यूपी के कई पत्रकार दहशत में, परिजनों के सुरक्षा की गुहार

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BeyondHeadlines News Desk

उत्तर प्रदेश के शाहजंहापुर में पत्रकार जगेन्द्र सिंह को राज्यमंत्री राम मूर्ति सिंह वर्मा द्वारा जिंदा जलवा देने की घटना, बहराइच में आरटीआई कार्यकर्ता गुरू प्रसाद शुक्ला की हत्या, कानपुर में पत्रकार को गोली मारने और बस्ती में पत्रकार पर हमले के बाद अब मिर्जापुर के थाना जिगना ग्राम मनकथा निवासी पत्रकार अनुज शुक्ला की पैत्रिक ज़मीन पर समाजवादी पार्टी के दबंग राधेश्याम यादव पुत्र अनन्त यादव स्थानीय विधायक भाई लाल कोल के प्रतिनिधि विनोद यादव के संरक्षण में पुलिस की मदद से अदालती स्टे के बावजूद जबरन कब्जा किये जाने का मामला प्रकाश आया है. जिसके बाद पत्रकार का परिवार काफी डरा हुआ है और उसके जान का भी खतरा है.

वहीं एक दूसरी घटना रायबरेली के रहने वाले दिल्ली में रह रहे वरिष्ठ पत्रकार प्रशान्त टंडन के साथ भी घटित हुआ है. उनके घर चन्द्रापुर हाउस में कल रात साढ़े ग्यारह बजे  मकान मालिक के पुत्र अजय त्रिवेदी अपने गुंडों द्वारा मकान में तोड़-फोड़ की. इस पर जब घर वालों ने आपत्ति वयक्त किया तो गुंडों ने प्रशान्त टंडन की मां मीरा टंडन के साथ मारपीट की. उसके बाद डराने की नियत से  फायरिंग भी की.

इस संबंध में लखनउ की सामाजिक संस्था रिहाई मंच ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और डीजीपी को एक पत्र के माध्यम से इस घटना से रूबरू कराया है. रिहाई मंच का कहना है कि इस तरह के घटना होने के बाद भी जिला प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई न करने की घटना साफ करती है कि पुलिस प्रशासन द्वारा अपराधियों को खुला संरक्षण दिया जा रहा है.

इस पत्र में रिहाई मंच सरकार से यह मांग की है कि रायबरेली के वरिष्ट पत्रकार प्रशान्त टंडन व मिर्जापुर के पत्रकार अनुज शुक्ला व उनके परिजनों की सुरक्षा दी जाए. साथ ही यह कहा कि पत्रकार प्रशांत टंडन और अनुज शुक्ला व उनके परिजनों के साथ किसी भी अप्रिय घटना के होने की स्थिति में आप प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व डीजीपी ए. के. जैन जिम्मेदार होंगे.

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