India

नीतिश कुमार से बेतिया डीएम को हटाने की मांग, कई संगठनों ने लिखा पत्र

नई दिल्ली: बिहार के पश्चिम चम्पारण ज़िले के डिस्ट्रिक मजिस्ट्रेट द्वारा ‘कोरोना संदिग्ध भारतीय मुसलमानों के द्वारा नेपाल से भारत आने की गतिविधी के संबंध में’ बेतिया व बगहा के पुलिस अधीक्षक व गौनाहा, मैनाटांड़, सिकटा व बगहा-2 के प्रखंड विकास पदाधिकारी को लिखे गुप्त पत्र के लीक होने के बाद पूरे चम्पारण के युवा काफ़ी रोष में नज़र आ रहे हैं.

चम्पारण के युवाओं ने आज शाम सात बजे ट्वीटर पर #TerminateFascistBettiahDM चलाकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार और आईएएस एसोसिएशन से बेतिया डीएम कुन्दम कुमार को हटाने की मांग की. इनका सवाल है कि पत्र में जिस भाषा का इस्तेमाल किया गया है, उससे उनके भीतर छिपी हुई साम्प्रदायिकता साफ़ झलक रही है. और जब ये पत्र गोपनीय था तो गोपनीय क्यों नहीं रहा? क्या जान-बुझ कर इसे सार्वजनिक किया गया है ताकि समाज में और ज़हर घोला जा सके? 

इसके अलावा पूर्वी चंपारण के ‘संविधान बचाओ संघर्ष मोर्चा’ ने बिहार के मुख्य सचिव, गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक और मुख्यमंत्री नीतिश कुमार व उनके आप्त सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि ज़िला पदधिकारी पश्चिम चम्पारण, बेतिया द्वारा साम्प्रदायिक विद्वेष के तहत धर्म विशेष को इंगित करते हुए पत्र निर्गत किया है. इन पर सरकार सख्त कार्रवाई करे. साथ ही उन्होंने सरकार से कुछ सवालों के जवाब भी मांगे हैं.

‘संविधान बचाओ संघर्ष मोर्चा’ का सवाल है कि अगर ये सूचना गोपनीय थी तो ये लीक कैसे हुई? और इसे किसने लीक किया? क्या किसी गोपनीय सूचना पर जिनकी सत्यता की जांच बाक़ी हो, और जिसकी जानकारी पुलिस महानिदेशक को भी नहीं हो, केवल एक पत्र के आलोक में पूरे एक विशेष धर्म को चिन्हित करना भारतीय धर्मनिरपेक्षता के विरुद्ध नहीं है? क्या किसी प्रशासनिक पदाधिकारी को ये अधिकार है कि वो एक संदिग्ध सूचना पर आपदा से संक्रमित व्यक्तियों के धर्म को चिन्हित करे? क्या ज़िला पदधिकारी पदाधिकारी पश्चिम चम्पारण के इस संवेदनहीन, सांप्रदायिक और असंवैधानिक कृत्य कार्रवाई की जाएगी? क्या प्रशासन को नहीं पता है कि WHO ने भी मरीज़ों के साथ धार्मिक भेदभाव पर आपत्ति जताई है? ज़िला पदधिकारी के इस सांप्रदायिक पत्र को लेकर पूरे मुस्लिम धर्म को मीडिया/सोशल मीडिया पर कठघड़े में खड़ा किया जा रहा है, क्या कोरोना बीमारी जैसे अतिसंवेदनशील मुद्दे को धार्मिक बनाकर पेश करने के कारण अगर किसी मुसलमान व्यक्ति की मॉब लिंचिंग हो जाती है, तो इसकी ज़िम्मेदारी प्रशासन लेगा?

