छपरा लिंचिंग : स्थानीय लोगों ने कहा —चोर नहीं थे मृतक, इंसाफ़ की मांग पर पुलिस ने की लाठी चार्ज

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BeyondHeadlines News Desk

छपरा : बिहार के छपरा ज़िले में आज सुबह चोर बता हिंसक भीड़ के ज़रिए तीन लोगों की पीट-पीट कर हत्या किए जाने की घटना सामने आई है. मृतकों की पहचान नाम नौशाद कुरैशी, राजू नट और विदेशी नट के तौर पर की गई है.

यह घटना छपरा के बनियापुर थाना क्षेत्र स्थित नंदलाल टोला गांव की है. यहां के ग्रामीणों ने तीनों मृतकों पर मवेशी चोरी करने का आरोप लगाया है. 

बता दें कि तीनों मृतक क़रीब के एक गांव पैग़म्बरपुर के रहने वाले हैं. ये गांव घटनास्थल से लगभग तीन किलोमीटर की दूरी पर है. 

यहां के स्थानीय लोगों का कहना है कि चोरी का आरोप सरासर ग़लत है. वो चोर नहीं थे. अपने पिकअप से सुबह के पांच बजे कहीं जा रहे थे. मृतकों के परिजनों ने इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज कराई है. इसमें चार नामज़द और कुछ अन्य के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने की मांग की गई है. वहीं एक दूसरी एफ़आईआर उसकी तरफ़ से दर्ज कराई गई है जिसकी मवेशी को चोरी करके ले जाया जा रहा था. इस घटना के बाद पूरे इलाक़े में तनाव का माहौल है.

मृतकों के परिवार का आरोप है कि पुलिस ‘हत्यारों’ को बचाने की कोशिश में पूरी तरह से जुटी हुई है. इस मामले में अभी तक पुलिस ने किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया है. उल्टे जब परिजनों सदर अस्पताल में पुलिस से इंसाफ़ की गुहार लगाई तो पुलिस ने इसका जवाब लाठी चार्ज करके दिया. हंगामा कर रहे परिजनों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा. इस संबंध में सोशल मीडिया में भी एक वीडियो वायरल हो रही है.  

जबकि छपरा के पुलिस अधीक्षक हरिकिशोर राय ने मॉब लिंचिंग की किसी घटना से इंकार किया है और कहा है, “तीनों मृतक गांव में भैंस चोरी कर रहे थे. इसी दौरान घर वालों की नींद खुल गई और तीनों को पकड़ कर उनके साथ मारपीट की गई. इलाज के क्रम में तीनों की मौत हो गई. मामले में तीन लोगों को गिरफ़्तार कर लिया गया है. फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है.” 

इस समय पूरा गांव पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है. सदर और मढौरा डीएसपी के साथ आधा दर्जन थानों की पुलिस वहां कैम्प किए हुए हैं. 

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