Afroz Alam Sahil, BeyondHeadlines
नई दिल्ली: 17वीं लोसभा चुनाव के परिणाम आ चुके हैं. बीजेपी इस बार भी देश की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. बल्कि कुछ राज्यों के हेरफेर को छोड़ दें तो 2019 में बीजेपी 2014 से आगे बढ़ी है. मोदी फिर से इस देश के प्रधानमंत्री होंगे.
इन सबके बीच हम आपको बता दें कि देश में सरकार भले ही बीजेपी की बने, लेकिन देश के कई लोगों को न कांग्रेस पसंद है, न बीजेपी और न ही कोई अन्य पार्टी… ऐसे मतदाताओं की संख्या देश में 65 लाख है जिसने ‘इनमें से कोई नहीं’ यानी ‘नोटा’ बटन का प्रयोग किया.
चुनाव आयोग के आंकड़े बताते हैं कि मताधिकार का प्रयोग करते हुए 65,04,486 मतदाताओं ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर ‘नोटा’ का बटन दबाया. जबकि 2014 लोकसभा चुनाव में नोटा बटन दबाने वाले मतदाताओं की संख्या 59,97,054 थी. यानी ऐसे मतदाताओं की संख्या इस देश में बढ़ी है.
गौरतलब रहे कि उच्चतम न्यायालय ने साल 2013 के सितंबर महीने में ईवीएम में नोटा का बटन शामिल करने का आदेश दिया था, ताकि मतदाताओं को यह अधिकार मिले कि वे इस बटन को दबाकर चुनाव में शामिल सभी उम्मीदवारों को खारिज कर सके. उच्चतम न्यायालय के आदेश पर चुनाव आयोग ने मिजोरम, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और नई दिल्ली विधानसभा चुनावों में नोटा के विकल्प की शुरुआत की थी. हालांकि निर्वाचन आयोग के अनुसार नोटा विकल्प के अंतर्गत प्राप्त मतों की गणना अवैध मतों के रूप में की जाएगी.
