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Reading: मंटो और शेक्सपियर के नाम 15वां भारत रंग महोत्सव
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मंटो और शेक्सपियर के नाम 15वां भारत रंग महोत्सव

Beyond Headlines
Beyond Headlines Published January 2, 2013 1 View
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7 Min Read
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Abhinaw Upadhayay for BeyondHeadlines

सआदत हसन मंटो को उनकी जन्म शताब्दी के वर्ष में श्रद्धांजलि के रूप में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के 15वें भारत रंग महोत्सव में उन पर और उनके काम पर आधारित छह नाटक प्रस्तुत किए जाएंगे. इसके साथ ही शेक्सपियर के नाटकों का मंचन भी होगा. मंटो के नाटकों में दानिश हुसैन और महमूद फ़ारूक़ी द्वारा मंटोइयत, केवल धालीवाल द्वारा इक सी मंटो, देवेंद्र राज अंकुर द्वारा खोल दो और मोजेल, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय रंगमंच कंपनी द्वारा दफ़ा-292 और पाकिस्तान से सुनील शंकर और शाहिद नदीम तथा मदीहा गौहर द्वारा क्रम से  दो अन्य प्रोडक्शन मंतोरामा और कौन है ये गुस्ताख़ पेश किए जाएंगे.

इसके अलावा शेक्सपियर द्वारा रचित नाटक भारंगम में मंचित होंगे. इसमें तुर्कमेनिस्तान के सोलो प्रदर्शन के लीयर से लेकर असमी रूपांतर में जूलियस सीज़र तक सात नाटक चुने गए हैं. पिया बहरूपिया, ट्वेलफ्थ नाइट का हिन्दी रूपांतरण है. पिछले सत्र में इसे लंदन के ग्लोब थिएटर में प्रस्तुत किया गया था. इसके बाद फुट्सबार्न थिएटर का इंडियन टैम्पेस्ट भौतिक थिएटर के एक हिस्से के रूप में पेश किया जाएगा, जबकि अमेरिका के वेन्डी जेहलेन हैमलेट, मैकबेथ, ओथेलो और टाइटस एनड्रोनिकस के अंश कोरियोग्राफ किए हुए गैर मौखिक अंश दि नकिंग विदइन में पेश करेंगी. केरल का यमदूतु-आफ्टर दि डेथ ऑफ ओथेलो मलयालम में पेश किया जाएगा जो शेक्सपियर के ओथेलो पर आधारित है. कौशिक सेन द्वारा बांग्ला अनुवाद में मैकबेथ मूल आलेख पर मंचित नाटक भी दर्शकों के लिए आएगा.

इस वर्ष एनएसडी 87 प्रोडक्शंस की समृद्ध श्रृंखला प्रस्तुत करेगा. इनका चुनाव देश भर से और सारी दुनिया से किया गया है और इन्हें 5 से 20 जनवरी 2013 के बीच 8 स्थानों पर प्रस्तुत किया जाएगा.

एनएसडी की निदेशक अनुराधा कपूर ने बनाया कि ये प्रदर्शन भिन्न भाषाओं, शैलियों और मुहावरों में हैं तथा कई सारी वास्तविकताओं का सम्मान करते हैं. क्षेत्रीय भाषाओं और विदेशी प्रस्तुतियों में से ज्यादातर अंग्रेज़ी-हिन्दी के सबटाइटिल होंगे. उन्होने बताया कि तीन नए देश अजरबेजान, ताइवान ओर हंग्री  भी इसमें हिस्सा लेंगे. इसके अलावा कोलकाता का समूह पदातिक महेश एलकुंचवार के लिखे और विनय शर्मा के निर्देशन वाले आत्मकथा का प्रदर्शन करेगा. लम्बे समय बाद कुलभूषण खरबंदा इस नाटक में मंच पर दिखेंगे.

कई शहरों में की भारंगम ने यात्रा

गुजरे सात वर्षों के दौरान, समारोह का एक भाग हर साल दूसरे शहर गया है. अभी तक इसमें बैंगलुरू, कोलकाता, मुंबई, लखनऊ, भोपाल, चेन्नई और अमृतसर शामिल हैं. इस साल भारंगम जयपुर जाएगा, जहां 11 भारतीय और 9 अंतरराष्ट्रीय नाटक प्रस्तुत किए जाएंगे.

पॉपुलर थिएटर पर फोकस

19वीं सदी के दूसरे हिस्से में भारत के प्रमुख शहरों में लोकप्रिय पारसी थिएटर का नए तरीके से दर्शकों को यह देखने को मिलेगा. पारसी थिएटर के क्षेत्रीय रूपांतर अभी भी शहरों और गांवों में बड़ी संख्या में दर्शकों को आकर्षित करते हैं जो हरेक सत्र में उत्सुकता से नए प्रोडक्शन का इंतजार करते हैं, क्योंकि थिएटर कंपनियां अपने टूरिंग प्रोग्राम के रूप में वार्षिक दौरे करती हैं.

