हमारे देश के पुलिस का एक सच…

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Afroz Alam Sahil for BeyondHeadlines

एक तरफ हमारी पुलिस बेगुनाहों को अपराधी घोषित करके मिनटों में पकड़ने का काम अंजाम दे देती है, वहीं एक सच यह भी जब अपराधी अपने ही बिदादरी का हो तो हमारी पुलिस उसे पकड़ने के लिए ज्योतिष का सहारा लेती है.

मामला बिहार राज्य का है. और यहां ऐसा माना जाता है कि यहां के डीजीपी अभयानंद आपराधिक मामलों में वैज्ञानिक अनुसंधान की पुलिस को सलाह देते हैं, लेकिन वहीं राज्य अब तक के सबसे बड़े बैंक लूट-कांड के मास्टरमाइंड सिपाही पप्पू से सच को उगलवाने में जुटी बिहार पुलिस इतनी असहाय हो चुकी है कि वो देवघर के पंडो व हरिद्वार के ज्योतिषी के शरण में जा पहुंची है.  यानी लुटेरों तक पहुंचने के जब सारे दरवाजे बंद लगने लगे तो ऊपर वाले का दरवाजा खटखटाने का फैसला ही पुलिस को सबसे ज़्यादा पसंद आया.

हमारे देश के पुलिस का एक सच...

दरअसल, राज्य के सबसे बड़े बैंक लूट में शुमार यह लूट-कांड की घटना छपरा ज़िला में तीन अप्रैल को घटी थी. पीएनबी के मेन ब्रांच से सवा करोड़ की राशि लहलादपुर ब्रांच में ले जायी जा रही थी. रास्ते में ही बनियापुर थाना क्षेत्र में पैसों की लूट हो गयी.

घटना के बाद जब लूट के एक रुपये नहीं मिले तो इस मामले की जांच में जुटी टीम में शामिल एक पुलिसवाले ने लुटेरों का पता करने के लिए भगवान की शरण में जाने का फैसला लिया. इसके लिए उसने अपने एक नजदीकी को देवघर भेज दिया और दूसरे को हरिद्वार में नामी ज्योतिषी से संपर्क साधा. ज्योतिषी ने इसके लिए लूट कांड की फाइल मांगी है.

बताया जाता है कि ज्योतिषी के पास फाइल भेजने के लिए सीनियर अधिकारियों से संपर्क किया गया. लूट कांड का पता लगाने के लिए नई तरकीब की बात सुन अधिकारी चकरा गये. उन्होंने पंडों और ज्योतिषियों के शरण में जाने से साफ मना कर दिया.

जबकि इसी मामले में छपरा पुलिस ने पुलिस विभाग के एक सिपाही को पकड़ा है. पप्पू सिपाही नाम का यह पुलिसवाला बिहारशरीफ में डीएसपी का बॉडीगार्ड था. अब तक इस मामले में पहली और आखिरी गिरफ्तारी पप्पू सिपाही की है. पप्पू मूल रूप से छपरा का ही रहने वाला है और उसकी पत्नी मुखिया है. बताया जाता है कि पप्पू सिपाही पहले से ही सज़ायाफ्ता है. उसे एनडीपीसी एक्ट के तहत 5 साल की सज़ा हुई थी. यह सज़ा वर्ष 2011 में 5 जुलाई को छपरा सिविल कोर्ट के द्वितीय अपर ज़िला  व सत्र न्यायाधीश ने सुनाई थी. मामला जेल में उसके पास से गांजा बरामदगी से जुड़ा हुआ है. पप्पू वर्ष 2009 में मंडल कारा में कैद था.

यह कहानी सिर्फ बिहार पुलिस की नहीं, बल्कि झारखंड राज्य की रांची पुलिस भी ज्योतिष के शरण में जा चुकी है. दरअसल, यहां मामला यह था कि राजधानी व ज़िले के अन्य इलाके में आपराधिक घटनाओं में अचानक इज़ाफा हो गया था और तमाम प्रयासों के बावजूद पुलिस को कोई सफलता नहीं जब नहीं मिल रही थी तो वह भी आखिरी रास्ता ज्योतिषी के पास जाना ही नज़र आया. अब सफलता मिली या नहीं, ये तो रांची पुलिस ही बता सकती है. दूसरे राज्यों को अगर इसे जानने की दिलचस्पी है तो वो रांची पुलिस से सम्पर्क कर सकते हैं.

यही नहीं, आम आदमी का भी पुलिस पर से भरोसा अब खत्म होने लगा है. उत्तर प्रदेश, मुरादाबाद के बीसीए के एक छात्र हिमांशु के लापता होने के बाद जब पुलिस कोई सुराग नहीं मिला तो परिजनों ने हरिद्वार के ही दो ज्योतिषों से इसके बारे में जानकारी ली. ज्योतिषियों ने बताया कि हिमांशु अभी तक सुरक्षित है मगर आने वाला समय उसके लिए खतरा उत्पन्न कर सकता है. इसके बाद परिजनों ने पुलिस अफसरों से उसकी तलाश कराने की मांग की. तब जाकर तीन दिन बाद पुलिस ने इस बाबत 12 लाख रुपये के लिए फिरौती की रिपोर्ट दर्ज कर उसकी तलाश शुरू की.

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