीय मुस्लिम परिवार से हैं. इनकी परवरिश नगीना क़स्बे में हुई. वो शुरू से पढ़ाई में औसत छात्र ही रहे. स्कूलिंग अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में मिन्टू सर्किल से हुई. 12वीं के बाद स्नातक की पढ़ाई एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी से की.
जुनैद के मुताबिक़ इन्होंने अपनी तैयारी साल 2013 में शुरू की. वो लगातार तैयारी व चार अटैम्प के बाद साल 2018 में कामयाबी मिली. 352 रैंक लाकर आईआरएस बने. लेकिन उन्हें बनना सिर्फ़ और सिर्फ़ आईएएस था, इसलिए तैयारी जारी रखी और इस बार तीसरी रैंक लाकर अपना वो ख़्वाब पूरा कर लिया.
बता दें कि 27 साल के जुनैद अपने खानदान में पहला शख़्स हैं, जो आईएएस बने हैं. इनका मानना है कि अपनी नाकामियों से कभी नहीं घबराना चाहिए. अगर आपके दिल में कुछ कर गुज़रने का जज़्बा है, ज़िन्दगी का कोई मक़सद है, और आप उस मक़सद को पाने के लिए पूरी मेहनत व लगन से कोशिश कर रहे हैं, तो कामयाबी एक न एक दिन क़दम ज़रूर चूमती है.
