अब गाय की हिफाज़त ‘गुजरात मुस्लिम गौ-हिफाजत समिति’ करेगी

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Ilyaskhan Pathan for BeyondHeadLines

पिछले कुछ वर्षो में पशुओं पर अत्याचार के मामले नियमित रूप से सुर्ख़ियों में रहे हैं. अन्य चौपाये पशु के मुकाबले तब बहुत ज्यादा हो-हल्ला मचता है, जब गाय पर अत्याचार की खबरें सामने आती हैं. और ऐसे मामलो में कुछ अपवादों के सिवा ‘अशांति प्रिय तत्व’ ज्यादातर मुसलमानों को ही जिम्मेदार मानते हैं और इसकी भरपाई निर्दोषों से ही वसूलते हैं. गुजरात के बड़ौदा जिले के सांसरोद की घटना इसका ताज़ा उदाहरण है.

खैर, समाज-धर्मों के बीच फूट डालकर हमेशा अशांति की आग फ़ैलाने वाले ऐसे सर्व-धर्म एकता विरोधी तत्वों की मंसूबे तब तक कामयाब नहीं पाएंगी, जब तक दिलावर याकूब, युसूफ परमार और अब्दुल क़्यूम हक़ जैसे इंसानो की इंसानियत जिन्दा है. दरअसल हम बात कर रहे हैं “गुजरात मुस्लिम गौ-हिफाजत समिति” की. रविवार को गुजरात के भरूच में आयोजित बैठक में जिम्मेदार मुस्लिम बुद्धिजीवीओं ने सर्व-अनुमति से निर्णय किया है कि हिन्दू धर्म में जिसे ‘माता’ की हैसियत दी गई है और जिसकी बा-कायदा पूजा की जाती है, उस गाय की हिफाज़त ‘गुजरात मुस्लिम गौ-हिफाजत समिति’ करेगी.

गुजरात मुस्लिम डेवलपमेंट काउन्सिल के अध्यक्ष युसूफ परमार का कहना है कि ‘गुजरात में पिछले कुछ समय से बकरीद जैसे पर्वो पर गौवंश की हेरफेर और क़त्ल के मामलो में प्रसाशन और मुस्लिमों के बीच घर्षण की घटनाए हो रही हैं. इस वर्ष बड़ौदा के सांसरोद की घटना इसका प्रमाण है. जंहा गौ-हत्या के मामले में पुलिस पर हमला करने के बिना पर पुलिस ने बदले की भावना से कई निर्दोष मुसलमानों पर भी जमकर जुल्म ढाये. इस प्रकार के प्रसाशन और स्थानीय लोगों में घर्षण की घटनाओं का निवारण करने के लिए हमने गुजरात के प्रबुद्ध मुस्लिमों की बैठक करके ये फैसला लिया है कि जिस गौवंश पर अत्याचार के बहाने मुसलमानों पर जुल्म हो रहा है, उस गौवंश की हिफाजत भी अब मुस्लिम करेंगे और ये उन लोगों के मूंह पर मज़बूत तमाचा है, जिन्होंने मुसलमानों को गौ अत्याचार के लिए बदनाम किया हुआ है.’

साथ ही इस बैठक में ये भी निर्णय भी लिया गया की गुजरात के किसी भी शहर से समिति के मेम्बर गौ-हिफाज़त की जिम्मेदारी उठाने के लिए तैयार रहेंगे. तथा गुजरात के कई इलाको में जंहा वैध पशुओं को हेर-फेर करने वाले वाहन चालको को राष्ट्रीय मार्गो पर कथित पशु प्रेमी पुलिस की भूमिका में वाहन चालको को मारने, धमकाने और लूटने की घटनाओ को अंजाम दे रहे है. ऐसे तत्वो के खिलाफ कारवाई की मांग भी की गई. बैठक में जमीयते उलेमा-ए-हिन्द, गुजरात के जनरल सेक्रेटरी अब्दुल कैयूम हक़, भारत बचाव आंदोलन के अध्यक्ष फिरोज मिठिबोरवाला, कासम वासठिया, डॉ. हुसैन सरोसिया, प्रो. अल्ताफ राठोड, इरफ़ान कादरी, मौलाना लुकमान भुता, खलील पटेल, अमिन पातरावाला, महमूद पटेल, सलीम उमरजी भी उपस्थित रहे थे. समिति के अध्यक्ष पद के लिए दिलावर याकूब को चुना गया.

सांसरोद की घटना में न्याय की गुहार…

बकरीद के एक दिन पहले और उसके बाद बड़ौदा के सांसरोद में गौ-हत्या के मामले में निर्दोष मुसलमानो पर पुलिस की एक तरफ़ा अमानवीय कारवाई से स्थानीय मुस्लिम खफा हैं. बड़ौदा के कोठी कचेरी, रावपुरा में गुजरात मुस्लिम गौ-हिफाजत समिति, जमीयते उलेमा-ए-हिन्द, भारत बचाओ आंदोलन और गुजरात मुस्लिम डेवलपमेंट काउन्सिल द्वारा “इन्साफ दो धरना” का कार्यक्रम आयोजित किया गया है. जिसमे घटना में पुलिस अत्याचार के पीडितो को इन्साफ दिलाने के लिए गुहार की जाएगी. समाजवादी और शांति प्रिय नागरिको को इस धरना कार्यक्रम में उपस्थित रहने के लिए अपील की गई है. उल्लेखनीय है कि इस मामले में निष्पक्ष न्याय की मांग के लिए गुजरात हाईकोर्ट में जन हित याचिका भी दायर की गई है.

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