नेता अब सरकारी विज्ञापन में नहीं दिखने चाहिए –सुप्रीम कोर्ट

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BeyondHeadlines News Desk

सुप्रीम कोर्ट ने जनता के पैसे से मीडिया में नेताओं के फोटो वाले विज्ञापन प्रसारित-प्रकाशित करने पर रोक लगा दी है. अदालत ने कहा है कि इस तरह के विज्ञापनों में केवल राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और भारत के मुख्य न्यायाधीश की ही फोटो होगी.

जस्टिस रंजना गोगोई और एनवी रामन्ना की पीठ ने अदालत की निर्देश पर गठित समिति की अधिकतर सिफारिशों को मान लिया. सिवाए एक के कि ऐसे इश्तहारों में मुख्यमंत्री और राज्यपालों की तस्वीर लगाई जाए.

पीठ ने सरकार को इन निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए तीन लोगों की एक समिति बनाने का भी निर्देश दिया है.

अदालत ने कहा कि उसे उम्मीद है कि सरकार उसकी ओर से जारी सभी निर्देशों का पालन करेगी.

अदालत ने पिछले साल अप्रैल में राजनीतिक फ़ायदे के लिए सार्वजनिक विज्ञापनों का दुरुपयोग रोकने और एक नीति बनाने के लिए एक समिति बनाने का निर्देश दिया था.

प्रोफ़ेसर एनआर माधवा मेनन की अध्यक्षता वाली इस समिति ने अक्तूबर में अपनी सिफारिशें दी थीं.

लोकसभा के पूर्व सचिव टीके विश्वनाथन और सालिसीटर जनरल रंजीत कुमार इसके सदस्य थे.

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