‘संविधान बचाओ संघर्ष मोर्चा’ ने बिहार सरकार से मांग की है कि ज़िला पदधिकारी, समादेष्टा सीमा सुरक्षा बल एवं इस पत्र के निर्गत से सम्बंधित अन्य पदाधिकारियों को कोरोना संक्रमित के बीच धार्मिक आधार पर विभेद करने, समाज मे धार्मिक विध्वंस पैदा करने एवं विशेष धर्म को टारगेट करने के अपराध में कड़ी अनुशानिक कार्रवाई की जाए ताकि फिर कभी कोई प्रशासन को साम्प्रदायिक स्वरूप देने की चेष्टा न करे.

वहीं भारत की कम्यूनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की पश्चिम चम्पारण जिला कमिटी के मंत्री प्रभुराज नारायण राव ने भी पश्चिम चम्पारण के जिला पदाधिकारी कुन्दन कुमार के पत्र की निंदा की है और कहा है कि ऐसे बयान सांप्रदायिक सद्भावना व धर्म-निरेक्षतावादियों को स्तब्ध कर देता है. जनता की जनवादी एकता व ताना बाना को तोड़ता है, जो क़ानूनन अपराध है. ऐसे शब्दों से परहेज़ करने की ज़रूरत है.

बता दें कि 3 अप्रैल, 2020 को भारत सरकार के गृह मंत्रालय से जुड़े बिहार में सीमा सुरक्षा बल के पूर्वी चम्पारण के रमगढ़वा पनकोटा की 47वीं बटालियन ने बिहार के पश्चिमी चम्पारण के डिस्ट्रिक मजिस्ट्रेट और बेतिया के सुप्रीटेंडेन्ट ऑफ़ पुलिस को एक गोपनीय पत्र लिखकर बताया कि ‘विश्वसनीय सुत्रों द्वारा पता चला है कि नेपाल के पारसा ज़िले के सेरवा थाना अंतर्गत आने वाले जगन्नाथपुर गांव का ज़ालिम मुखिया भारत में कोरोना महामारी फैलाने की योजना बना रहा है. इसने लॉकडाउन के दौरान विभिन्न मुस्लिम देशों में काम करने वाले भारतीय मुस्लिम नागरिकों को पार कराने की ज़िम्मेदारी ली है. सुत्रों के अनुसार लगभग 200 भारतीय मुस्लिम नागरिक (मुस्लिम देशों में काम करने वाले) 05 से 06 पाकिस्तानी नागरिकों के साथ काठमांडू के रास्ते नेपाल पहुंचे हैं और वर्तमान में नेपाल के चंदनबरसा और खैरवा में मस्जिद या मदरसे में रह रहे हैं. सुत्रों के अनुसार 40 से 50 और संदिग्ध भारतीय मुस्लिम नागरिक आज पहुंचेंगे और अगले आने वाले दिनों में उनके आने की संभावना है. सुत्रों के अनुसार ये नागरिक रास्ते में अपने शरीर का तापमान कम करने के लिए पैरासिटामोल की गोलियों का सेवन कर रहे थे और वे कोरोना पॉजिटिव हो सकते हैं.’

सीमा सुरक्षा बल के कमांडेंट द्वारा पत्र भेजे जाने के बाद अब पश्चिम चम्पारण, बेतिया के ज़िला अधिकारी ने 07 अप्रैल को ‘कोरोना संदिग्ध भारतीय मुसलमानों के द्वारा नेपाल से भारत आने की गतिविधी के संबंध में’ विषय के साथ बेतिया व बगहा के पुलिस अधीक्षक व गौनाहा, मैनाटांड़, सिकटा व बगहा-2 के प्रखंड विकास पदाधिकारी को पत्र लिखकर 40 से 50 कोरोना संदिग्ध भारतीय मुसलमान को भारत में आने की सूचना दी है. साथ ही स्पष्ट तौर पर कहा है कि भारत-नेपाल सीमा पर यथेष्ट सतर्कता बरती जाए तथा किसी भी प्रकार के संदिग्ध गतिविधी पर कड़ाई से निगरानी की जाए.

Loading...

Most Popular

To Top

Enable BeyondHeadlines to raise the voice of marginalized

 

Donate now to support more ground reports and real journalism.

Donate Now

Subscribe to email alerts from BeyondHeadlines to recieve regular updates

[jetpack_subscription_form]