BeyondHeadlines News Desk
आज़ादी के बाद जब देश के हालात क़ाबू से बाहर होते नज़र आए तो महात्मा गांधी ने 13 जनवरी, 1948 को अपने अंतिम व्रत का ऐलान कर दिया. उनके इस ऐलान से जामिया मिल्लिया इस्लामिया में खलबली मच गई और उनके सेहत के लिए दुआएं की जाने लगीं. इस मौक़े पर वाइस चांसलर डॉक्टर ज़ाकिर हुसैन ने एक बयान भी जारी किया.
महात्मा गांधी ने चंद दिनों बाद समाज के विभिन्न तबक़ों की ज़िद पर व्रत तोड़ मगर 30 जनवरी, 1948 की शाम पांच बजकर सतरह मिनट पर एक मज़हबी जुनूनी के हाथों वह शहीद कर दिए गए. उस रोज़ जामिया का हर शख़्स उदास व ग़मगीन था. हर आंख अपने उस मोहसिन की याद में अश्कबार थी जिसने जामिया की स्थापना में अहम किरदार अदा किया था.
आज उसी गांधी की शहादत को याद करते हुए जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र ‘शांति मार्च’ निकाल रहे थे ताकि महात्मा गांधी को ऋद्धांजलि अर्पित कर सकें. लेकिन अभी मार्च निकालने की तैयारी ही चल रही थी कि एक सनकी युवक अपने हाथ में कट्टा लिए आ गया.
चश्मदीद छात्रों का आरोप है कि वो युवक ‘दिल्ली पुलिस ज़िन्दाबाद’ का नारा लगाते हुए हवा में कट्टा लहराता रहा और पुलिस पीछे खड़े होकर तमाशा देख रही थी. और फिर उसने ‘ये लो आज़ादी’ कहते हुए फायरिंग कर दी. इस फायरिंग में जामिया के ए.जे.के. मास कम्यूनिकेशन के छात्र शादाब नज़र को गोली लगी. शादाब की हालत गंभीर बताई जा रही है.
पुलिस ने बदमाश युवक को हिरासत में ले लिया है. पुलिस युवक से पूछताछ कर रही है.
