BeyondHeadlines Special Correspondent
गया जेल के क़ैदियों ने पिछले दिनों अपना 20 सुत्रीय मांग-पत्र जेल प्रशासन को सौंपा है. साथ ही इस मांग-पत्र की कॉपी देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, बिहार के मुख्यमंत्री सहित अनेकों अधिकारियों को डाक के ज़रिए भेजा है…
उनकी 20 मांगे इस प्रकार हैं:-
- इरोम शर्मीला के 14 वर्षों से जारी आमरण-अनशन को सम्मान जनक वार्ता कर समाप्त कराया जाये तथा सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (अफसपा) को रद्द किया जाये.
- बिहार-झारखण्ड सहित देश के तमाम राज्यों में उग्रवादी व आंतकवादी अभियान के नाम पर आम जनता, समाजिक राजनीतिक व आरटीआई कार्यकर्ताओं पर फर्जी मुक़दमा व टेबल वर्क अनुसंधान को सख्ती से रोक लगाओ तथा गुप्त सूचना के आधार पर प्राथमिकी दर्ज करना बंद करो.
- बिहार-झारखण्ड सहित देश के तमाम लंबित सिंचाई परियोजनाओं को अविलम्ब पूरा कर किसान के खेतों में पानी पहुंचाने की गारंटी करें.
- बिहार-झारखण्ड सहित देश के विभिन्न हिस्सो में यू.ए.पी.ए.सी.ए, 17 सी.एल.ए.एक्ट के अलावे अन्य काले क़ानूनों को रद्द करो ओर झूठा इतिहास लिखना बंद करो.
- सोन नहर सहित देश के तमाम जर्जर सिंचाई परियोजनाओं को अविलम्ब आधुनिकीकरण करो.
- प्रत्येक गिरफ्तार व्यक्ति को तीन माह के अंदर सभी आरोपों को स्पष्ट करो तथा वर्षों-वर्षों तक मुक़दमा भेजना बंद करो. मुक्ति के अनुसन्धान में दोनों पक्षों के बयान दर्ज करो.
- कारा-मुक्ति के समय जेल गेट पर गिरफ्तार कर नज़रबंद करने तथा पुन: जेल भेजने का सिलसिला बंद करो तथा दोषी पुलिस अधिकारियों को दण्डित करो.
- सर्वोच्च न्यायलय के दिशा-निर्देश के आलोक में सज़ा अवधि का आधा समय काट चुके विचाराधीन बंदियों को कारा मुक्त करो तथा सजा की अवधि पूरा कर चुके क़ैदियों को अविलम्ब रिहा करो.
- शिक्षालय, न्यायालय, चिकित्सालय में व्यवसायीकरण बंद करो तथा सस्ता व सुलभ शिक्षा, चिकित्सा व न्याय प्रणाली सुनिश्चित करो.
- बिहार-झारखण्ड सहित देश के राज्यों में एम.ओ.यू पर किये गए सभी ह्स्ताक्षर रद्द करो.
- पुलिस लॉकअप में बंद व्यक्तियों का हत्या व टॉर्चर करना बंद करो तथा दोषी अधिकारियों को दंडित करो.
- दलित आदिवासी, अल्पसंख्यक, महिलाओं, स्कूली छात्राओं की हिफाज़त की गारंटी करो तथा लोकतान्त्रिक अधिकार बहाल करो.
- गिरफ्तारी के तीन साल बाद तक बिना विचार के जेल में रह रहे बंदियों को कारा मुक्त करो तथा जेल में बंद बंदियों को मरने के बाद उसके परिजनों को 10 लाख मुआवजा के रूप में भुगतान की गारंटी करो.
- वर्षों से विस्थापित परिवारों को पुनर्वास तथा रोज़गार की गारंटी करो.
- राज्य का सशक्तीकरण और जनता का नीविभिकरण के सिद्धान्त पर राष्ट्र को निर्बल, गुलाम तथा बेबस बनाने वाली औपनिवेशिक नीति के अनुपालन के खिलाफ व्यापक प्रगतिशील जनवादी व कन्यूनिस्ट क्रांतिकारी शक्तियां गोलबंद हो तथा क्रांतिकारी राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा कायम करो.
- जल, जंगल, ज़मीन पर मेहनतकश अवाम का अधिकार सुनिश्चित कराने हेतु तमाम प्रगतिशील, जनवादी व क्रांतिकारी शक्तियां गोलबंद हों.
- ऑपरेशन ग्रीन हंट व अन्य दमनकारी अभियान के खिलाफ तमाम राष्ट्रवादी व देशभक्त शक्तियां गोलबंद हों.
- दहेज हत्या- दहेज उत्पीड़न क़ानून का दुरुपयोग बंद कराने का मार्ग सुनिश्चत करो. इसके नाम पर घर के हर महिला-पुरुष, बच्चे-बूढ़े व जवान को बिना किसी जांच के एक पक्षीय प्राथमिकी के आधार पर गिरफ्तारी बंद करो तथा अनुसंधान में दोनों पक्षों का बयान दर्ज करो.
- राज्य एवं केन्द्रीय सरकार के वरीय व कनिय अधिकारियों तथा सामान्य कर्मचारियों एवं सर्व निम्न मज़दूरो के बीच तेजी से बढ़ते आर्थिक सामाजिक विषमताओं पर रोक लगाओ.
- उग्रवाद-आंतकवाद के साथ सांठ-गांठ व समथर्क बताकर जनवादी व क्रांतिकारी राजनीतिक व समाजिक संगठनों-संस्थाओं पर लगाये गए प्रतिबंध वापस लो तथा प्रतिबंद लगाना बंद करो.