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क्या बीजेपी के डर को मुसलमानों के दिलों में बैठाना चाहते हैं मौलाना वली रहमानी?

BeyondHeadlines News Desk

नई दिल्ली: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के जेनरल सेकेट्री मौलाना मोहम्मद वली रहमानी ने एक खुले ख़त में कहा है —‘चुनाव के नतीजे सबके सामने है. जो होना था हो चुका, और कोई शुब्हा नहीं कि आने वाले दिनों में हालात तशवीशनाक रूख़ अख़्तियार कर सकते हैं, लेकिन अहले इमान की ये ज़िम्मेदारी है कि वो मुश्किल से मुश्किल हालात में भी सब्र व इस्तक़ामत की राह पर चलें और मायूसी और नाउम्मीदी का शिकार न हों, हमारे बड़ों और बुज़ुर्गों ने बहुत सोच समझकर इस मुल्क में रहने का फ़ैसला किया है, और हम इस फ़ैसले पर क़ायम हैं.’

उन्होंने अपने ख़त में लिख है कि —‘ये बात भी ज़ेहन में रखनी चाहिए कि अतीत में मुसलमानों को इससे भी ज्यादा सख्त हालात से आ चुके हैं और ऐसा भी दौर गुज़रा है जब चारों तरफ़ अंधेरा ही अंधेरा नज़र आता था लेकिन फिर अल्लाह ने अंधेरों के दरम्यान से उजाले की किरण दिखाई. अब भी तमाम अहले ईमान को अल्लाह पाक की ज़ात पर भरोसा रखना चाहिए और ईमान व यक़ीन और अच्छे आमाल की राह पर आगे बढ़ना चाहिए. इस जज़्बे के साथ कि आने वाले चैलेंजेंज का हम पूरी हिम्मत, अज़्म और हौसले के साथ मुक़ाबला करेंगे, और तौहीद की अमानत की साथ ज़िन्दा रहेंगे और इसी के साथ रूख़सत होंगे.’

मौलाना वली रहमानी का ये ख़त सोशल मीडिया पर ख़ूब शेयर हो रहा है और इसको लेकर ज़्याजातर मुस्लिम नौजवान अपने गुस्से का इज़हार कर रहे हैं. 

फेसबुक पर पटना के मोहम्मद काशिफ़ यूनुस ने इसे घड़ियाली आंसू बताया है. उन्होंने साफ़ तौर पर लिखा है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भारत के मुसलमानों के पर्सनल लॉ को देखने के लिए बनाया गया था ना कि उनके चुनावी रणनीति तय करने के लिए. लेकिन वली रहमानी को कौन समझाए.

वो आगे लिखते हैं कि, नरेंद्र मोदी की जीत से सिर्फ़ मुसलमानों को ख़तरा है ऐसा इमेज बनाना दरअसल नरेंद्र मोदी और भाजपा की मदद करना है. 

पत्रकार मोहम्मद अलामुल्लाह ने लिखा है  —‘हमारे यहां बहुत से लोगों की मिसाल उस कुत्ते की तरह है जो बैलगाड़ी के नीचे चला जा रहा है और इस गुमान में है कि बैलगाड़ी को वही उठाए हुए चल रहा है. मुसलमान अच्छी तरह जानते हैं कि उन्हें क्या करना है और क्या नहीं. इन्हें इतना बेअक़्ल मत समझिए कि उन्हें ये फ़ैसला करने के लिए आपकी अक़्ल की ज़रूरत पड़ेगी कि उन्हें अज़्म से काम लेना है.’ 

इस तरह से सैकड़ों की तादाद में इस मुल्क के नौजवानों ने वली रहमानी के इस ख़त को लेकर अपनी-अपनी बातें लिखी हैं. जिसका सार यही है कि जो डर भाजपा व आरएसएस के लोग मुसलमान के दिलों में बिठाना चाहते हैं, वही डर मौलाना वली रहमानी बिठाने का काम कर रहे हैं. 

बता दें कि मौलाना वली रहमानी की अपनी एक पॉलिटिकल आईडेंटिटी है. हाल के दिनों तक कांग्रेस से जुड़े हुए रहे हैं. 1974 से 1996 तक बिहार में एमएलसी भी रह चुके हैं. विधान परिषद के डिप्टी स्पीकर भी बनाए जा चुके हैं.

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