Shariq Ansar for BeyondHeadlines
नई दिल्ली : भूमि अधिग्रहण बिल के विरोध में आज जंतर- मंतर पर आयोजित आम आदमी पार्टी के किसान रैली में पेड़ से लटक कर एक किसान ने आत्महत्या कर ली. गजेंद्र नाम का ये किसान राजस्थान के दौसा जिले के नांगल झामरवाड़ा गांव का रहने वाला था, और इस रैली में विशेष रूप से शामिल होने आया था.
देश की राजधानी में हज़ारों की भीड़ के सामने दिल दहला देने वाली इस घटना से चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई. जिस वक़्त ये घटना घटी, आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के साथ सभी नेता मंच पर मौजूद थे. वह रैली के दौरान जंतर-मंतर के पास मौजूद बड़े से पेड़ पर चढ़ गया और अपने गमछे से फांसी लगाने लगा.
आसपास मौजूद लोगों ने उसे देखा और उसे रोकने की कोशिश की. कुछ लोग पेड़ पर चढ़े और उसका फंदा हटाकर नीचे उतारा. इसके बाद पुलिस आकर उसे अपनी गाड़ी में लेकर गई. और कुछ देर बाद राम मनोहर लोहिया अस्पताल में उसे मृत्य घोषित कर दिया गया.
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली पुलिस पर आरोप लगे है कि अगर वक़्त रहते पुलिस हरकत में आ जाती तो किसान का जान बचाया जा सकता था. वहीं दूसरी तरफ राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीयमंत्री सचिन पायलट ने अरविन्द केजरीवाल पर किसान के साथ लापरवाही का आरोप लगाये हैं.
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी अस्पताल पहुंच कर कहा कि किसान और मज़दूर घबराये नहीं, मैं उनके साथ हूँ. इस घटना के बाद बयानबाजी का सिलसिला शुरू हो चूका है.
मृतक किसान ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है, जिसमें लिखा है कि मैं राजस्थान का रहनेवाला एक किसान हूं और मेरे तीन बच्चे हैं. बारिश से मेरी पूरी फ़सल बर्बाद हो गई है. मेरे पिता ने मुझे घर से बाहर निकाल दिया है. जय जवान, जय किसान…
देश भर में किसानों की बदतर हालत का गवाह आज जंतर-मंतर बना. संसद के बेहद क़रीब और हज़ारों लोगों, बड़े प्रशासनिक अधिकारियों, पुलिस कर्मियों के सामने घटित होने वाली इस घटना ने देश भर में किसानों की मौजूदा हालत को सामने लाया है. सैकड़ों किसानों की मौत पर खामोश रहने वाली सरकार की बेहिसी का इस से बुरा हालत और नहीं हो सकता है.