BeyondHeadlines News Desk
केरला के कन्नूर ज़िला से मिलने वाली एक ख़बर के मुताबिक पिछले सोमवार के दिन कन्नूर के मतान्नूर क्षेत्र में एक मोटर साईकिल पर धमाके का सामग्री ले जा रहे दो व्यक्ति उस समय गंभीर रूप से घायल हो गए जब मोटर साईकिल पर रखे सामाग्री में ब्लास्ट हो गया. इन दोनों घायलों को करीब के अस्पताल में पहुंचाया गया, जहां मोटर-साईकिल चलाने वाले दिलीप कुमार नाम के व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि दूसरे घायल व्यक्ति की अभी भी कन्नूर के एक निजी अस्पताल में इलाज जारी है. इस पूरे मामले पर पुलिस का कहना है कि दोनों पोटैशियम नाइट्रेट समेत तीन किलो धमाके के अन्य सामाग्री मोटर साईकिल पर ले जा रहे थे कि बीच में ही धमाका हो गया.
स्पष्ट रहे कि इस खबर को भारतीय मीडिया ने कोई अहमियत नहीं दी, हालांकि अंग्रेज़ी के कुछ अखबारों में तस्वीर के साथ यह खबर ज़रूर प्रकाशित की गई. जिसमें पुलिस के हवाले से सिर्फ इतना कहा गया कि मरने वाला युवक भाजपा का समर्थक था और बम बनाने में माहिर था. इस तरह इस मामले को यहीं समाप्त कर दिया गया. लेकिन सोशल मीडिया के ज़रिए केरला के युवा इस पूरे मामले की कुछ और हक़ीक़त बयान कर रहे हैं. उनका कहना है कि मरने वाला व्यक्ति आर.एस.एस. का एक्टिव मेम्बर था और धमाके की सामाग्री किसी इलाके में रखने के लिए ले जाया जा रहा था कि अचानक ब्लास्ट हो गया.
इस पूरे मामले पर कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के ज़िला सचिव पी. जयाराजन का कहना है कि इस धमाके की सामाग्री को आर.एस.एस. के दफ्तर तक पहुंचाना था, इसलिए इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए. उधर दूसरी तरफ आर.एस.एस. ने यह साफ कर दिया है कि इस घटना से उनका कोई लेना-देना नहीं है. यह बस आर.एस.एस. जैसी देशभक्त संस्था को बदनाम करने की साज़िश है, इसलिए ऐसी अफवाह फैलाई जा रही है.
लेकिन केरला के मुस्लिम युवाओं की शिकायत है कि आखिर प्रशासन व मीडिया इस पूरे मामले में खामोश क्यों है? उनका कहना है कि, ज़रा कल्पना किजीए यदि इस मामले में कोई मुसलमान शामिल होता तो अब तक न जाने क्या-क्या हो गया होता. हमारी मीडिया पूरे आसमान को अपने सर पर उठा चुकी होती. अब तक धमाके की कड़ियां हैदराबाद, पुणे और दिल्ली से जोड़ा जा चुका होता, लेकिन ऐसा नहीं हुआ क्योंकि इस मामले में आरएसएस का कोई सदस्य जो घायल हुआ है. इसलिए भारतीय मीडिया इस पूरे मामले में खामोश है. केरला के लोगों की मांग है कि इस पूरे मामले की जांच एनआईए के द्वारा किया जाना चाहिए, ताकि उन तमाम धमाकों का राज़ खुल सके जिनको सुलझाने में देश की खुफिया एजेंसिया अभी तक नाकाम रही हैं.
स्पष्ट रहे कि दो साल पूर्व 31 दिसंबर, 2011 में भी कन्नूर शहर में एचूर स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) कार्यालय एवं इसके द्वारा संचालित मछेरी एयूपी स्कूल के सामने वाला केंद्र बम विस्फोट से ध्वस्त हो गया था. कार्यालय से 5 देसी बम भी बरामद किए गए थे. लेकिन आरोप सीपीएम कार्यकर्ताओं पर लगाया गया और अभी तक इस मामले की कोई जांच नहीं हो सकी है.