Election 2019

‘नोटा’ बटन दबाने में बिहारी मतदाता सबसे आगे, चम्पारण व गोपालगंज ने पूरे भारत में बनाया रिकार्ड

Afroz Alam Sahil, BeyondHeadlines 

नई दिल्ली: इस बार चुनाव में ‘नोटा’ बटन दबाने के मामले में बिहारी मतदाता सबसे आगे नज़र आ रहे हैं. यहां 40 लोकसभा सीटों पर 8 लाख से अधिक मतदाताओं ने ‘नोटा’ बटन दबाया है. यानी इन वोटरों को न बीजेपी या जदयू पसंद है, न कांग्रेस व राजद और न ही कोई अन्य पार्टियां ही पसंद हैं.

चुनाव आयोग के आंकड़े बताते हैं कि मताधिकार का प्रयोग करते हुए 8 लाख 17 हज़ार 139 मतदाताओं ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर ‘नोटा’ का बटन दबाया. जबकि 2014 लोकसभा चुनाव में नोटा बटन दबाने वाले मतदाताओं की संख्या बिहार में 5 लाख 81 हज़ार 11 थी.

‘नोटा’ बटन दबाने के मामले में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है. यहां 80 सीटों पर 7 लाख 25 हज़ार 079 मतदाताओं ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर ‘नोटा’ का बटन दबाया है. वहीं तीसरा स्थान पश्चिम बंगाल का है, जहां 5 लाख 46 हज़ार 778 मतदाताओं ने ‘नोटा’ का प्रयोग किया है. बता दें कि इस बार पूरे देश में 65 लाख 04 हज़ार 486 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग करते हुए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर ‘नोटा’ का बटन दबाया है.

सबसे दिलचस्प बात यह है कि पूरे भारत में ‘नोटा’ बटन दबाने के मामले में गोपालगंज सीट पहले स्थान पर है. यहां 51,660 मतदाताओं ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर ‘नोटा’ का बटन दबाया है. 

वहीं पूरे देश में पश्चिम चम्पारण दूसरे स्थान पर है. यहां 45,699 मतदाताओं ने ‘नोटा’ बटन का प्रयोग किया है. दिलचस्प बात ये है कि यहां 9 उम्मीदवार मैदान में थे, जीतने व हारने वाले दो उम्मीदवारों को छोड़कर बाक़ी सारे उम्मीदवार ‘नोटा’ से हार गए हैं. 

बता दें कि वाल्मिकी नगर लोकसभा सीट भी पश्चिम चम्पारण ज़िले में ही आता है. यहां भी कुछ ऐसा ही हाल है. यहां 34,338 मतदाताओं ने ‘नोटा’ बटन का इस्तेमाल किया है. यहां भी 13 उम्मीदवार मैदान में थे, दो को छोड़कर सब नोटा से हार चुके हैं. इस तरह अगर दोनों लोकसभा सीटों को मिला दिया जाए तो पश्चिम चम्पारण पूरे भारत में पहले स्थान पर होगा.

गौरतलब रहे कि उच्चतम न्यायालय ने साल 2013 के सितंबर महीने में ईवीएम में नोटा का बटन शामिल करने का आदेश दिया था, ताकि मतदाताओं को यह अधिकार मिले कि वे इस बटन को दबाकर चुनाव में शामिल सभी उम्मीदवारों को खारिज कर सके. उच्चतम न्यायालय के आदेश पर चुनाव आयोग ने मिजोरम, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और नई दिल्ली विधानसभा चुनावों में नोटा के विकल्प की शुरुआत की थी. हालांकि निर्वाचन आयोग के अनुसार नोटा विकल्प के अंतर्गत प्राप्त मतों की गणना अवैध मतों के रूप में की जाएगी.

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