BeyondHeadlinesBeyondHeadlines
  • Home
  • India
    • Economy
    • Politics
    • Society
  • Exclusive
  • Edit/Op-Ed
    • Edit
    • Op-Ed
  • Health
  • Mango Man
  • Real Heroes
  • बियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी
Reading: जहां पहले गरजती थी बंदूकें, अब वहां की ‘शफ़क़त आमना’ बनी आईएएस
Share
Font ResizerAa
BeyondHeadlinesBeyondHeadlines
Font ResizerAa
  • Home
  • India
  • Exclusive
  • Edit/Op-Ed
  • Health
  • Mango Man
  • Real Heroes
  • बियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी
Search
  • Home
  • India
    • Economy
    • Politics
    • Society
  • Exclusive
  • Edit/Op-Ed
    • Edit
    • Op-Ed
  • Health
  • Mango Man
  • Real Heroes
  • बियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी
Follow US
BeyondHeadlines > Exclusive > जहां पहले गरजती थी बंदूकें, अब वहां की ‘शफ़क़त आमना’ बनी आईएएस
ExclusiveIndiaLeadReal HeroesYoung Indianबियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी

जहां पहले गरजती थी बंदूकें, अब वहां की ‘शफ़क़त आमना’ बनी आईएएस

Beyond Headlines
Beyond Headlines Published April 6, 2019 2 Views
Share
7 Min Read
SHARE

Afroz Alam Sahil, BeyondHeadlines 

मोतिहारी: पूर्वी चम्पारण का एक ऐसा गांव जो बात-बात पर बंदूक निकाले जाने और लड़ाई-झगड़ों के लिए बदनाम था, जिस गांव में पिछले साल एक सरपंच का बेख़ौफ़ अपराधियों ने न सिर्फ़ गला रेता, बल्कि गोली मारकर हमेशा के लिए मौत की नींद सुला दिया, अब यही गांव शफ़क़त आमना के आईएएस बनने की कहानियों से पहचाना जाएगा.  

पूर्वी चम्पारण के अधकपरिया गांव के रिटायर्ड टीचर मो. ज़फ़ीर आलम की बेटी शफ़क़त आमना ने इस बार यूपीएससी के सिविल सर्विस में 186वां रैंक हासिल करके न सिर्फ़ अपने कुंबे का नाम रौशन किया है, बल्कि तालीम की रौशनी के साथ लाखों मुस्लिम लड़कियों के लिए एक राह भी दिखाई है. 

शफ़क़त की इस कामयाबी से पूरा गांव ख़ुशी में झूम रहा है. वहीं 65 साल के ज़फ़ीर इस कामयाबी के लिए लोगों का शुक्रिया अदा करते नहीं थक रहे हैं. 

BeyondHeadlines से ख़ास बातचीत में ज़फ़ीर आलम कहते हैं कि, ‘हम चाहेंगे कि मेरी बेटी एक ईमानदार सेवक की तरह काम करे. समाज में शांति व ख़ुशहाली के लिए कोशिश करे. और सबसे ज़रूरी आज की नई नस्ल को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाए.’

बता दें कि ज़फ़ीर आलम मोतिहारी के क़रीब अगरवा गांव के एक उर्दू मिडल स्कूल से बतौर शिक्षक रिटायर्ड हुए हैं. 

24 साल की शफ़क़त आमना BeyondHeadlines से ख़ास बातचीत में कहती हैं कि, गांव की बैकवार्डनेस, इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी मुझे हमेशा कचोटती रही. इसीलिए बचपन से ही मेरी ख़्वाहिश थी कि मैं लोगों के बीच रहकर उनके लिए कुछ काम करूं, ताकि उनकी सोच व हालात को बदल सकूं. मेरे अब्बू ने मेरी इस ख़्वाहिश को भांपते हुए मुझे सिविल सर्विस में जाने के लिए प्रेरित किया. 

आमना कहती हैं कि, मेरी पहली च्वाईस आईएएस है और मुझे पूरी उम्मीद है कि मुझे आईएएस इंशा अल्लाह ज़रूर मिलेगा. 

ये पूछने पर कि आईएएस बनने पर सबसे पहले आप क्या करेंगी? इस सवाल के जवाब में आमना कहती हैं कि मेरी पहली कोशिश ये होगी कि मैं जिस भी ज़िले में जाऊं, वहां सबसे पहले गांव में शिक्षा पर ख़ास ध्यान देने की कोशिश करूंगी. चूंकि मेरे अब्बा टीचर रहे हैं, इसलिए टीचरों की पॉलिटिक्स को भी बख़ूबी समझती हूं. मैं उन्हें उस पॉलिटिक्स से दूर बच्चों को ईमानदारी से पढ़ाने के लिए प्रेरित करूंगी.  

अगर आईएएस की जगह आईपीएस मिला तो? इस सवाल पर आमना कुछ देर के लिए रूकती हैं फिर सोचकर बोलती हैं —मुझे पूरी उम्मीद है कि आईएएस मिल जाएगा और मैंने इसके अलावा कुछ और सोचा नहीं है. लेकिन फिर भी अगर आईएएस की जगह आईपीएस मिला तो मैं सबसे पहले लॉ एंड ऑर्डर की ओर ख़ास ध्यान दूंगी. हर हाल में अपने ज़िले में साम्प्रदायिक सौहार्द बनाए रखने की कोशिश करूंगी. मेरी पूरी कोशिश होगी कि कभी भी मेरे ज़िले में लड़ाई-झगड़ा न हो, हमेशा आपसी सौहार्द बना रहे.

