गाज़ा पर इज़राइली हमलों को तत्काल बंद करो

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BeyondHeadlines News Desk

गाजा पर 14 नवम्बर, 2012 को इज़राइल ने बिना किसी चेतावनी के हमला कर हमास के सेनापति अहमद जबारी का हत्या की दी. विडम्बना यह है कि अहमद जबारी को कुछ घंटों पहले ही इज़राइल के साथ स्थाई शांति हेतु एक दस्तावेज प्राप्त हुआ था जिसमें हमले तेज़ हो जाने की स्थिति में शांति कैसे बहाल करें इसके सुझाव दिए गए थे. जवाब में जब हमास ने भी कुछ प्रक्षेपास्त्र छोड़े जिसमें तीन इज़राइली नागरिकों की जानें गई तो इज़राइल को हमले अचानक तेज़ करने का बहाना मिल गया. इस ताजा दौर में, जैसा कि हमेशा होता आया है, अब तक यहूदियों से कई गुणा ज्यादा फिलीस्तीनी नागरिक मारे जा चुके हैं और उससे भी कई गुणा ज्यादा अस्पताल पहुंच चुके हैं. दोनों तरफ़ मारे जाने वालों में महिलाएं व बच्चे शामिल है जो इस त्रासदी का सबसे दुखद पहलू है.

इज़राइल में जनवरी में चुनाव है. इज़राइली प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतनयाहू ने दक्षिण पंथी वोटों के ध्रुवीकरण की दृष्टि से यह हमला किया है. पूरी दुनिया को यह बताया जा रहा है कि इज़राइल अपनी सुरक्षा हेतु ऐसा कर रहा है जबकि हकीकत कुछ और ही है.

अमेरीका हमेशा इज़राइल के पक्ष में खड़ा दिखाई पड़ता है क्योंकि अमरीका में यहूदियों का सरकार पर काफी दबाव रहता है. वह अमरीका के सबसे धनी व प्रभावशाली समुदायों में से है. इसलिए अमरीका, जिसने दुनिया में घूम-घूम कर लोकतंत्र कायम करने का ठेका ले रखा है, इज़राइल द्वारा फिलीस्तीनियों के उत्पीड़न पर कोई सवाल नहीं खड़ा करता. संयुक्त राष्ट्र संघ में फिलीस्तीन के पक्ष में कई प्रस्ताव पारित हो चुके हैं. लेकिन अमेरिका फिलीस्तीन को संयुक्त राष्ट्र संघ का सदस्य ही नहीं बनने दे रहा. ग़नीमत है कि भारत ने अमरीकी दबाव को नज़रअंदाज करते हुए फिलीस्तीन के पक्ष में मत दिया.

भारत ने हमेशा से फिलीस्तीन का समर्थन किया है लेकिन जब से देश ने उदारीकरण, निजीकरण व वैश्वीकरण वाली आर्थिक नीतियां अपनाईं हैं हम इज़राइल के भी अच्छे दोस्त बन गए हैं. इतने अच्छे कि इज़राइल के आधे हथियार अब हम ही खरीदते हैं और हमारा 30 प्रतिशत हथियारों का आयात इजराइल से होता है. इज़राइल के सैनिक हमारी सेना को प्रशिक्षण भी दे रहे हैं.

भारत ने अभी तक इज़राइल द्वारा फिलीस्तीन पर ताज़ा हमले की कोई निंदा भी नहीं की है. हम गाजा पर हो रहे हमलों की कड़ी निंदा करते हैं और वैश्विक समुदाय से अपील करते हैं कि इज़राइल पर दबाव डाल कर इन हमलों को तुरंत रुकवाए और इस समस्या का कोई स्थाई समाधान निकाले.

इस हमले में दोनों तरफ के जो निर्दोष नागरिक मारे गए हैं उनके परिवारों के साथ हमारी सहानुभूति है. प्रदर्शन में संदीप पांडेय, एस आर दारापुरी, ताहिरा हसन, इसहाक़, रूपेश सिंह, मसीहुज्ज़मा, मो. तैय्यब, मो. समी, आफाक अहमद, अनुराग पटेल, रितेश त्रिपाठी, शैहला गानिम, केके वत्स, जैद फारूकी, विनायक राजहंस, सुमन गिरी, राजीव यादव, शाहनवाज आलम, क़मरूदीन क़मर, मो. जमील, मयंक मिश्रा, शिवानी बरनवाल, डॉ. शकुंतला मिश्रा आदि उपस्थि थे

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