ये दिल्ली है मेरी जान, गुजरात नहीं

Beyond Headlines
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Ahmad Ansari for BeyondHeadlines

जो दिल्ली के बजाए  गुजरात के विकास की  बात करते हैं वो तथाकथित दोगले किस्म के इंसान होते हैं. या तो उन्होंने अभी तक दिल्ली को देखा नहीं है या फिर जान बुझ कर नज़रे फेर रहे है यहाँ के विकास को देख कर. पिछले दस सालो में दिल्ली ने जितना विकास किया है शायद गुजरात को इतना विकसित  होने में पचास साल लग जायेंगे. आकर देखो दिल्ली को, आंखे चुंधिया जाएंगी तुम्हारी यहाँ के विकास को देखकर… 

delhi at nightआज से पांच साल पहले मैं जब दिल्ली आया था तो दिल्ली इतनी अच्छी नहीं थी जितनी की अब है. पिछले पांच सालो में गज़ब का विकास किया है यहाँ की सरकार ने. पांच साल पहले लोग ब्लू लाइन बसों में सफ़र करते थे. मुझे भी याद है कि मैं भी अक्सर उन ब्लू लाइन बसों में लटक कर आया जाया करता था, लेकिन अब उन ब्लू लाइन डग्गामार बसों की जगह मेट्रो और लो-फ्लोर ऐसी बसों ने ले ली है. अब लोग लटक कर सफ़र नहीं करते. अब मेट्रो यहाँ के लोगों की लाइफ लाइन बन चुकी है. किराया भी कम सफ़र भी आराम का फुल ऐसी. टाइम की बचत अलग!

टाइम से ऑफिस पहुँचना अब लोगों की आदत है. अगर एक दिन मेट्रो बंद कर दी जाये तो  हाहाकार मच जाता है. लाखों लोग घर और ऑफिस नहीं पहुँच पाते. दिल्ली सरकार ये जो तोहफा दिल्ली वालों को दिया है, उसे पाना दिल्ली वालों के लिए गर्व की बात है. ऐसी मेट्रो गुजरात में चलने में सौ साल लग जायेंगे!

अब ब्लू लाइन से दबकर मरने वालों की ख़बरे अख़बारों की सुर्खियाँ नहीं बनती. आइएसबीटी कश्मीरी गेट देखना है तो रात के बारह बजे जाना. पता चल जायेगा विकास क्या होता है. पहले दिल्ली के बस स्टॉप पुराने जंग लगे लोहे के होते थे. और पत्थर की टूटी हुई कुर्सी होती थी. अब चमचमाते स्टील कुर्सी और शीशे से चमचमती स्टैंड की दीवारे दिल्ली की सड़को की शोभा बढ़ाती है. ट्यूब लाइट से चमचमाती और  चिकनी सड़के बहुत कुछ बयान करती है!

नई  दिल्ली का रेलवे स्टेशन भी  फिर से चमचमा उठा है. विश्व-स्तरीय सुविधाएं उपलध हैं. यात्रिओं  के लिए बैठने की खूब जगह है और गाड़ियों के पार्किंग का विशाल स्थान भी दिया गया है.

कनाट प्लेस की खूबसूरती तो देखने को बनती है. सफ़ेद संगमरमर से तराशा हुआ ताज महल दीखता है यहां का पूरा इन्नर सर्किल और आउटर सर्किल एरिया! कनाट प्लेस दिल्ली का दिल और सब से खुबसूरत इलाका है और दुनिया के खुबसूरत मार्किट में शुमार होता है. गुजरात के विकास की बात करने वालों! ज़रा आकर हमारा दिल्ली भी देख लो…

(यह लेखक के अपने विचार हैं.)

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