एम्स अधिकारी संजीव चतुर्वेदी को हटाए जाने पर आप ने हर्षवर्धन से मांगा इस्तीफा

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Avdhesh Kumar for BeyondHeadlines

नई दिल्ली : एम्स के एक अधिकारी संजीव चतुर्वेदी से उसके अधिकार छिनने के मामले में आम आदमी पार्टी ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन का इस्तीफा मांगा है. पार्टी ने आरोप लगाया हैं कि यह एक गंभीर मामला है और भाजपा के इस क़दम से यह भी स्पष्ट हो गया है कि प्रधानमंत्री की कथनी और करनी में फर्क है.

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ईमानदार अधिकारी को नियमों का उल्लंघन करते हुए हटा रही है. आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रशांत भूषण ने कहा कि संजीव चतुर्वेदी इंडियन फोरेस्ट सर्विसिस (हरियाणा काडर) के अधिकारी हैं. उनकी इमानदारी के चलते हरियाणा की हुडा सरकार ने पांच वर्ष के अंदर 12 बार उनका तबादला किया था. जिसके बाद तत्कालीन यूपीए सरकार ने प्रतिनियुक्ति पर चतुर्वेदी को एम्स के मुख्य सतर्कता अधिकारी के पद पर तैनात किया. उनका कार्यकाल जून 2016 तक है. एम्स के कार्यकाल के दौरान चतुर्वेदी ने एम्स में चल रहे भ्रष्टाचार की पोल खोली और कई अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की. इन अधिकारियों में हिमाचल प्रदेश काडर के आईएएस अधिकारी विनीत चौधरी भी शामिल हैं.

विनीत चौधरी भाजपा नेता जेपी नड्डा के करीबी हैं. इसलिए वर्ष 2013 में नड्डा ने चतुर्वेदी के ट्रांसफर की सिफारिश करते हुए तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद को पत्र लिखा था. लेकिन पीएमओ ने हस्तक्षेप करते हुए कहा था कि चतुर्वेदी बेहद ईमानदार अधिकारी हैं और उन्हें इस तरह से नहीं हटाया जा सकता.

आप के नेता मनीष सिसोदिया ने कहा कि सवाल यह है कि क्या वाक़ई मोदी सरकार भ्रष्टाचार को खत्म करना चाहती है या फिर यह जनता को बेवकुफ बनाने का एक तरीका है.

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