आज़मगढ़ के एक ही थाना क्षेत्र के तीन गांवों में तोड़ी बाबा साहब की मूर्तियां

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BeyondHeadlines News Desk

आज़मगढ़/लखनऊ : आज़मगढ़ के मिर्जा आदमपुर, बरमनपुर और श्रीकान्तपुर गांवों में डॉ. भीमराव अम्बेडकर की मूर्तियां तोड़े जाने का मामला प्रकाश में आया है.

यूपी की सामाजिक व राजनीतिक संगठन रिहाई मंच ने डॉ. भीमराव अम्बेडकर की मूर्तियां तोड़े जाने पर कड़ी आपत्ति दर्ज करते हुए दोषियों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की मांग की है.

मंच ने आरोप लगाया कि एक ही थाना क्षेत्र में तीन अलग-अलग गांवों में भाजपा सरकार की सरपरस्ती में मनुवादी ताक़तों का यह सुनियोजित हमला है.

रिहाई मंच महाचिव राजीव यादव ने कहा कि बाबा साहब की मूर्तियों को तोड़ने के पीछे एक ख़ास तरह की विचारधारा सक्रिय है जो लोकतंत्र, संविधान, समानता और सहअस्तिव में विश्वास नहीं रखती बल्कि जातीय श्रेष्ठता, असमानता और सामंतवादी मानसिकता से ग्रस्त है. प्रदेश सरकार और पुलिस प्रशासन ऐसे अराजक तत्वों को क़ाबू करने में बुरी तरह असफल है बल्कि ऐसी आपराधिक घटनाओं में लिप्त तत्वों के ख़िलाफ़ कठोर कार्रवाई करने के बजाए उनके हौसले बढ़ा रही है. यही कारण है कि प्रदेश में महिलाओं, दलितों, मुसलमानों और वंचित वर्ग के ख़िलाफ़ अपराधिक घटनाओं का ग्राफ़ बढ़ता ही जा रहा है.

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए अराजक तत्वों की शिनाख्त कर उनके ख़िलाफ़ सख्त और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करे.

बता दें कि आज़मगढ़ में ये कोई पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी इसी साल मार्च महीने में आज़मगढ़ के थाना अहरौला के गांव राजापट्टी में लगी बाबा साहब की प्रतिमा तोड़ दी गई थी.

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