BeyondHeadlines News Desk
हरयाणा के गुड़गांव में मस्जिद हटाने के नाम पर मुसलमानों को ही हटाया जा रहा है.
दरअसल गुड़गांव के सराय अलवर्दी में एक मस्जिद सालों से वीरान थी. क़रीब दो दशक पहले यहां काम करने आए मुसलमान मज़दूरों ने इस मस्जिद को फिर से आबाद किया और यहां रहने लगे.

लेकिन अब जब मुसलमानों ने इसकी मरम्मत करवाकर यहां नमाज पढ़नी शुरू की थी तो भारत के पुरातत्व विभाग को इसका ख़्याल आया.
ऐतिहासिक इमारतों से संबंधी क़ानून का हवाला देकर अब यहां रहने वाले लोगों को हटाया जा रहा है.

क़ानून के मुताबिक किसी भी ऐतिहासिक इमारत के इर्द-गिर्द सौ मीटर तक निर्माण नहीं हो सकता है.
गुड़गांव प्रशासन ने यहां से हटाए जा रहे लोगों के लिए घर भी अलॉट करने की बात कही है लेकिन अभी लोगों को कुछ भी नहीं दिया जा रहा है.
मंगलवार को कार्रवाई करते हुए गुड़गांव प्रशासन ने 35 मकान तोड़ दिए. यहां क़रीब 110 मकान है.
प्रशासन का कहना है कि बाक़ी मकानो को भी तोड़ा जाएगा.
स्थानीय मीडिया या कोई और सामाजिक संगठन इनकी मदद के लिए आगे नहीं आ रहा है.
पुरातत्व विभाग के पास मकानों को हटाने का कोर्ट का आदेश है.
लेकिन लोगों का कहना है कि मस्जिद बचाने के नाम पर यहां से मुसलमानों को हटाया जा रहा है.
ये बेशक़ीमती ज़मीन है.
मौक़े पर मौजूद सामाजिक कार्यकर्ता इस्लामुद्दिन कहते हैं कि प्रशासन के इस रवैये से लगता है कि मुसलमानों को यहां से एक रणनीति के तहत हटाया जा रहा है.
उनके मुताबिक आसपास कोई और मुस्लिम आबादी नहीं है. ऐसे में मुसलमानों के ना होने पर ये मस्जिद फिर से वीरान हो जाएगी.
वैसे इस देश में हज़ारों ऐसी ऐतिहासिक इमारतें है जिनके इर्द-गिर्द अब मकान बन गए हैं लेकिन पुरात्तव विभाग कार्रवाई नहीं करता है.
(BeyondHeadlines.in के साथ फ़ेसबुक पर ज़रूर जुड़ें)