इंटलीजेन्स ब्यूरो आरएसएस के दिशा निर्देशों पर कार्य कर रहा है

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BeyondHeadlines News Desk

बाराबंकी: केन्द्र सरकार गैर अवामी सरकार है. अल्पसंख्यकों की समस्याओं का निदान करने के लिए पंचवर्षीय योजनाओं में पर्याप्त बजट की व्यवस्था नहीं करती है और उसके अधिकारीगण उस बजट को इस्तेमाल नहीं करते हैं. और लगभग 60 फीसदी बजट बिना खर्च किए वापस हो जाता है. यह बात आल इण्डिया तन्जीम ए इंसाफ के राष्ट्रीय संयोजक व पूर्व सांसद सय्यद अज़ीज़ पाशा ने कहा.

आगे उन्होंने कहा कि बारहवीं पंच वर्षीय योजना में 58 हजार करोड़ रूपये अल्पसंख्यकों के कल्याण करने के लिए बात से बजट में प्राविधान करने के लिए बात हुई थी, लेकिन मनमोहन सरकार ने मात्र 17 हजार करोड़ रूपये का प्राविधान किया और जिसमें 60 फीसदी बजट लैप्स हो गया. 

उत्तर प्रदेश की स्थिति पर चिंता प्रकट करते हुए करते हुए श्री पाशा ने कहा कि अखिलेश सरकार में करीब ग्यारह दंगें हो चुके हैं और निर्दोष मुस्लिम नौजवानों को आज तक छोड़ा नहीं गया है. प्रदेश की जनता आन्दोलन के लिए तैयार रहे क्योंकि अधिकार मांगने से नहीं मिलने छीनने पड़ते है. जैसे नौजवान लडकियों ने लड़कर रेप के मामले में फ़ास्ट ट्रेक कोर्ट हासिल कर ली, इसी तरह का संघर्ष उत्तर प्रदेश में करना होगा और सीपीआई इन्साफ की लडाई में आपके साथ रहेगी.

मुसलमान नौजवानों की रिहाई के लिए बनी कौमी मुहीम  पीसीपीटी (पीपुल्स कैम्पेन अगेंस्ट पोलिटिक्स आफ टेरर) के कन्वीनर और  इंसाफ दिल्ली के अमीक जामेई ने कहा की राज्य के सरबराह अखिलेश यादव ने उनसे मुलाक़ात में कहा था की वोह जल्द निमेष कमीशन को आम करेंगे और बेक़सूर नौजवानों का केस वापस लेंगे, लेकिन आज एहसास हो रहा है कि मुसलमनो को फिर दगा दिया जा रहा है.

अमीक जामेई ने ६८ चुनकर कर आये मुस्लिम एम्एलए को आड़े हाथों लेते हुए कहा की जब पिछले संसद सत्र के दौरान BeyondHeadlines और इन्डियन एक्सप्रेस ने निमेष कमीशन को छापा तो इसी मसले पर लेफ्ट एंड डेमोक्रेटिक फोर्सेज ने संसद चलने नहीं दी, लेकिन सूबे में असेम्बली इजलास में यह ६८ एम्एलए खामोश थे. पीसीपीटी  चौथी  विशाल जनसभा लखनऊ में करेगी.

ए. बी. बर्धन, प्रकाश करात, लालू प्रसाद यादव, मुहमम्द अदीब, रामविलास पासवान, शरद यादव, सीके जाफ़र शरीफ, एच डी देवेगौडा, मणिशंकर अय्यर, अतुल कुमार अनजान की उपस्थिती में आने वाली  मार्च में लखनऊ में हजारों मुसलमान और सेक्यूलर प्रदेश निवासी समाजवादी सरकार को घेरेंगे और दंगे और मासूम नौजवानों का हिसाब किताब लिया जाएगा. 

सम्मेलन को इंसाफ के प्रदेश संयोजक व पूर्व विधायक इम्तियाज अहमद ने सम्बोधित करते हुए कहा कि हैण्डलूम उद्योग से लेकर समस्त दस्तकारी के कार्य धन्धों को प्रदेश सरकार की गलत नीतियों के कारण ज़बरदस्त घाटा हुआ है और छोटे उद्योग धन्धे बन्द हो गये हैं.

दिल्ली प्रदेश के इंसाफ के अध्यक्ष डा. ए.ए. खान ने कहा कि सच्चर कमीशन की रिपोर्ट केन्द्र सरकार लागू नहीं कर रही है और उत्तर प्रदेश की सरकार आर.डी. निमेष कमीशन के आधार पर बेगुनाह मुस्लिम नवजवानों को रिहा नहीं कर रही है. अक्लियतों के मामलें में केन्द्र व उत्तर प्रदेश सरकार एक जैसे हैं इसलिए ज़रूरी है कि अक्लियत संगठित होकर संघर्ष के मैदान में उतरे.

सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए मुहम्मद शुऐब एडवोकेट ने कहा कि पिछड़े व गरीब मुसलमानों को २७% आरक्षण में कोटा की सुविधा दी जाय. तारिक और खालिद मुजाहिद की के केस में वकील श्री शुएब ने कहा की बसपा के समय इन नौजवानों को फंसाया गया आज समाजवादी सरकार दोषी पुलिस अफसरों को बचने का काम कर रही है  और इंटलीजेन्स ब्यूरो हिन्दुत्वादी संगठन आरएसएस जैसे संगठनों के दिशा निर्देशों पर कार्य कर रहा है.

सम्मेलन को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव गिरीश ने सम्बोधित करते हुए कहा कि कम्युनिस्ट पार्टी शोषित पिछड़े गरीबों की पार्टी है. लेकिन पिछड़े मुसलमानों को आगे बढ़ाने के लिए एक कार्यक्रम चलाया जिसे हम ‘इंसाफ’ के नाम से जानते हैं. जिन्होंने इन समस्याओं को जाना है जब तक सुरसा जैसे समस्याओं का बध नहीं होता है तब तक समाधान नहीं हो सकता है.

सम्मेलन को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के प्रदेश नेता अरविन्द राजस्वरूप, एहतशाम मिर्जा, जैनुल कदर, मो. तारिक खान, रणधीर सिंह सुमन ने भी सम्बोधित किया. सम्मेलन में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के डा. उमेश वर्मा, बृज मोहन वर्मा, विपत राम, कौसर हुसैन, नीरज वर्मा, पुष्पेन्द्र कुमार सिंह, राम नरेश, विनय सिंह, अमर सिंह, आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे.

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