लोकप्रिय थिएटर की इस शुरुआत को याद करने के लिए रानावि ने देश भर से खासतौर से पांच बेहद सफल कमर्शियल थिएटर कंपनियों को इस साल भारंगम में प्रदर्शन के लिए आमंत्रित किया है.

आंध्र प्रदेश की सुरभि कंपनी अपने सबसे सफल नाटकों में से एक, माया बाजार का प्रदर्शन करेगी. नयनतारा ओपेरा कोलकाता का एक बांग्ला जात्रा आमी बिंगशो शताब्दीर बीष पेश करेगा जबकि फिरोजाबाद, उत्तर प्रदेश कृष्ण कला केंद्र एक नौटंकी स्वांग, भक्त पूरनमल पेश करेगा. पुणे, महाराष्ट्र की राहें संगीत मान अपमान के अपरेटिक रूपांतर पेश करेगी जबकि वाडसा की लोकजागृति रंगभूमि मुठाभर तंदुल पेश करेगी. यह अपेक्षात कम ज्ञात रूप है जिसे झाड़पट्टी के नाम से जाना जाता है.

मशहूर लेखकों की कृतियों पर आधारित नाटक होंगे प्रस्तुत

इस वर्ष  कई मशहूर लेखकों की कृतियों पर नाटक प्रस्तुत होंगे. इनमें, एरिस्टोफिनीस, बरटोल्ट ब्रेख्त, डारियो फो, पासोलिनी, हेनर मुलर, ऑगस्त स्ट्रींडबर्ग, विलियम शेक्सपियर, ज्या पल सार्त्र, रबींद्रनाथ टैगोर, सआदत हसन मंटो, महेश एलकुंचवार, उदय प्रकाश, बादल सरकार, विजय तेंदुलकर, विजयदान देथा और जीपी देशपांडे शामिल हैं. आगा शाहिद अली, तमिजाची टांगा पांडियन, फैज़ अहमद फैज़, अरुण कोल्हटकर और माइकल मधुसूदन दत्त की कविताओं पर आधारित नाटक भी हैं.

इसके अलावा 6 सोलो प्रदर्शन द इंसपायर्ड बाई ब्लाइंडनेस, किंग लियर, मैसेज, मीडिया, ईथाओ चिरकाडियोचकल और नन स्टप फील गुड शो और दो समकालीन नृत्य प्रदर्शन संगीता शर्मा का अन्वेषण, शोभा दीपक सिंह की परिक्रमा है।

अंतरराष्ट्रीय वर्ग

एनएसडी की चेयरमैन अमान अल्लाना ने बतया कि अंतरराष्ट्रीय वर्ग में 18 प्रदर्शन हैं इनमें से सात सार्क देशों से हैं.

बांग्लादेश की दो प्रस्तुतियॉ हैं द ब्रेख्त के मेजर्स टेकेन और सिकसस के ड्रम्स अन दि डैम, श्रीलंका की दो प्रस्तुतियों में एक, दी आईलैंड जेल में कैदियों के बारे मे हैं जो ऐंटीगनी परफर्म कर रहे हैं. दूसरा धावला भीषणा जो कि सार्त्र के मैन विदाउट शैडोज़ का अनुवाद है. अफगानिस्तान से हमारे पास दारियो फ़ो का दि टेल अफ दि टाइगर है.

फ्रांस का फुट्सबार्न थिएटर इंडियन टैम्पेस्ट पेश करेगा. यह एक अंतर-सांस्तिक नाटक है जो शेक्सपीयर के टैम्पेस्ट पर आधारित है. इटली का टिएट्रो पोटलैच हमारे लिए फेलिनीज ड्रीम लेकर आया है जो फेलिनी की फिल्मों के कुछ याद्गार चरित्रों पर आधारित है. चीन का ए वारस मेलोडी एक त्रासद प्रेम कहानी है और आफ्टर दि बर्ड्स में उन चीजों की चर्चा है जो एरिस्टोफेन के दि बर्ड्स, पुराने ग्रीक्स और उनकी संस्कृति के बाद छूट गया था. यह ब्रिटेन के कोरिया थिएटर एसोसिएशन और अर्थफल की सामूहिक प्रस्तुति है.

हर साल की तरह इस साल भी संबद्ध कार्यक्रम के तहत कई किस्म के कार्यक्रम हैं. इसमें चार व्याख्यान रिचर्ड शौख्रनर द्वारा ‘शौख्रनर अन शौख्रनर द डायरेक्टर’, तदाशी उचिनो द्वारा व्हाट अबाउट मशीन्स: टेक्नालॉजी एंड पोलिटिक्स इन जापान्स कंटेमपोरोरी परफर्मेंस कल्चर, स्टीफन कोरजी द्वारा  रेडी-मेड-ऐक्टर्स एंड रिमोट-कंट्रोल्ड अडियंसेज और प्रो जेन कलिन्स द्वारा थिएटर एंड परफार्मेंस  डिज़ाइन पुस्तक पर शामिल हैं.

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