BeyondHeadlines News Desk
तारिक क़ासमी और खालिद मुजाहिद की आतंक के आरोप में गिरफ्तारी की जांच के संबंध में बनाया आर.डी. निमेष आयोग की रिपोर्ट को आम करने और उसे एसेम्बली में पेश करने का दबाव समाजवादी सरकार में बढ़ता ही जा रहा है. इस सिलसिले में आज इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है.
मो. जावेद की तरफ से इलाहाबाद कोर्ट के सिनियर वकील फरमान नक़वी ने जनहित याचिका दाखिल करते हुए अदालत से गुज़ारिश की है कि वो सरकार को निमेष कमीशन को आम करने और फिर उस पर आयोग के सुझावों के मुताबिक कार्रवाई करने का आदेश पारित करे.
जस्टिस सुशील हरकोली और जस्टिस नाहिद मोनिस आरा की दो सदस्यी बेंच ने इस जनहित याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है. दूसरी तरफ सरकार भी दबाव में आकर अब यह स्वीकार कर ली है कि निमेष की रिपोर्ट गृह विभाग के पास है और उस पर कार्रवाई की जा रही है.
यही नहीं, इधर दिल्ली में भी 4 जून को इस निमेष रिपोर्ट की आम जनता के बीच पेश करने की तैयारी पिपुल्स कैंपेन अगेंस्ट पॉलिटिक्स ऑफ टेरर (पीसीपीटी) कर रही है. इससे पूर्व लखनउ में रिहाई मंच ने इस रिपोर्ट को कई बार पेश कर चुकी है. सबसे दिलचस्प है कि यह मीडिया भी इस रिपोर्ट को लोगों के सामने पेश कर चुकी है.
निमेष रिपोर्ट को आप नीचे दिए गए लिंक पर पढ़ सकते हैं…
निमेष आयोग ने उठाए यूपी पुलिस पर सवाल
