यौन शोषण की पीड़िता जेएनयू के चुनावी मैदान में

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BeyondHeadlines News Desk

नई दिल्ली :‘वे चाहते हैं कि मैं पढ़ाई लिखाई छोड़ दूं…इस घटना के बाद मैं अपने घर बैठ जाऊं…लेकिन मैं नहीं बैठूंगी…मैं पॉलिटिकल एक्टिविस्ट हूं और रहूंगी.’

यह कहना है कुछ ही दिन पहले जेएनयू छात्र-संघ के तत्कालीन अध्यक्ष अकबर चौधरी पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली छात्रा का. छात्रा ने अब जेएनयू के छात्र-संघ चुनाव में सेंट्रल पैनल की दावेदारी ठोक दी है.

छात्रा का नामांकन स्वीकार कर लिया गया है. छात्रा के आरोप की जांच फिलहाल जेएनयू की इंटर्नल कमेटी कर रही है. अकबर चौधरी के साथ ज्वाइंट सेक्रेटरी सरफराज हामिद पर भी आरोप था.दोनों को इसके बाद इस्तीफा देना पड़ा था.

अब विपक्षी पार्टी से सेंट्रल पैनल की उम्मीदवार बनी छात्रा पर राजनीतिक लाभ लेने का आरोप लगाया है. इसके जवाब में छात्रा कहती है कि वे लोग यहीं चाहते हैं कि घटना के बाद मैं चुप चाप बैठ जाऊं. तो फिर चुनाव में उनके मुद्दे क्या होंगे?

छात्रा ने कहा कि कैंपस में छात्रों के लिए रहने की जगह नहीं है. हॉस्टल नहीं बनाए जा रहे और इसके लिए लेफ्ट संगठन की ओर से कुछ नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि वे लोग यूजीसी-जेआरएफ के मुद्दे पर खूब आवाज़ उठाते हैं, लेकिन अपनी यूनिवर्सिटी के खिलाफ बात नहीं करना चाहते.

छात्रा ने कहा कि वे पांच महीने के लिए आइसा में रही थी. इससे पहले उसका राजनीतिक करियर नहीं था. उन्होंने आइसा पर आरोप लगाते हुए कहा, ‘वे एडमिशन के वक्त छात्रों की मदद करती है और छात्र उनकी तारीफ करते हैं. हॉस्टल की बात आती है तो किसी तरह इलीगल तरीके से छात्रों के रहने का इंतजाम करा दिया जाता है, बस हो गया.’

क्या उन्हें पिछली घटना का इंसाफ मिल गया है.तो इस प्रश्न के जवाब में उनका कहना है कि जांच चल रही है, उन्हें तब तक कुछ नहीं कहना है.

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