Masud Ahmad for BeyondHeadlines
लखनऊ : यूपी के अखिलेश सरकार द्वारा इंटरमीडियट परीक्षा पास कर आगे की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को फ्री लैपटॉप बांटने की योजना में एक बड़ी चूक का मामला सामने आया है. मुज़फ्फरनगर के एस.डी. कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी से डिप्लोमा कर रहे, टैबलेट के लिए पात्र 40 छात्रों को लैपटॉप थमा दिया गया.
17 नवंबर को राज्यमंत्री चितरंजन स्वरूप ने एस.डी. कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में 215 लैपटॉप वितरित किए थे. इनमें पॉलीटेक्निक की मैकेनिकल और सिविल ट्रेड से डिप्लोमा कर रहे 40 छात्र भी शामिल थे. उधर, इसी ट्रेड में पढ़ाई कर रहे गांधी पॉलीटेक्निक के छात्रों को लैपटॉप देने से प्रशासन ने मना कर दिया था. तो गांधी पॉलीटेक्निक के छात्रों ने डीएम कौशलराज शर्मा से दोहरा मापदंड अपनाए जाने की शिकायत की. डीएम ने जांच कराई तो कॉलेज प्रबंधन एवं प्रशासन की चूक सामने आ गई.
इस संबंध में जिला विद्यालय निरीक्षक आर.के. तिवारी से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि एस.डी. इंजीनियिरिंग में डिप्लोमा कोर्स की पढ़ाई कर रहे 40 छात्र टैबलेट के हक़दार थे, जबकि उन्हें कॉलेज की गलत रिपोर्ट पर लैपटॉप बांटे गए. छात्रों से लैपटॉप वापस जमा करने के आदेश पर वे उग्र हो गए. विरोध में छात्रों ने राज्यमंत्री चितरंजन स्वरूप के आवास, डीएम कार्यालय और डीआईओएस कार्यालय पर प्रदर्शन किया.
छात्रों का कहना है कि इसमें उनकी कोई गलती नहीं है. सभी छात्रों ने 23 नवंबर को जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है. मामले को गंभीरता से लेते हुए माध्यमिक शिक्षा विभाग ने डीएम से रिपोर्ट तलब की है.