दिल्ली हाईकोर्ट में मनमाने और अवैध ‘ऑफलोडिंग’ को चुनौती

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BeyondHeadlines News Desk

नई दिल्ली : ग्रीनपीस कार्यकर्ता प्रिया पिल्लई ने आज दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपने अवैध और मनमाने तरीके से इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर ऑफलोडिंग किये जाने को चुनौती दी है.

प्रिया के मुताबिक वो 11 जनवरी 2015 को ब्रिटिश सांसदों को संबोधित करने के लिये लंदन जा रही थी. वहां वो सांसदों को सिंगरौली स्थित महान वन क्षेत्र, मध्य प्रदेश में लंदन स्थित कंपनी एस्सार द्वारा किये जा रहे मानवाधिकारों और वनाधिकार के उल्लंघन को लेकर बात करने वाली थी.

उनका कहना है कि सरकारी एजेंसी द्वारा उनकी ‘ऑफलोडिंग’ न सिर्फ उसके व्यक्तिगत स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की आजादी के मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि यह उनके प्रतिष्ठा को जानबूझकर बदनाम करने का प्रयास भी है.

प्रिया कहती हैं कि वो अपने खिलाफ जारी कथित लुकआउट सर्कुलर को भी चुनौती देंगी. उनका कहना है कि सर्कुलर का कोई कानूनी आधार नहीं है क्योंकि उनके खिलाफ न तो किसी तरह के आरोप सिद्ध हुए हैं और न ही वो कभी किसी केस में फरार घोषित हुई हैं.

ग्रीनपीस के कार्यकारी निदेशक समित आईच ने कहा, “प्रिया की ऑफलोडिंग ने लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाया है. सरकार अपने देश के सिविल सोसाइटी के खिलाफ इस तरह का रवैया नहीं अपना सकती है. सरकार को डरने की बजाय सिविल सोसायटी के साथ मिलकर काम करना चाहिए.”

प्रिया की ऑफलोडिंग एक अकेला मामला नहीं है. ग्रीनपीस ने आज जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि पिछले सालभर से उनके कई कार्यकर्ताओं को सरकारी अधिकारियों द्वारा परेशान किया जाता रहा है. एक तरफ सिंगरौली मध्य प्रदेश में शांतिपूर्वक काम कर रहे वनाधिकार कार्यकर्ताओं को आधी रात में गिरफ्तार किया गया, वहीं ग्रीनपीस ब्रिटेन के कई कार्यकर्ताओं को भारतीय एयरपोर्ट पर पूछताछ का सामना करना पड़ा. ऐसे ही एक कार्यकर्ता बेन हर्गरेव्स को वैध वीजा होने के बावजूद एयरपोर्ट से ही ब्रिटेन वापस भेज दिया गया था.

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