उन्नाव के किसानों पर लाठी चार्ज और मुक़दमा, अखिलेश सरकार को पड़ेगा महंगा –रिहाई मंच

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BeyondHeadlines News Desk

लखनऊ : रिहाई मंच ने उन्नाव के शंकरपुर गांव में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम (यूपीएसआइडीसी) द्वारा जबरन भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आवाज़ उठाने वाले किसानों पर लाठी चार्ज और मुक़दमा दर्ज करने को प्रदेश सरकार की किसान विरोधी नीति क़रार देते हुए किसानों पर दर्ज मुक़दमा तत्काल वापस लेने और दोषी शासन-प्रशासन के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

मंच ने सपा सरकार को उसका चुनावी वादा याद दिलाते हुए कहा है कि वादे के मुताबिक वह अधिग्रहण की गई ज़मीन का मूल्य 6 गुने से अधिक दे तथा अधिग्रहण के दौरान किसानों की सहमति के बिना कोई ज़मीन अधिग्रहीत न की जाए.

रिहाई मंच नेता हरेराम मिश्र ने कहा कि सपा सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में वादा किया था कि वह खरीदी जाने वाली भूमि की दर से 6 गुना अधिक मुआवजा देगी. प्रदेश सरकार ने जिससे मुकरते हुए पिछले दिनों इसे शहरी क्षेत्र में दो गुने और ग्रामीण क्षेत्र में चार गुना से अधिक नहीं पर सीमित कर दिया और अब उन्नाव में चार गुना मुआवजा राशि देने को भी वह तैयार नहीं है.

उन्होंने कहा अपनी वाजिब मांगों को उठाने पर किसानों पर जिस तरीके से प्रदेश सरकार की पुलिस ने बर्बर लाठी चार्ज किया और उसके बाद उनसे बातचीत कर उनकी बातों को शासन तक पहुंचाने का झूठा आश्वासन देकर दूसरे दिन 48 नामजद व एक हजार अज्ञात किसानों पर मुक़दमा दर्ज किया, उसने प्रदेश सरकार की दमनात्मक भूमि अधिग्रहण नीति के चेहरे को उजागर कर दिया है. यह साफ करता है कि सपा और मोदी सरकार की नीतियों में कोई अंतर नहीं है.

एक तरफ उन्नाव समेत पूरे प्रदेश में किसान आत्महत्या कर रहे हैं, दूसरी तरफ सरकार किसानों की सहमति लेने की बात कर, उसके हल निकलने तक अधिग्रहण न करने का झूठा आश्वासन देकर मुक़दमा दर्ज कर रही है. इससे साफ जाहिर होता है कि प्रदेश सरकार प्रदेश के किसानों को मुक़दमों का डर दिखाकर तत्काल भूमि छोड़ने की चेतावनी दे रही है.

जिस तरीके से अखिलेश सरकार उन्नाव के किसानों पर मुक़दमा दर्ज कर उनके गांव में पीएसी-पुलिस की छावनी बनाकर भूमि अधिग्रहण करने पर उतारू है वह अखिलेश सरकार को मंहगा पड़ेगा.

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