Afroz Alam Sahil for BeyondHeadlines
आम आदमी पार्टी की फंडिंग में फर्जीवाड़ा को लेकर भारतीय मीडिया व राजनीति में घमासान मचा हुआ है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी आज अपने भाषण में आम आदमी पार्टी पर चोट करते नज़र आएं. यहां तक इसे एक विज्ञापन में भी मुद्दा बनाया गया है.
लेकिन BeyondHeadlines को आरटीआई से हासिल महत्वपूर्ण दस्तावेज़ बताते हैं कि फंडिंग के फर्ज़ीवाड़े में भाजपा का अतीत भी साफ नहीं है.
चुनाव आयोग से हासिल आरटीआई के दस्तावेज़ बताते हैं कि साल 2004-05 और 2005-06 में भाजपा ने भी शहादरा के एक ऐसे शिक्षण संस्थान से 1.4 करोड़ का चंदा लिया था, जो असल में अस्तित्व में था ही नहीं.
हमने खुद 2008 में इसकी तहक़ीक़ात की थी. जिस पते से चंदा दिया गया था, उस पते पर भी गए थे. पर अकीक एजुकेशन सेन्टर का सच हमारे सामने आ गया. यहां न कोई शिक्षा था और न ही शिक्षा देने वाला कोई शिक्षक और न ही उसकी हालत चंदा देने लायक थी. ये तो एक साधारण सा घर था. घर की महिलाओं ने खुद बताया कि यहां इस नाम का कोई संस्थान या व्यक्ति नहीं है.
बाद में हम इस घर के मालिक सुबोध कुमार से भी मिले. पहले तो उन्होंने हमें इसके बारे में बताने से मना कर दिया था. लेकिन हम जब हम इंडियन एक्सप्रेस के टीम के साथ गए तो सुबोध कुमार ने बताया कि उनके बड़े भाई अक़ीक़ एजुकेशन सेन्टर के डायरेक्टर हैं, जो कंस्ट्रक्शन का भी काम करते हैं. उन्होंने हमें यह भी बताया था कि अक़ीक़ सेन्टर का कोई ऑफिस नहीं है.
जब हमने बताया कि ‘पर पता तो इसी घर का है’ तो उनका कहना था- “रजिस्टर्ड ऑफिस तो यही है, पर वैसे चलता फिरता ऑफिस है हमारा…” जब हमने आगे चंदा देने के बारे में और बातचीत करने की कोशिश की तो उन्होंने इस संबंध में बातचीत करने से इंकार कर दिया और बताया कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है. वो मेरे बड़े भाई ही बता पाएंगे.
हम उनके बड़े भाई से मिलने अगले दिन भी गए. तो अगले दिन फिर सुबोध कुमार ही मिले. अब कल तक यह कह रहे हैं कि भाई आकर कल मिल लेना, उन्होंने ही बताया कि छूट्टी पर हैं और बाहर गए हुए हैं. और इसके बाद आगे बात करने से साफ इंकार कर दिया. इसकी ख़बर उस समय इंडियन एक्सप्रेस में हमारे उत्कर्ष आनन्द ने भी की थी. इंडियन एक्सप्रेस में खबर आने के बाद भी हम लगातार उस पते पर जाते रहे, पर घर की औरतों ने साफ मना कर दिया कि यहां ऐसा कोई संस्था नहीं है.
हम आपको बताते चलें कि उस घर का पता ’88, बलदेव पार्क, शहादरा, दिल्ली-32’ है. और चंदा देने वाले संस्था का नाम अकीक एजुकेशन सेन्टर (प्रा.) लिमिटेड है. इस संस्था ने भाजपा को 2005-06 में एक ही बार में नौ चेकों की मदद से 75 लाख रुपये दे डाले. इसके पिछले वर्ष यानी 2004-05 में भी यह संस्था 65 लाख रुपये चंदा भाजपा को दे चुकी है.
दिलचस्प यह है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दिल्ली में अपने विपक्षी पार्टी को घेरते नज़र आ रहे हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि उनकी खुद की पार्टी का अतीत भी बहुत ज़्यादा साफ नहीं है. चुनाव आयोग के मुताबिक उन्होंने 2013-14 में मिलने वाले अपने चंदे की जानकारी अभी तक चुनाव आयोग को नहीं सौंपा है.
यही नहीं, एसोसियशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म की रिपोर्ट बताती है कि भाजपा फंडिंग के फर्ज़ीवाड़ा के मामले में सबसे आगे है. राजनीतिक दलों में काले धन के इस्तेमाल के संबंध में काले धन की जांच के लिए बने एसआईटी की टीम को यह संस्था एक मेमोरेंडम भी दे चुकी है.
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