मनाल ‘हत्याकांड’ : अब क्राइम ब्रांच करेगी इसकी जांच

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BeyondHeadlines News Desk  

वाराणसी : मनाल बंसल ‘हत्याकांड’ मामले में अब एक नया मोड़ सामने आया है. वाराणसी के एसएसपी ने बीएचयू के इस छात्र के मौत के मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी है.

सालों से इंसाफ के लिए संघर्ष कर रहे मनाल बसंल के पिता ज्ञानेश गुप्ता ने BeyondHeadlines से बातचीत में बताया कि मनाल बंसल हत्या की जांच एक साल तक थाना लंका वाराणसी और बाद में सीबी सीआईडी द्वारा न होने से परेशान होकर हम परिजन वाराणसी एस.एस.पी अजय मिश्रा से मिले तो उन्होंने कहा कि आप जाँच मेरे पास लेकर आओ और साथ ही हमें आश्वासन दिया कि मैं आपको जल्द न्याय दिलाऊँगा.

System Fails; Head is Headless in Uttar Pradeshहम इनके आश्वासन पर दिनांक 29 अगस्त, 2013 को सादाबाद विधायक देवेन्द्र अग्रवाल के साथ लखनऊ गये और वहां माo राज्य मंत्री (पंचायती राज)  कमाल अख्तर से मिलें. उन्होंने मुख्यमंत्री अखिलेश कुमार को पत्र लिखकर मनाल बंसल हत्या की जाँच वाराणसी एस.एस.पी से कराने की मांग की और यह दोनों हमे अपने साथ सचिवालय ले गये और वहां विशेष सचिव, मुख्यमंत्री शम्भू सिंह यादव  एवं प्रमुख गृह सचिव आर.एम.श्रीवास्तव से मुलाकात कर उनको अब तक की स्थिति से अवगत कराया.  जिसके परिणाम स्वरूप मनाल बंसल हत्या की जाँच को सीबी सीआईडी से हटाकर वाराणसी एस.एस.पी से कराने के आदेश जारी हुये.

वाराणसी एस.एस.पी अजय मिश्र ने आदेश मिलने की बाद मनाल बंसल हत्या की जाँच क्राइम ब्रांच को सौंप दी है. वो बताते हैं कि इतना भटकने के बाद हमें आज भी इस बात का इन्तजार व उम्मीद है कि जल्द मेरे पुत्र के हत्यारों को सजा ज़रूर मिलेगी.

स्पष्ट रहे कि मनाल बंसल बी.एच.यू बनारस में एम.सी.ए प्रथम वर्ष  का छात्र था. उनके पिता ज्ञानेश गुप्ता के मुताबिक मनाल बंसल की 21 अगस्त, 2012 को  निर्मम हत्या रैगिंग के विरोध में वाराणसी में बीएचयू के कुछ छात्रों द्वारा कर दी गई. पिता बताते हैं कि उसके साथ डालमिया छात्रावास में काफी रैगिंग हुई थी.  एक माह बाद उसकी लाश के हमें दो टुकडे रेलवे ट्रैक पर मिले थे, तब से हम परिजन आज तक दर-दर भटक रहे हैं. शासन के तमाम आदेशों को वाराणसी एस.एस.पी  बी.डी.पाल्सन ने ठुकरा दिया. उन पर कोई कार्यवाही नहीं की और जाँच को हर स्तर पर दबाया जा रहा है. अब आखिरी उम्मीद वाराणसी के क्राईम ब्रांच से है.

आपको बताते चले कि  जब जीआरपी और लंका पुलिस के टालमटोल पर घटना की गुत्थी छह माह में भी नहीं सुलझ पाई, तब शासन ने  मनाल बंसल की मौत की जांच शासन ने सीबी सीआईडी को सौंपी. लेकिन  सीबी सीआईडी भी इस मामले में अभी तक कुछ भी नहीं कर पाई है.

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