BeyondHeadlines News Desk
पटना : बिहार के दरभंगा ज़िले में क़ुर्बानी के गोश्त को लेकर बेरहमी से पिटाई किए जाने की घटना सामने आई है. आरोप है कि इस घटना के बाद पुलिस भी आरोपियों का ही साथ दे रही है और इस मामले को रफ़ा-दफ़ा करने की कोशिश में जुट गई है. घायल हुए तीनों युवक फिलहाल दरभंगा के डीएमसीएच में इलाजरत हैं.
बता दें कि परवेज़ आलम, आज़ाद और अफ़ज़ल अली नाम के तीन युवक दरभंगा के लहेरिया सराय इलाक़े के पंडासराय बिचला टोला से शाम को क़रीब छः बजे एक मोटरसाईकिल पर सवार होकर ताजपुर जा रहे थे. इसी क्रम में बिशनपुर थाना से कुछ जटमलपुर के नज़दीक कुछ लोगों ने उन्हें रोका और उनका बैग चेक कराने को कहा. उस बैग में क़ुर्बानी का गोश्त था. जिसे देखते ही उन लोगों ने इन तीनों युवकों पीटना शुरू कर दिया. इस तरह से भीड़ बढ़ती गई और वो हिंसक भी होती गई.
परवेज़ आलम के फूफेरे भाई बिलाल बताते हैं कि वो अपने दोस्तों के साथ ताजपुर अपने नानी के घर आ रहा था. तीनों की उम्र क़रीब 18-19 साल है. उन तीनों को तक़रीबन तीन घंटे पीटा गया. उनका मोबाईल भी छिन लिया गया. तीन घंटे बाद हमें ख़बर मिली कि उनकी लिंचिंग करने की कोशिश की गई. ये पूछने पर कि गोश्त किस जानवर का था, इस पर उनका जवाब था -बकरे का गोश्त यानी मटन.
स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस भी इन घायल युवकों का साथ देने के बजाए आरोपियों का ही साथ देती नज़र आई और अब इस मामले को कमज़ोर करने के लिए बाइक सवारों का आपसी मारपीट का मामला बता रही है. इस मामले में संवाददाता ने पुलिस थाना से भी सम्पर्क करने की कोशिश की, लेकिन ख़बर लिखे जाने तक कोई आधिकारिक बयान नहीं मिल पाया.
इधर इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर भी लोगों का गुस्सा बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है. युनाईटेड अगेंस्ट हेट के संस्थापक सदस्य नदीम खान ने सोशल मीडिया पर लिखा है —
‘दरभंगा में आज इन तीन लड़कों की लिनचिंग की कोशिश हुई, अभी थोड़ी देर पहले तीनों लड़के दरभंगा के अस्पताल में एडमिट हुए हैं. उधर बिहार पुलिस ने भीड़ के द्वारा पीटे गए लड़कों को थाने में पीटा और उनको मोबाइल चोर बताया और 3 घंटे बाद पेपर में साइन करवाने के बाद बाहर किया तब वो अस्पताल में एडमिट हुए.’