सिविल सर्विस की तैयारी के बारे में पूछने पर आमना बताती हैं कि, जो लोग भी सिविल सर्विस में आना चाहते हैं उनसे मैं ये ज़रूर कहना चाहूंगी कि अचानक से इसकी तैयारी शुरू न कर दें, बल्कि सबसे पहले सिलेबस को अच्छी तरह से समझ लें. मुमकिन हो तो किसी आईएएस या आईपीएस से गाईडेंस लेने की कोशिश करें. तब फिर सोच-समझकर पूरे हौसलों व जज़्बों के साथ इसकी तैयारी शुरू करें. गदहों की तरह पढ़ने के बजाए स्मार्टली पढ़ने की कोशिश करें.

हालांकि वो ये भी कहती हैं कि सबका तैयारी करने का तरीक़ा अलग-अलग होता है. मेरे साथ पॉजिटिव ये रहा कि मैंने स्कूल में ही एनसीईआरटी की किताबें ढंग से पढ़ ली थी. ऐसे में सारे कंसेप्ट क्लियर थे. ग्रेजुएशन में भी मैंने ज्योग्राफी (भूगोल) काफ़ी अच्छे से पढ़ा. और हां, अपनी पूरी पढ़ाई के दौरान मुझे हमेशा शॉर्ट नोट्स बनाने की आदत रही. बस यही नोट्स मेरी इस तैयारी में बहुत काम आए. उसके रिवीज़न पर मैंने पूरा ध्यान दिया. उसके अलावा मैंने टेस्ट सीरिज़ में ख़ूब हिस्सा लिया. 

भाई-बहनों के साथ शफ़क़त आमना

बता दें कि शफ़क़त आमना ने बेतिया पश्चिमी चम्पारण के जवाहर नवोदय विद्यालय से दसवीं पास की. फिर बारहवीं के लिए बोकारो गईं, वहां डीपीएस से बारहवीं पास की. उसके बाद हालात ऐसे बने कि गांव वापस आना पड़ा. यहां मोतिहारी के भीमराव अम्बेडकर यूनिवर्सिटी के एक कॉलेज से ज्योग्राफ़ी में बीए ऑनर्स की डिग्री हासिल की. उसके बाद 2016 में सिविल सर्विस की तैयारी के लिए दिल्ली आ गईं. यहां जामिया मिल्लिया इस्लामिया के रेजिडेंशियल कोचिंग में रहकर तैयारी की और दो बार नाकाम होने के बाद तीसरी कोशिश में इस बार कामयाब हुईं.

शफ़क़त आमना के परिवार में मां-बाप के अलावा तीन बहने और एक भाई भी है. इनकी एक छोटी बहन जामिया मिल्लिया इस्लामिया से बीए एलएलबी की पढ़ाई कर रही हैं. वहीं दो बड़ी बहनें बीएड करके अभी गांव में ही मां के साथ रहती हैं. 

आमना कहती हैं कि घर के हालात कभी भी बेहतर नहीं रहें. घर में कमाने वाले भी अकेले मेरे अब्बू थे. लेकिन उन्होंने हम लोगों की पढ़ाई में कभी कोई कोताही नहीं की. आज मैं जो कुछ भी हूं, अपने अब्बू की वजह से हूं. 

देश की लड़कियों से क्या कहना चाहेंगी? तो इस सवाल पर आमना कहती हैं कि ये कहना चाहूंगी कि आपका तालीम हासिल करना बहुत ज़रूरी है. और कभी भी खुद को कम मत आंकिए. आपकी मेहनत, आपकी कोशिश आपकी तक़दीर बदल सकती है. लेकिन हां, कामयाबी के लिए आपको अपनी पॉलिसी व अपना रूटिंग खुद ही बनाना पड़ेगा. आपको खुद तय करना पड़ेगा कि आपकी ज़िन्दगी में क्या चीज़ें मायने रखती हैं…

TAGGED:Editor's PickSHAFQAT AAMNAUPSCUPSC RESULT 2018शफ़क़त आमना
Share This Article
Facebook Copy Link Print
What do you think?
Love0
Sad0
Happy0
Sleepy0
Angry0
Dead0
Wink0
Waqf at Risk: Why the Better-Off Must Step Up to Stop the Loot of an Invaluable and Sacred Legacy
India Waqf Facts
“PM Modi Pursuing Economic Genocide of Indian Muslims with Waqf (Amendment) Act”
India Waqf Facts
Waqf Under Siege: “Our Leaders Failed Us—Now It’s Time for the Youth to Rise”
India Waqf Facts
World Heritage Day Spotlight: Waqf Relics in Delhi Caught in Crossfire
Waqf Facts Young Indian

You Might Also Like

I WitnessWorldYoung Indian

The Earth Shook in Istanbul — But What If It Had Been Delhi?

May 8, 2025
EducationIndiaYoung Indian

30 Muslim Candidates Selected in UPSC, List is here…

May 8, 2025
Waqf Facts

India: ₹1,662 Crore Waqf Land Scam Exposed in Pune; ED, CBI Urged to Act

May 10, 2025
Latest News

Urdu newspapers led Bihar’s separation campaign, while Hindi newspapers opposed it

May 9, 2025
Copyright © 2025
  • Campaign
  • Entertainment
  • Events
  • Literature
  • Mango Man
  • Privacy Policy
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?